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About Us

  1. संस्था का नाम: इस संगठन संस्था का नाम अखिल भारतीय वैश्य परिवार संघ है । इस संस्था का कोड ऑफ सोसायटी “02-समाज कल्याण” होगा ।

 

  1. पंजीकृत कार्यालय: संस्था का पंजीकृत कार्यालय 456/2, अम्बेडकर नगर एक्सटेंशन, हैदरपुर खादर, नई दिल्ली-110088 है। आवश्यकता अनुसार देश-विदेश के विभिन्न स्थानों पर इसकी शाखाएं खोली जा सकती हैं l

 

  1. कार्यक्षेत्र : संस्था का कार्यक्षेत्र पूरा भारत वर्ष होगा व इसकी शाखाएँ विदेश में भी आवश्यकतानुसार  खोली जा सकती हैं l

 

  1. संस्था के उद्देश्य : संगठन संस्था का मुख्य उद्देश्य समस्त वैश्य समाज को संगठित करना, एक मंच पर लाना व विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से इसका आध्यात्मिक, धार्मिक, सामाजिक, आर्थिक व  राजनीतिक क्षेत्र में आपस में मिलकर चहुंमुखी विकास करना है, जो  “सब  का साथ - सब का विकास”  की नीति पर आधारित होगा I  जरुरतमंदों की शिक्षा, ईलाज व शादी-विवाह के लिए आर्थिक मदद की व्यवस्था की जाएगी l  अखिल भारतीय वैश्य परिवार संघ का गठन समस्त वैश्य समाज के सभी  घटकों के समस्त परिवारों, समाज की सभी कार्यरत संस्थाओं को एक मंच पर लाने व एक सूत्र में पिरोने के लिए किया गया है, क्योंकि हम जानते हैं कि हम एक हैं तो सर्वश्रेष्ठ हैं और अगर हम अनेक हैं (यानि बिखरे हैं) तो मतलब साफ है l हम ये भी अच्छी तरह जानते हैं की संघे शक्ति कलोयुगे – कलयुग काल में संघ में ही शक्ति होती है l आपसी फूट में तो सर्वनाश होता है व कुछ शेष नहीं बचता l  समाज की यह संस्था समाज के लोगों के हित के लिए ही बनाई है l  संस्था का अपना कोई निजी हित नहीं  है, अगर है भी तो बस इतना कि हमारे सभी परिवार सुख शान्ति व स्वाभिमान से अपना जीवन जीएं, नाम कमाएं व किसी को कोई तकलीफ न हो l

 

  1. NOTE: All the income, earning, moveable, immovable properties of the societies shall be solely utilized and applied towards the promotion of its aim and objects only set forth in the memorandum of association and no profit thereof shall be paid or transferred directly or indirectly by way of dividends, bonus, profits or in any manner whatsoever to the present and past member of the society or to any person claiming   through any or more of the present or past member. No member of society shall have any personal claim on any moveable or immovable properties of the society or make any profit, whatsoever by virtue of his membership.

6.     संस्था की संगठन प्रणाली :-  किसी भी संस्था को सफल बनाने में उसकी संगठन प्रणाली का  बहुत बड़ा रोल होता है l  संस्था तभी कामयाब होगी जब उसकी संगठन व  कार्य  प्रणाली पर इससे जुड़ने वाले व्यक्ति को पूरा भरोसा हो कि इस संस्था के उद्देश्य तो ठीक हैं ही, अपितु इसकी संगठन व कार्य प्रणाली भी स्थिर व स्पष्ट है l  कोई भी   कार्यकर्त्ता किसी संस्था से तभी जुड़ना चाहेगा जब उसको वहां उचित मान-सम्मान मिले व उसके स्टेटस के अनुरूप उसे सेवा कार्य मिले l

a.   संगठन की कड़ी में इसके कार्यकर्त्ता ही इसके प्रबन्धक होंगे l प्रतिनिधि सदस्य जो अपने आस-पड़ोस के आठ या दस या बारह परिवारों का प्रतिनिधित्व करेगा                             अथवा  समाज  व संस्था के बीच एक मजबूत सेतु का कार्य  करेगा l प्रतिनिधि सदस्य बनने के लिए व्यक्ति को अपने जनगणना फार्म में इच्छा प्रकट करनी होगी l इसके  अतिरिक्त वह संस्था कार्यालय में भी सम्पर्क कर सकता है l   प्रतिनिधि सदस्य ही वहाँ की संगठन इकाई की कार्यकारिणी का गठन करेंगे व सभी कार्यकारिणी  के सदस्य मिलकर अपने  पदाधिकारियों का चुनाव करेंगे, जो समाज हित में सभी आवश्यक कदम उठाने के लिए सक्षम होंगे l प्रतिनिधि सदस्य समाज का कोई  भी  बच्चा, लड़का या लड़की, बड़ा या छोटा, पुरुष या स्त्री बन सकता है l

b.   इसके अतिरिक्त जो व्यक्ति अपने व्यस्त जीवन से समाज हित के लिए कुछ समय नहीं निकाल सकते व विशेष आर्थिक सहयोग कर सकते हैं,   उनके इस सहयोग को भी महत्व देते हुए ऐसे व्यक्तियों को भी कार्यकारिणी में लिया जाएगा व उन्हें भी वोट का बराबर अधिकार होगा l  इसके अलावा कुछ व्यक्तियों को उनकी कुछ विशिष्ठता के कारण समाज हित में संस्था से जोड़ा जाता है, तो ऐसे सदस्य भी विशिष्ठ सदस्य कहलाएंगे, मगर वोट देने के तभी हकदार होंगे जब वे अपना न्युनत्तम अपेक्षित सहयोग देंगे l

c.   इन्हीं स्थानीय कार्यकारिणी सदस्यों में से जिला कार्यकारिणी के सदस्य नामित किए जाएंगे व कुछ आर्थिक सहयोग के आधार पर व कुछ अपनी विशिष्टता के कारण सदस्य हो सकते हैं l  ये सभी मिलकर जिला कार्यकारिणी का गठन करेंगे व अपने जिला पदाधिकारियों का चुनाव करेंगे l  इसी प्रकार राज्य स्तर की इकाई का गठन होगा व अपना कार्य करेगी l

d.   इसी प्रकार राज्य कार्यकारिणी में से केन्द्रीय कार्यकारिणी के लिए सदस्य नामित किए जाएंगे व कुछ आर्थिक सहयोग के आधार पर व कुछ अपनी विशिष्टता के कारण सदस्य हो सकते हैं l  संस्थापक सदस्य तो अपने जीवनकाल तक केन्द्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहेंगे l ये सभी मिलकर केन्द्रीय कार्यकारिणी का गठन करेंगे व अपने केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड के पदाधिकारियों का चुनाव करेंगे l इसे हम THINK TANK का नाम भी दे सकते हैं, जिस पर संस्था चलाने के सारी जिम्मेदारी होगी l  किसी विशेष प्रोजेक्ट/कार्यके लिए कोई अलग से समिति गठित की जा सकती है l इसी प्रकार केन्द्रीय स्तर का प्रबन्धन बोर्ड  का गठन हो जाएगा l संस्था के प्रारम्भ में (प्रथम सत्र में) ऊपर से नीचे तक  सभी सदस्य नामित (selection by choice) होंगे व अपनी कार्यकारिणी तथा पदाधिकारियों का चुनाव करते हुए प्रथम कार्यकाल पूरा करेगी, इसके पश्चात व्यवस्था बन जाने पर नीचे से लोकतान्त्रिक आधार पर चुन कर आयेंगे l 

e.   संस्था द्वारा हाथ में लिए गए कार्यों को स्थानीय इकाई द्वारा अपने अपने क्षेत्र में लागु किया जाएगा, जिसकी देखरेख जिला, राज्य व राष्ट्रीय इकाई करेगी l  जहां कहीं   कोई  कमी नजर आएगी,वहां सभी तरहका सहयोग व मार्गदर्शन किया जाएगा l सभी के सहयोग से मिलकर केन्द्रीय कार्य योजना (Central Action Plan) तैयार की  जायेगी,    जिसे योजनाबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा l

f.    संविधान अनुसार समय पर चुनाव करवाए जाएंगे l  संस्था का सारा कार्य संविधान अनुसार लोकतांत्रिक ढंग से पूर्ण किया जाएगा l  समय समय पर कार्यकर्त्ताओं को  आवश्यक  प्रशिक्षण भी दिया जाएगा l  काम करने वाले कार्यकर्त्ता को यथा समय उचित तरीके से सम्मानित किया जाएगा l  हर इकाई अपने कार्य की प्रगति रिपोर्ट  अपने  से  ऊपर की प्रबन्धन इकाई को करेगी व उसकी एक प्रति मुख्यालय को भी भेजी जायगी, जिसकी समय समय पर समीक्षा होगी व संगठन प्रणाली में जहां कहीं  जरूरत होगी,  आवश्यक सुधार भी किया जाएगा l

7.      सदस्यता : वैश्य समाज का कोई भी व्यक्ति, जो वैश्य समाज के ज्ञात 365 घटकों में आता है या अपने को वैश्य कुल में पैदा हुआ मानता है, संस्था का फार्म भर कर  सदस्य  बन सकता है l

     (1)  सदस्यता के प्रकार:-

a. जनसाधारण सदस्य–जिसका सदस्यता फार्म में नाम है, चाहे वह बालिग़ है या नहीं, उसे संस्था का जनसाधारण सदस्य कहा जायेगा I

b.  साधारण सदस्य– जनसाधारण सदस्यों में से जो चालू वर्ष   के प्रथम दिन 18 वर्ष का हो चुका है, वह उस वर्ष से साधारण सदस्य कहलाएगा l   साधारण सदस्य ही कार्यकारिणी का सदस्य बन सकता है l वोट डालने का अधिकार भी केवल 18 वर्ष याअधिक आयु वाले को होगा l

c.  प्रतिनिधि सदस्य– जो व्यक्ति समाज हित में अपना समय निकाल कर संस्था के लिए काम करता है तथा अपनी गली या आस-पड़ोस के औसत 10 से 15 या कम घरों/परिवारों का प्रतिनिधित्व करता है, उसे प्रतिनिधि सदस्य कहेंगे I  कार्यकर्त्ता नेटवर्क में औसत प्रति 10 घरों के पीछे एक प्रतिनिधि सदस्य ( व एक स्टैंडबाई ) उनकी इच्छानुसार काम के आधार पर लिए जायेंगे l सभी प्रतिनिधि सदस्य, जो 18 वर्ष की आयु (as on 1st day of F.Y.) के होंगे, मिलकर अपनी वहां की संगठन संस्था की  कार्यकारिणी समिति का चुनाव करेंगे I ये प्रतिनिधि सदस्य संस्था व उन 10 परिवारों के बीच एक सेतु का कार्य करेगें I  प्रतिनिधि सदस्य, कोई भी छोटा, बड़ा, पुरुष, स्त्री चाहे कोई भी आयु हो, बन सकता है, परन्तु  कार्यकारिणी का सदस्य केवल  वयस्क सदस्य ही बन सकता है l

d.    विशिष्ट सदस्य: प्रतिनिधि सदस्यता के रास्ते से न आकर,  जो बालिग़ व्यक्ति विशेष को उसकी  विशिष्टताओं के कारण संस्था के हित में किसी भी स्तर पर (यानि स्थानीय स्तर पर, जिला स्तर पर या राज्य स्तर पर) संगठन संस्था के कार्यकारिणी सदस्य के रूप में लिया जाता है तो ऐसा सदस्य  विशिष्ट सदस्य कहलाएगा I

e.    आजीवन सदस्य: जो भी बालिग़ व्यक्ति संस्था को   नियमानुसार अपना आर्थिक सहयोग या विशेष आर्थिक सहयोग  करेंगे, उनके आर्थिक सहयोग  के आधार पर, उसके जीवन काल तक वह आजीवन सदस्य कहा जायेगा I सहयोग की राशि अनुसार उसे उस स्तर की कार्यकारिणी का आजीवन  सदस्य  बनाया जायेगा I

f.    राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य या केन्द्रीय कार्यकारिणी सदस्य या केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड सदस्य या Member ThinkTank:-संस्था की केन्द्रीय कार्य  योजना तैयार करने, उसे लागू करने, समीक्षा करने, सुधार करने का दायित्व रहेगा (To prepare Central Action Plan and to implement, to monitor / follow  up, to review and to improve it from time to time), उन्हें राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य या केन्द्रीयकार्यकारिणी सदस्य या केन्द्रीय  प्रबन्धन बोर्ड सदस्य या Member Think Tank कहा जाएगा I सभी संस्थापक सदस्य अपने पूरे जीवन तक संस्था के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य या  केन्द्रीय  कार्यकारिणी सदस्य या केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड सदस्य या Member Think Tank रहेंगे l जीवनकाल में इनके द्वारा नामित व्यक्ति या सदस्य  की  मृत्यु के पश्चात  उनके द्वारा नामित कोई भी सदस्य या योग्य उतराधिकारी संस्था का स्थाई सदस्य होगाl केन्द्रीय कार्यकारिणी मेंप्रत्येक राज्य  कार्यकारिणी  से भी सदस्यों को  लिया जाएगा, जो संस्था के उद्देश्य पूर्ति में समर्पण भाव से तन,मन व धन से विशेष सहयोग करता हो  I प्रथम अवधि तक  इन्हें नामित आधार पर लिया  जायेगा, बाद के वर्षों में नीचे से लोकतान्त्रिक आधार पर चुन कर आयेंगे I सभी संस्थापक सदस्य केन्द्रीय   कार्यकारिणी  के स्थाई सदस्य रहेंगे l

g.    सलाहकार समिति: ज्यादा महत्वपूर्ण व्यक्ति, जो बहुत अधिक प्रभावशाली व प्रतिभा के धनी होते हैं, उन्हें प्रबन्धनबोर्ड की सलाह से संस्था के हित  में  संस्था की सलाहकार समिति में ले लिया जायेगा l इसमें समाज के एम.पी., एम.एल.ए., अधिकारी या उधोगपति या कोई भी प्रतिष्ठित व्यक्ति हो  सकते हैं  l

h.    संरक्षक सदस्य: स्थानीय/जिला/राज्य इकाई या केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड का जो भी कोई सदस्य, जिसकी टर्म पूरी हो गई है व संस्था के साथ बने रहना  चाहता है या संस्था के लिए उसका रहना बहुत जरूरी है तथा जिसे संस्था से जुड़े हुए कम से कम 10 वर्ष हो गए है, तो ऐसे सदस्य को संस्था की  उस इकाई का संरक्षक सदस्य बना दिया जाएगा l

 

(2)      सदस्यता की शर्तें :-

a)     स्वीकृति या अस्वीकृति: किसी की भी सदस्यता स्वीकार करने या अस्वीकार करने का अधिकार केन्द्रीय गवर्निंग बाडी को या उसके द्वारा  अधिकृत  समिति को विशेषाधिकार रहेगा I

 

b)      संस्था के हित के विरुद्ध किसी भी तरह का कोई भी कार्य करने वाले किसी भी सदस्य की सदस्यता केन्द्रीय गवर्निंग बाडी द्वारा  या उसके द्वारा  किसी प्रदेश या जिला की  अधिकृत समिति द्वारा रद्द करने का विशेषाधिकार रहेगा I

 

c)     कार्यकर्त्ता नेटवर्क में औसत प्रति 10 घरों के पीछे एक प्रतिनिधि सदस्य ( व एक स्टैंडबाई ) उनकी इच्छानुसार व काम के आधार पर लिए जायेंगे,  परन्तु इनमें से केवल बालिग़ प्रतिनिधि सदस्य ही वहां की  संगठन संस्था के कार्यकारिणी सदस्य होंगे I

 

d)     जरूरत पड़ने पर चुनाव में भाग लेने का अधिकार या वोट डालने का अधिकार केवल उसी वयस्क सदस्य को होगा (Voting Rights, when required), जिसने अपनी पूरी सदस्यता राशी का पहले ही समय पर भुगतान कर दिया हो I  वोटिंग राईट के लिए न्यूनतम दो वर्ष की सदस्यता वरीयता ( Seniority of  two years)  व साथ में दो वर्ष की सदस्यता राशी दी होनी चाहिए I चुनाव प्रक्रिया प्रारम्भ होने के पश्चात बकाया सदस्यता राशी का भुगतान समय पर भुगतान  नहीं माना जायेगाI

e.      फार्म भरने वाले महीने को छोड़कर अगले मास की पहली तारीख से उसकी सदस्यता प्रारम्भ हो जाएगी l  सदस्यता फार्म जिस माह में भरा गया है, वह  उसी  माह  में स्वीकार/अस्वीकार हो जाना चाहिए l

          f.    चुनाव में खड़े होने या भाग लेने का अधिकार उसी को होगा जिसे वोट डालने का अधिकार है I

        g.   वर्ष  2019-20, 2020-21 व 2021-22  लगभग प्रथम तीन वर्ष के दौरान  सभी स्तर की कार्यकारिणी नामित आधार पर चुनी हुई होगी,  (चूँकि प्रारम्भ में  इनका  गठन नामित आधार पर होगा, न कि चुनाव आधार पर) जिनमें चुनाव  प्रक्रिया लागु नहीं होगी I इसके पश्चात बाकायदा लोकतान्त्रिक ढंग से चुनावी आधार पर हर  स्तर पर कार्यकारिणी का गठन किया जायेगा I

h.    कोई भी सदस्य पिछली तारीख से (From Back Date) सदस्य नहीं बनाया जायेगा I

i.      देय सदस्यता शुल्क वित्तीय वर्ष के अंदर अंदर भुगतान  कर देना चाहिए, तभी शुल्क नियत समय पर दिया माना जायेगा I

 

(3)      सदस्यों के अधिकार :

            i)        शर्तें पूरी करने पर वोट डालने का अधिकार;

             ii)      शर्तें पूरी करने पर चुनाव लड़ने का अधिकार;

iii)     एक सौ रुपये के भुगतान पर नियम-उपनियमों की  प्रति लेने का अधिकार;

                iv)      सुझाव देने का अधिकार;

v)      संस्था द्वारा सदस्यों को जो सुविधाएँ (common pooled   facilities), निशुल्क या सशुल्क जैसे भी हों, लेने का अधिकार;

vi)    अपनी इकाई से सम्बंधित नोटिस प्राप्त करने का अधिकार;

(4)      सदस्यता की अवधि:

a)    संस्थापक सदस्य अपने जीवन काल तक केन्द्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहेंगे I उनके जीवनकाल में उनके द्वारा नामित व्यक्ति अथवा  उनकी  मृत्यु के पश्चात उनका उत्तराधिकारी केन्द्रीय कार्यकारिणी के सदस्य के रूप में लिया जायेगा, जिसे साधारण सभा में पास करवाया   जायेगा I

 

b)      आजीवन सदस्यों को छोड़ कर राज्य स्तर तक सभी तरह के सदस्यों की अवधि 3 वर्ष रहेगी तथा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य या केन्द्रीय   कार्यकारिणी सदस्य या केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड सदस्य या Member Think Tank की अवधि 4 वर्ष होगी I

 

c)     संस्था के हित के विरुद्ध किसी भी तरह का कोई भी कार्य करने वाले  किसी भी सदस्य की सदस्यता केन्द्रीय गवर्निंग बॉडी या उसके द्वारा अधिकृत  प्रदेश या जिला समिति द्वारा रद्द करने का विशेषाधिकार रहेगा I

d)   राज्य स्तर तक कोई भी सदस्य किसी एक पद पर अधिकतम केवल 3 वर्ष की उस सत्र की अवधि तक कार्य करेगा I यह अवधि राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य केन्द्रीय कार्यकारिणी सदस्य या केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड सदस्य या Member Think Tank की 4 वर्ष होगीI  सत्र समाप्ति पर उसके पद की अवधि भी  समाप्त  हो जाएगी I  अगली (next) तीन/चार वर्ष की अवधि के पश्चात उसे दोबारा उसी पद पर चुना जा सकता है I  एक व्यक्ति एक पद पर केवल दो  बार रह सकता है, वो भी लगातार नहीं I

e)      प्रयास रहेगा कि किसी भी एक सदस्य पर एक ही पद का दायित्व रहे I

 

(5)       सदस्यता की समाप्ति :

i)     त्यागपत्र देने पर, मृत्यु या पागल होने पर, दिवालिया घोषित होने पर;

ii)     संस्था के उद्देश्यों के विपरीत कार्य करने पर ;

iii)    नियम-उपनियमों का उल्लंघन करने पर;

iv)    संस्था की लगातार तीन बैठकों में बिना पूर्व सूचना दिए अनुपस्थित रहने   पर;

v)    सम्बन्धित वित्तीय वर्ष में या मांगने पर देय तिथि तक भी वार्षिक शुल्क लगातार 3 वर्ष तक जमा ना कराने पर;

vi)      न्यायालय से नैतिक अपराध में दण्डित किये जाने;

vii)    सम्बन्धित कार्यकारिणी में प्रस्ताव पास करके डिफाल्टर   की सदस्यता समाप्त की जा सकती है, मगर समाज का कोई भी व्यक्ति  संस्था का जनसाधारण व साधारण सदस्य तो बना ही रहेगा l

viii)   उपरोक्त प्रत्येक स्थिति में केन्द्रीय कार्यालय को सूचित किया जायेगा I

(6)     रिक्त सदस्यता स्थान को भरना:-

उपर्युक्त स्थितियों में सम्बंधित कार्यकारिणी के द्वारा केन्द्रीय कार्यालय की सलाह से उस सदस्य के स्थान पर नियमानुसार वही या दूसरा सदस्य नियुक्त किया जा  सकता है I

 

       (7)    सदस्यता रजिस्टर:-

          संस्था द्वारा हर स्तर पर यानि स्थानीय/जिला/राज्य या राष्ट्रीय स्तर पर सभी तरह के सदस्यों का बाकायदा रजिस्टर बनाया जायेगा व अपडेट / मेन्टेन  किया   जायेगा I

       (8)      सदस्यता / सहयोग राशि:-

i)      हम व आप से मिलकर यह समाज बना है व आप सभी के कल्याण केउद्देश्य से यह संस्था बनाई गई है l  संस्था द्वारा सहयोग लेने का आधार “सब का साथ – सब का विकास रहेगा I यदि हम यह सोचते हैं कि हम बिना कुछ त्याग किये कुछ पाने में सफल होंगे, तो यह हमारी भूल ही होगी I संस्था से हम तभी कुछ   पाने  की अपेक्षा कर सकते हैं, जब हमने इसे कुछ दिया हो अर्थात इसे कुछ करने या देने लायक बनाया हो I अत: समाज के प्रत्येक व्यक्ति/परिवार से  करबद्ध विनती है कि आप सभी अपनी क्षमतानुसार दिल खोल कर सहयोग करें I जितने खुले हाथों से आप सहयोग करेंगे, आप की यह संस्था आप के लिए उतना ज्यादा काम कर सकेगी Iवित्तीय वर्ष के अंदर अंदर दी गई सदस्यता राशि ही समय पर दी हुई मानी जाएगी

 ii)    समाज  कल्याण की विभिन्न योजनाओं को चलाने  के लिए अपने प्रत्येक जनसाधारण सदस्य / साधारण सदस्य/ प्रतिनिधि सदस्य से न्यूनतम 100 रूपये प्रति वर्ष   देने अपेक्षित/प्रार्थनीय है I उदाहरण के तौर पर यदि एक परिवार में कुल 5 प्राणी हैं तो उस परिवार से प्रतिवर्ष न्यूनतम 500/- आर्थिक सहयोग अपेक्षित हैं I  जो   व्यक्ति परिवार के सभी सदस्यों के आधार पर न देकर केवल अपनी एक राशि 100/- देने को तत्पर है और वह समर्पित भाव से अपना समय व अन्य सेवा   देना  चाहता है, उसका भी संस्था में स्वागत है और उसे प्रतिनिधि सदस्य के रूप में रजिस्टर किया जायेगा I विशिष्ट, आजीवन व केन्द्रीय कार्यकारिणी सदस्य बनने के लिए नीचे दिए चार्ट अनुसार सदस्यता राशि निर्धारित की गई है lकोई भी व्यक्ति अपनी श्रद्धानुसार अधिक राशि भी दे सकता हैI  किसी विशेष कार्य  को  पूरा  करने   हेतु समाज से आर्थिक सहयोग की विशेष अपील की जा सकती है I आजीवन सदस्य बनने के लिए आर्थिक सहयोग की निम्न राशि प्रस्तावित/ अपेक्षितहै:-                                                                                                                                                                                   

क्र

इकाई  का स्तर

 कार्यकारिणी/पदाधिकारी/    विशिष्ठ सदस्य सेअपेक्षित सहयोग (रुपए)

 आजीवन सदस्य से एक बार (रु.)

स्थानीय स्तर पर

1,100 प्रतिवर्ष

11,000

जिला स्तर पर

5,100 प्रतिवर्ष

51,000

राज्य स्तर पर

11,000 प्रतिवर्ष

1,10,000

राष्ट्रीय स्तर पर

51,000 प्रतिवर्ष

5,00,000

 

iii)   केन्द्रीय कार्यालय व इसकी स्थानीय, जिला व राज्य इकाइयों के बीच संग्रहित राशि/ प्राप्तियों का बटवारा:-

       प्रत्येक स्थानीय, जिला व राज्य इकाई द्वारा अपनी वर्ष भर की सकल प्राप्तियों का 10% भाग केन्द्रीय कार्यालय को ट्रान्सफर किया जायेगा I वर्ष में प्रति  छ:माही का 10% भाग छ:माही समाप्ति के अगले माह के अंदर अंदर ट्रान्सफर करना होगा I इससे केन्द्रीय कार्यालय का आर्थिक पक्ष मजबूत होगा व        सभी योजनाओं के लागू करने में आसानी रहेगीI केन्द्रीय इकाई समय समय पर जरूरत के हिसाब से इकाई विशेष को आर्थिक मदद करेगी जैसे  कार्यालय या भवन क्रय करने/बनाने के लिए, विशेष सहायता कार्यों के लिए आदि आदि I

   iv)       देश भर में वितरण किये जाने वाले वार्षिक कलेंडर (वार्षिक रिपोर्ट) में   दान देने के लिए (जन्मदिन,सालगिरह,मुहूर्त या अन्य खुशी के अवसर आदि पर)  जो अपील के माध्यम से संस्था के बैंक खाते में सीधे जो प्राप्ति (Direct Collection in Bank) होती है, उसे area wise छांट लिया जायेगा व उस  इकाई विशेष के 10% देय भाग से कम कर(घटा) दी जाएगी I ज्यादा आने पर इकाई विशेष को ट्रांसफ़र की जाएगी I वितरण किये जाने वाले वार्षिक कलेंडर में केन्द्रीय इकाई का बैंक खाता नम्बर दिया जाएगा ताकि देश भर में एकता का संदेश जाए व सभी को खाता नम्बर याद हो जाए I

 

8.      साधारण सभा (GENERAL BODY) :

a)      स्थानीय स्तर की हर इकाई/संगठन संस्था के जनसाधारण सदस्य, साधारण सदस्य, प्रतिनिधि सदस्य, कार्यकारिणी सदस्य, विशिष्ट सदस्य व आजीवन सदस्य अपने-अपने होंगे I इन सब को मिलाकर (नाबालिग, अयोग्य व उन सदस्यों को छोड़ कर जिन्होने अपना अपडेट शुल्क नहीं दिया है)साधारण सभा होगी I  साधारण सभा में कार्यकारिणी का चुनाव किया जायेगा I इसके पश्चात कार्यकारिणी अपने पदाधिकारियों का चुनाव करेगी चुनने कीसब कार्यवाही  लोकतान्त्रिक  आधार पर की जाएगी I स्थानीय इकाई अपने जिले व राज्य व केन्द्रीय कार्यालय से प्राप्त सभी निर्देशों/नियमों का पालन करेगी व समय-समय पर  अपनी उपलब्धि रिपोर्ट इन्हीं को प्रस्तुत करेगी I किसी मामले का अंतिम निर्णय केन्द्रीय कार्यालय का होगा I स्थानीय इकाइयों से जो दो-दो कार्यकारिणी सदस्य  जिला कार्यकारिणी में लिए जायेगें, उन दोनों की जिम्मेदारी रहेगी कि जिला स्तर पर जो प्रस्ताव पास हों या निर्देश मिलें, उन्हें अपनी स्थानीय इकाई पर लागू  करवाएं I वे अपनी इकाई के जिला प्रतिनिधि होंगे I

 

b)      जिला स्तर की संस्था में उस जिले की समस्त स्थानीय इकाइयों के दो-दो कार्यकारिणी सदस्य, जिला स्तर के विशिष्ट व आजीवन सदस्यों को मिलाकर जिला    कार्यकारिणी/ जिले की साधारण सभा बनेगी इसके पश्चात जिला कार्यकारिणी अपने पदाधिकारियों/जिला प्रबन्धन बोर्ड का चुनाव करेगी चुनने की सब  कार्यवाही  लोकतान्त्रिक आधार पर की जाएगी I पदाधिकारीगण/जिला प्रबन्धन बोर्ड की जिम्मेदारी होगी कि केन्द्रीय प्रबंधन बोर्ड द्वारा पारित सभी योजनाओं को   अपने जिले की सभी संस्थाओं में लागू करे व अच्छे परिणाम दें I जिला इकाई अपने राज्य व केन्द्रीय कार्यालय से प्राप्त सभी निर्देशों/नियमों का पालन करेगी व समय-समय पर अपनी उपलब्धि रिपोर्ट इन्हीं को करेगी I किसी मामले का अंतिम निर्णय केन्द्रीय कार्यालय का होगाI स्थानीय इकाइयों से जो दो-दो कार्यकारिणी  सदस्य राज्य कार्यकारिणी में लिए जायेगें, उन दोनों की जिम्मेदारी रहेगी कि राज्य स्तर पर जो प्रस्ताव पास हों या निर्देश मिलें, उन्हें अपनी जिला इकाई पर लागू  करवाएं I वे अपनी इकाई के जिला प्रतिनिधि होंगेI

 

c)      राज्य स्तर की संस्था में उस राज्य के समस्त जिलों की संस्थाओं/इकाइयों की प्रत्येक कार्यकारिणी से दो-दो सदस्य, राज्य स्तर के विशिष्ट व आजीवन सदस्यों को    मिलाकर राज्य कार्यकारिणी/राज्य की साधारण सभा बनेगी I  इसके पश्चात राज्य कार्यकारिणी अपने पदाधिकारियों/राज्य प्रबन्धन बोर्ड का चुनाव करेगी I चुनने   की सब कार्यवाही लोकतान्त्रिक आधार पर की जाएगीI पदाधिकारीगण/राज्य प्रबन्धन बोर्ड की जिम्मेदारी होगी कि केन्द्रीय प्रबंधन बोर्ड द्वारा पारित सभी  योजनाओं   को अपने राज्य की सभी संस्थाओं में लागू करे व अच्छे परिणाम दें I राज्य इकाई  केन्द्रीय कार्यालय से प्राप्त सभी निर्देशों/नियमों का पालन करेगी व समय-समय पर अपनी उपलब्धि रिपोर्ट केन्द्रीय कार्यालय को करेगी I किसी मामले का अंतिम निर्णय केन्द्रीय कार्यालय का होगाI राज्य इकाइयों से जो दो-दो  कार्यकारिणी सदस्य राष्ट्रीय कार्यकारिणी में लिए जायेगें, उन दोनों की जिम्मेदारी रहेगी कि राष्ट्रीय स्तर पर जो प्रस्ताव पास हों या निर्देश मिलें, उन्हें अपनी राज्य  इकाई पर लागू करवाएं I वे अपनी इकाई के राष्ट्रीय प्रतिनिधि होंगेI

 

d)      केन्द्रीय संस्था में सभी राज्यों संस्थाओं/इकाइयों के दो-दो कार्यकारिणी के सदस्य, राष्ट्रीय स्तर के संस्थापक सदस्य, विशिष्ट, आजीवन व संरक्षक सदस्यों को मिलाकर राष्ट्रीय कार्यकारिणी/साधारण सभा बनेगी I  इसके पश्चात राष्ट्रीय कार्यकारिणी अपने पदाधिकारियों/केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड या थिंक टेंक का चुनाव करेगी I चुनने की सब कार्यवाही लोकतान्त्रिक आधार पर की जाएगीI पदाधिकारीगण/केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड की जिम्मेदारी होगी कि बोर्ड द्वारा पारित सभी योजनाओं को अपने सभी राज्यों की सभी संस्थाओं में लागू करे व अच्छे परिणाम के लिए समय समय पर बैठक कर चर्चा करे व सभी समस्याओं का समाधान करे I केन्द्रीय  कार्यालय राज्य इकाइयों से प्राप्त सभी सलाह/समस्याओं पर गौर करे व उनका समाधान निकाले तथा मिलकर उद्देश्य की प्राप्ति के प्रयास करे I समय समय पर   जारी निर्देशों/नियमों का नीचे इकाइयों से पालन करवाना केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड की जिम्मेदारी होगी व समय-समय पर नीचे से उपलब्धि रिपोर्ट मांगी जाएगी I जहां  कहीं कोई इकाई ढीली है या अपेक्षित परिणाम नहीं आ रहे तो वहाँ जाकर समस्या का अध्ययन कर समस्या का हल करते हुए इकाई को मजबूत बनाना होगा I   किसी मामले का अंतिम निर्णय केन्द्रीय कार्यालय का होगा I राज्य इकाइयों से जो दो-दो कार्यकारिणी सदस्य राष्ट्रीय कार्यकारिणी में राज्य प्रतिनिधि के रूप में  जायेगें, उन दोनों की जिम्मेदारी रहेगी कि राष्ट्रीय स्तर पर जो प्रस्ताव पास हों या निर्देश मिलें, उन्हें अपनी राज्य इकाई पर लागू करवाएं I वे अपनी राज्य इकाई के  राज्य प्रतिनिधि होंगेI

 

e)      हर स्तर पर साधारण सभा की वर्ष में कम से कम एक बैठक अवश्य होगी I  असाधारण परिस्थितयों में साधारण सभा की मीटिंग कभी भी बुलाई जा सकती है I

 

f)       साधारण सभा की बैठक सूचना (स्थान,तिथि,समय व एजेंडा बताते हुए) सभी सम्बन्धित सदस्यों को फोन/मोबाइल/SMS/What’s App/डाक द्वारा पत्र भेजकर/ई-मेल,कुरियर सेवा आदि द्वारा उचित समय पर दी जाएगी I साधारण हालात में यह सूचना 10 दिन पूर्व देनी चाहिए l

 

g)      साधारण सभा का कोरम सभी योग्य सदस्यों को मिलाकर कुल संख्या के आधे (½) सदस्यों के बराबर होगा I यदि उस समय कोरम पूरा न हो सके तो बैठक आधे  घंटे के लिए स्थगित कर दी जायगी I इसके बाद बैठक आयोजित करने पर कोरम की आवश्यकता नहीं होगी I

 

h)      केन्द्रीय साधारण सभा की बैठक के लिए एजेंडा : केन्द्रीय एजेंडा में निम्न विषय सम्मिलित किये जायेंगे-

 

i)       संस्था के लिए केन्द्रीय कार्य योजना (Central Action Plan) तैयार करना व उसे लागू करने के सम्बन्ध में आवश्यक पालसी बनाना ;

 

ii)     संस्था के विभिन्न कार्यक्रमों की वार्षिक योजना, बजट, चुनाव, संविधान में संशोधन, संगठन प्रणाली, कार्यप्रणाली, सम्पत्ति लेनदेन, विवाद आदि मामलों से सम्बंधित विषयों पर चर्चा व निर्णय किया जायेगा I

iii)   साधारण सभा की अध्यक्षता प्रधान/अध्यक्ष करेंगे I उनकी कोई मजबूरी होने पर उप-प्रधान/उपाध्यक्ष या अनुभवी वरिष्ट सदस्य अध्यक्षता करेंगेI

 

iv)     साधारण सभा में प्रस्तुत सभी मामले बहुमत आधार पर निर्णित होंगे I

 

v)      साधारण सभा में विशेषज्ञ, कर्मठ व समर्पित व्यक्तियों का एक केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड (Think Tank) का गठन किया जायेगा I ऐसी समिति को विशेष अधिकार भी दिए जा सकते हैं l

vi)     जहाँ कहीं कोई नियम स्पष्ट नहीं है या कोई नई स्थिति उत्पन्न हो गई है, उस अवस्था में वहाँ की कार्यकारिणी फैंसला लेगी जिसकी सूचना केन्द्रीय कार्यालय को देना होगा व     केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड का फैंसला अन्तिम होगा I

 

9.       चुनाव या सत्र की अवधि :

a)      केन्द्रीय इकाई को छोडकर संस्था के एक सत्र का कार्यकाल 3 वर्ष का होगा I प्रथम सत्र 2019-20 से मार्च 2022 तक, अगला सत्र अप्रैल 2022 से मार्च 2025 तक व इसी प्रकार से चलेगा I केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड/कार्यकारिणी का कार्यकाल 4 वर्ष की अवधि का रहेगा I

b)      चुनाव लोकतान्त्रिक आधार पर निष्पक्ष व पारदर्शी होगा I वोट डालने की  दशा में गुप्त मतदान होगा I

c)      सभी स्तरों पर कार्यकारिणी का गठन या समय पर चुनाव करवाने की सारी जिम्मेदारी केन्द्रीय कार्यालय पर रहेगीI  सबसे पहले स्थानीय इकाइयों के, फिर जिला स्तर के, फिर राज्य स्तर के व समय आने पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा l

d)      चुनाव में केवल योग्य (रजिस्टर अनुसार) व बालिग सदस्य ही भाग ले सकते हैं I वोट डालने का अधिकार केवल उसी व्यक्ति को होगा जिस का नाम सदस्य रजिस्टर में योग्य सदस्यों की सूची में हो I वोट डालने का अधिकार प्रतिनिधि सदस्यों, कार्यकारिणी सदस्यों, विशिष्ट सदस्यों व आजीवन सदस्यों को होगा जो वोटर व कैंडिडेट होने की शर्तें पूरी करते हों I

e)   एक व्यक्ति को केवल एक वोट देने का अधिकार होगा I मतदान गुप्त रहेगा l

f)    किसी कारणवश सत्र के बीच में कोई पद खाली हो जाए, तो वहाँ की कार्यकारिणी द्वारा उस पद को शेष अवधि के लिए भरा जा सकता है व इसकी सूचना केन्द्रीय कार्यालय को अवश्य दी जाएगी I

 

 

10.  स्थानीय, जिला, राज्य व केन्द्रीय स्तर पर पदाधिकारियों की संख्या व उनको जिस नाम से जाना जायेगा:

क्रमांक

स्थानीय इकाई

जिला इकाई

राज्य इकाई

केन्द्रीय इकाई

1.

प्रधान              1

जिला प्रधान       1

राज्य प्रधान       1

केन्द्रीय प्रधान      1

2.

उप-प्रधान         2

जिला उप-प्रधान    2

राज्य उप-प्रधान    2

केन्द्रीय उप-प्रधान    2 

3.

महासचिव          1     

जिला महासचिव     1       

राज्य महासचिव    1

केन्द्रीय महासचिव    1

4.

सह सचिव        1

जिला सह सचिव    1

राज्य सहसचिव1

केन्द्रीय सह सचिव    1

5.

केशियर          1

जिला केशियर      1

राज्य केशियर      1

केन्द्रीय केशियर      1 

6.

सह केशियर       1

जिला सह केशियर   1

राज्य सहकेशियर   1

केन्द्रीय सह केशियर   1 

7.

ऑडिटर           1 

जिला ऑडिटर      1

राज्य ऑडिटर      1 

केन्द्रीय ऑडिटर      1

8.

संगठनसचिव      1

जिलासंगठनसचिव   1 

राज्य संगठनसचिव  1

केन्द्रीय संगठनसचिव  1

9.

प्रचारमंत्री          1

जिला प्रचार मंत्री     1 

राज्य प्रचार मंत्री   1

केन्द्रीय प्रचार मंत्री    1

10

अंकेक्षक         1

जिलाअंकेक्षक       1

राज्यअंकेक्षक        1

 केन्द्रीय अंकेक्षक      1

 

11.  संस्था की कार्य प्रणाली

a)   संस्था की कार्य प्रणाली को समझने से पूर्व इसकी संगठन प्रणाली को समझना आवश्यक है l सर्वप्रथम कुछ पुण्य आत्माओं, जो समस्त समाज व मानवता का भला चाहते हैं, के द्वारा अपने सद्प्रयासों के द्वारा यह संस्था खड़ी की गई है l  प्रथम केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड (Think Tank) व नीचे की सभी संगठन इकाइयां प्रथम सत्र की अवधि के लिए अस्थाई (adhoc) आधार पर खड़ी की जाएंगी l राज्य स्तर तक प्रथम अवधि का कार्यकाल 3 वर्ष व मुख्यालय पर यह अवधि 4 वर्ष की रहेगी l

b)   प्रथम अवधि में जब संस्था का स्वरूप आ जाएगा, काम करने लगेगी, नीचे से ऊपर तक का ढांचा खड़ा हो जाएगा, मुख्यालय अपना कार्य ठीक से करने लगेगा, समाज के बीच अपनी बात पहुँचाने की पूरी कोशिश की जाएगी l

c)   दूसरी अवधि में सभी स्तर पर नीचे से ऊपर तक सभी कार्यकर्त्ताओं के बीच उनके काम व योग्यता के आधार पर (on the basis of performance)लोकतान्त्रिक ढंग से चुनाव करवाकर संगठन इकाइयां खड़ी की जाएंगी l  सारा कार्य संविधान के अनुसार होगा व जहाँ policy making में अच्छे सुझाव आयेंगे, समाजहित में वहां आवश्यक संसोधन भी किए जाएंगे l

d)   समाज को संगठित करने के उद्देश्य सेकुछ ऐसी योजनाएं बनाई जाएंगी, जिनमें समाज के हर व्यक्ति का अधिकतम योगदान सम्भव हो सके l  प्रत्येक व्यक्ति/परिवार स्वयं को अपने संगठन से जुड़ा हुआ महसूस करे व स्वयं को इसका अभिन्न अंग समझे l प्रत्येक व्यक्ति/परिवार को संगठन की गतिविधियों में ज्यादा से ज्यादा भाग लेने व सहयोग करने का अवसर मिले, ज्यादा से ज्यादा एक दुसरे के सम्पर्क में आएं, एक दुसरे को जानें, समझें व आपस में सहयोग करें l

e)   संस्था का एक मुख्यालय होगा, जहांकेन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड संस्था को खड़ी करने से लेकर चलाने तक के बारे में आवश्यक सभी नीतियाँ बनाएगा, जिन्हेंअपनी राज्य, जिला व स्थानीय स्तर की सभी इकाइयों के सहयोग से समाज में लागू किया जाएगा l  केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड द्वारा“समाज को संगठित करने के लिए क्या क्या कार्य किए जाएं” की एक सूची  बनाई जाएगी, जिसेकेन्द्रीय कार्य योजना (Central Action Plan) कहा जाएगाlसंस्था द्वारा किए जाने वाले कार्यों की विस्तृत सूचि अलग से पांच वर्षीय योजना के शीर्षक के तहत देखें l यह योजना पांचवर्ष या इससे लम्बी अवधि की होगी, जिसे वार्षिक आधार पर बाँट कर योजनाबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा lप्रतिवर्ष कार्य करने के टारगेट तय किये जायेंगे व उन्हें पूरे मनोयोग से अपनी सभी स्तरों की इकाइयों के माध्यम से प्राप्त करने का प्रयास किया जाएगा lवर्ष के अंत में उपलब्धियों की समीक्षा की जाएगी व सभी की सलाह से आगे जो उचित होगा, कदम उठाया जाएगा l केन्द्रीय कार्यालय अपनी सभी स्तर कीइकाइयों के कामकाज की लगातार देखरेख  (monitoring) करती रहेगी व जहां कहीं मदद की जरूरत होगी, जिला व राज्य इकाइयों के माध्यम से मदद करेगी वइकाईको सक्षम बनाने हेतु केन्द्रीय इकाई स्वयं भी मदद करेगी l निचली इकाइयां अपने ऊपर वाले प्रबन्धन कार्यालय के साथ साथ केन्द्रीय कार्यालय को भी समय समय पर अपनी प्रोग्रेस रिपोर्ट भेजती रहेंगी l 

f)    मुख्यालय द्वारा अपनी सभी इकाइयों को केन्द्रीय कार्य योजना अनुसार कार्य करने हेतु समान टारगेट दिए जायेंगे, जो सभी इकाइयों पर समान रूप से लागू होगा l  किए गए कार्यों की जिला एवम राज्य इकाइयों के सहयोग से समीक्षा की जायेगी व आवश्यकता अनुसार अगले कार्यक्रम में संसोधन किया जाएगा l  यथासम्भव प्रयास किया जाएगा किसंस्था अपने टारगेट्स कीप्राप्ति करते हुए प्रतिवर्ष सतत आगे बढ़े व 5 वर्ष के अंतराल के पश्चात यह अपनेआप को वैश्य समाज की एकमात्र प्रतिनिधि केन्द्रीय संस्था प्रमाणित करे l

g)   कार्यकर्त्ताओं को समय समय पर आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा l उन्हें संस्था की संगठन व कार्य प्रणाली के बारे में भी पूरी जानकारी दी जाएगी l  समय समय पर दिए गए कार्य योजना(project) के बारे में आवश्यक जानकारी दी जाएगी l फिल्ड से प्राप्त सभी रिपोर्ट्स  मुख्यालय पर संकलित की जायेंगी, जो वर्ष के अंत में समाज के समक्ष उपलब्धियों के रूप में प्रस्तुत की जायेंगी l

h)   डिजिटल माध्यम से संस्था की वार्षिक रिपोर्ट सभी तक प्रेषित की जायेगी lवार्षिक कलेंडर के माध्यम सेभी संस्था का पूरा परिचय- संगठन प्रणाली, कार्य प्रणाली, टारगेट, उपलब्धियांप्रत्येक घर तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा lसभी के सुझावों का सदैव स्वागत रहेगा l

i)    संस्था की जो इकाई दिए गए टारगेट्स को दिए गए समय में या उससे पूर्व प्राप्त कर लेगी, उसेहाईलाइट किया जाएगा व उचित सम्मान से भी पुरस्कृत किया जाएगा l

 

12.  The foundation for the work of the organization will be " development of everything together ". The institution is a reflection of the cooperation made by society. This is an institution representing the entire Vaisya society, which will raise voice for its interests in front of the exclusive society and the government. Just like what you want to make, this will be the same thing as the representative of a Chakravarti emperor wherever he goes, he saw him as a mini monarch. It is known, since it is representing the Chakravarti emperor, in the same way, this institution will also serve as the representative body of its great Vaishya society. If you all together make your institution as powerful, it is equally effective Will represent and be able to protect your interests.

       जय वैश्य समाज               जय महाराजा अग्रसेन जी              जय कुलदेवी लक्ष्मी जी

   **********

 

 

                                                                                                        जय वैश्य समाज               जय महाराजा अग्रसेन जी            जय कुलदेवी महालक्ष्मी जी

                                                                                                              रजि. संख्या S-3352/SDM/NW/2018.                                (कार्यक्षेत्र – अखिल भारत)

                                                                                                               अखिल भारतीय वैश्य परिवार संघ (रजि.)

                                                                                                 H.O.: 456/2, ब्रह्माश्रम, अम्बेडकर नगर एक्सटेंशन, हैदरपुर खादर, दिल्ली-110088

                                                                                                      Mail id VaishParivarSangh@gmail.com    Website VaishParivarSangh.com

                                                                                                       Mobile 98714 95195,        To be Member in Free, Miss Call 83 68 139 141.

                                                                                 हम एक हैं तो सर्वश्रेस्ठ हैं” ;  हमारा सपना संगठित समाज हो अपना” ; “सब का साथ-सब का विकास  

 

संग्ठन क्रांति का बीज अखिल भारतीय वैश्य परिवार संघ

 

  1. हमारा स्वभाव :हम “जिओ और जीने दो में विश्वास करते हैं l  हम अपनी मेहनत की कमाई में विश्वास करते हैं l  हमारे जन्म के संस्कारों में मेहनत, सच्चाई, ईमानदारी, सदाचार, प्रेम, परोपकार, दान, दया व देशभक्ति जन्म घुट्टी के साथ पिलाई जाती है l  अपनी खून पसीने से की हुई कमाई से सरकार के खजाने भरते हैं, दान-पुण्य के कार्यों में सदैव आगे रहते हैं l  हम सदा परोपकार की सोचते हैं l कुल मिला कर हमारा समाज मेहनती, मानवप्रेमी व देशभक्त है l

 

  1. हमारे समाज की वर्तमान दशा - आज हम राजनैतिक क्षेत्र में तो बिल्कुल ही हाशिए पर आ गए हैं l कोई भी राष्ट्रीय पार्टी हमारे समाज के व्यक्ति को चुनावी टिकट देने की जरूरत नहीं समझती l हमारे समाज की याद आती है तो केवल पैसे लेने के समय याद आती हैl सामाजिक व आर्थिक दृष्टि से भी हम दिन प्रति दिन पिछड़ते जा रहे हैं l सरकार की गलत नीतियों के कारण व्यापार व उधोग धंधे बंद हो रहे हैं l सरकार की ओर से सुरक्षा के कोई पुख्ता इन्तजाम नहीं होने के कारण आये दिन हमारे परिवार असामाजिक तत्वों द्वारा शिकार बनाए जा रहें हैं, कमाऊ वर्ग द्वारा मेहनत की कमाई में से दिए टैक्सों का पैसा कर्ज माफी व फ्री में सामान बाँटने को लेकर होड़ लगी हुई है व लोगों में अकर्मण्यता फैलाई जा रही है l  आरक्षण/मुफ्तखोरी के दीमक ने देश की समृध्द अर्थव्यवस्था को खोखला करदिया है l वोटों की गंदी राजनीति में देश के हित को न देखकर स्वार्थ व तुष्टिकरंण की नीति अपनाई जा रही है l   यदि ऐसा ही चलता रहा और हम नहीं जागे, तो वह दिन दूर नहीं कि हम अपना सब-कुछ गवां बैठेगें l  यह बात सदैव सत्य है  कि Financial Power is baseless without Political Power.

 

 

  1. समाधान : इन सब समस्याओं का समाधान एकमात्र सिद्ध मन्त्र “संघे शक्ति क्लोयुगे” में है l हमें अपने परिवार व व्यापार के अस्तित्व को बचाने के लिए आपस में मिलकर संगठित रहना होगा, आपको देश में एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं मिलेगा जो यह कहता हो कि संग्ठन होना बुरी बात है, जो संग्ठन नहीं चाहता हो, संगठित होने के लाभ न जानता हो, अच्छे संग्ठन की प्रशंषा न करता हो, तो फिर इस तरह की बातें कि हम संगठित नहीं हो सकते, यह कार्य असम्भव है, मेंढकों को तराजू में तोलने व ऊंट को रेल में चढाने जैसा असम्भव काम है, कोई कमजोर व आलसी व्यक्ति कर सकता है l  ऐसी बातें हमारे विरोधी भी  कर सकते हैं जो हमें संगठित देखना नहीं चाहते l  अपना व्यक्ति तो कभी ऐसी बात सोच भी नहीं सकता l  तो भाईयो छोड़ो कल की बातें, सोच बदलो, बदलाव का समय है, ये दुनियां बहुत तेजी से बदल रही है l हमेशा से बड़ी मछली छोटी मछली को खाती है, बड़े बड़े मालों(Malls) ने छोटे दुकानदारों के बिज़नस को निबटा दिया है, बड़ी बड़ी कम्पनियों ने छोटे छोटे उद्योगों को नष्ट कर दिया है l हमारे बच्चे न्याय न मिलने के कारण हताश हैं, बेरोजगार हैं, काम की तलाश में माँ-बाप व देश छोड़ कर विदेशों में जा रहे हैं l हम भी इस दुनियां में केवल संगठित रहकर ही जीवित रह सकते हैं, वरना स्वार्थी, निकम्मे व  दुश्मन लोग निगलने को तैयार हैं l हमें बहुत मजबूती से स्वयं को संगठित करना होगा और संग्ठन के बल से पुन: अपना प्रतिष्ठा पद प्राप्त करना होगा l  संस्थाएं तो हमेशा अच्छा उद्देश्य ही लेकर बनती हैं, अपने उद्देश्य में वे तभी सफल होती हैं जब वे अपने नेक कार्यों में लगी रहें व आप भी उनके साथ हों, उन्हें अच्छे रास्ते से भटकने न दें l  किसी विद्वान ने सही कहा है कि बुरे लोगों की जीत उस समय निश्चित हो जाती है जब अच्छे लोग अपने घरों में शांत बैठ जाते हैं l बन्धुओं आप समुद्र में उठने वाली पिछली लहरों को भूलकर अगली लहरों को गिनने में लग जाओ, अभी समय है, कुछ नहीं बिगड़ा है, जब जागो तभी सवेरा l पूर्ण विश्वास है कि यदि हम इज्जत व स्वाभिमान से जीवन जीना चाहते हैं तो हमें अपना मजबूत संग्ठन बनाना ही पड़ेगा l  यदि आप संग्ठन प्रेमी हैं, संगठित होना चाहते हैं तो दुनियां की कोई ताकत नहीं जो आपको संगठित होने से रोकदे l  भगवान भी यही चाहते हैं कि आपस में सभी मिलजुल कर रहो, प्रेम से रहो और अपना अहित न होने दो l  कुछ स्वार्थी, निकम्मे, असामाजिक, देशद्रोही व मानवता के दुश्मनों  ने समाज को बाँटकर रखा है, हमें उनकी चालों को नाकाम करना है l  प्यारे बन्धुओं जागो, उठो व लक्ष्य प्राप्ति तक रुको नहीं जैसाकि  स्वामी विवेकानन्द ने कहा है l  आज ही संकल्प करो कि हम अपनी क्षमतानुसार संग्ठन संस्था को सदैव पूरा सहयोग करेंगे l  हम अपनी मेहनत, बुध्दिबल व सहयोग बल से औरों से सदा आगे रहे हैं व रहेंगे, ऐसा मेरा विश्वास है l  जब तक हमारा संग्ठन मजबूत नहीं होगा, तब तक सब की गंदी नजरें हमारी धन-सम्पति व मान-मर्यादा पर लगी रहेंगी l

 

 * पानी की एक एक बूंद जब स्वयं के अस्तित्व को मिटाते हुए पानी के समूह में मिलती है, तो ही ताकतवर समुद्र का रूप ग्रहण करती है l

 

** सूर्य की भांति चमकना चाहते हो तो सूर्य की तरह जलना सीखो l

 

  1. संग्ठन की ओर एक नया सशक्त कदम :- इन्हीं सब कारणों व उद्देश्य को लेकर “अखिल भारतीय वैश्य परिवार संघ” का गठन हुआ है l  अखिल भारतीय वैश्य परिवार संघ (रजि.) (ABVPS) के सपरिवार सदस्य बनकर इसका सहयोग करना इन सभी समस्याओं का समाधान है l  इसका उद्देश्य देश विदेश में रह रहे समस्त वैश्य परिवारों/संस्थाओं को एक सूत्र में पिरोते हुए विकास एवम सुरक्षा की नई ऊँचाइयों को छुना है l  इसकी संग्ठन पध्दति में कोई भी साधारण व्यक्ति (चाहे लड़का हो या लड़की, बड़ा हो या छोटा ) इसका सक्रिय कार्यकर्ता बनकर समाज की सेवा कर सकता है l यह भी सुनिश्चित किया गया है कि अपनी इस संग्ठन संस्था की पहुंच अपने हर व्यक्ति तथा परिवार तक हो l

 

***“अखिल भारतीय वैश्य परिवार संघ (रजि.) तेजस प्रकाश की जीवनदायी कोमल किरणों का वह पुन्ज है जो संग्ठन रूपी प्रिज्म से गुजरने पर अग्नि का रूप धारण कर लेता है जिस की शक्ति अनन्त है, जिसकी सब पूजा करते हैं l  आओ मिलकर इसे साकार करें l

 

****  इसके घोष वाक्य हैं सब का साथसब का विकास”, हम एक हैं तो सर्वश्रेस्ठ हैंहमारा सपनासंगठित समाज हो अपना”  l

 

  1. संस्था का परिचय :-संस्था का पूरा नाम अखिल भारतीय वैश्य परिवार संघहै l  इसका रजिस्टर्ड व मुख्यालय का पूरा पता ऊपर दिया है l संस्था को रजिस्टर्ड करवा लिया गया है l  इसका रजिस्ट्रेशन नम्बर भी ऊपर दिया गया है l संस्था का कार्यक्षेत्र समस्त भारत है, जिसके रजिस्ट्रेशन हेतु न्यूनतम  7 राज्यों से 7 प्रमोटर्स होने आवश्यक हैं l संस्था का PAN नम्बर अलाट हो गया है l  इसके बाद शीघ्र ही आयकर की धारा 80-G के तहत छूट प्राप्त करने हेतु अप्लाई किया जाएगा l इसका फोन नम्बर, Mail id भी ऊपर दिया है, वेबसाइट का पता भी दिया है l  आप  कभी भी वेबसाइट खोलकर संस्था के बारे में विस्तार से जान सकते हैं l मिस कॉल करके सदस्य बनने हेतु मोबाइल नम्बर भी दिया है l  दूसरा नम्बर हेल्पलाइन व whatsapp नम्बर है जिस पर आप वेबसाइट पर अपलोड करने हेतु सामग्री या समाचार भेज सकतेहैं l  

 

  1. समाज को संगठित करने की योजनाएं :-समाज के सभी परिवारों को जोड़ने व क्रमबध्द विकास के लिए संस्था द्वारा समाज हित के अनेक कार्य हाथ में लेकर उन्हें प्राथमिकता के आधार पर योजनाबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा l केन्द्रीय कार्य योजना (Central Action Plan) अनुसार निम्नलिखित प्रस्तावित कार्यों को वर्ष 2019-20 से वार्षिक आधार पर किस्तों में प्रारम्भ किए जाएंगे व प्रतिवर्ष इसकी प्रोग्रेस आप सभी को कलेंडर के माध्यम से दी जाएगी l हरियाणा से यह जन-जागरण अभियान प्रारम्भ करते हुए अगले राज्यों में इन्हीं गतिविधिओं को बढाया जाएगा :-
  1. हर घर तक पहुंच – सभी के सदस्यता फार्म भरवाना ;

 

  1. भरे हुए फार्मों से उपलब्ध परिवारों की डिजिटल डायरेक्टरी/डाटा बैंक बनाना;

 

  1. सभी रजिस्टर्ड परिवारों को जन्मदिन/शादी की सालगिरह/ दूकान या मकान के मुहूर्त/बच्चे के जन्मदिन/परीक्षा पास करने/नौकरी मिलने/चुनाव जीतने/अन्य कोई विशेष उपलब्धि के शुभ अवसर पर शुभकामनाएं दी जाएंगी व  दुःख की घड़ी में वैश्य परिवार संघ पीड़ित परिवार के साथ खड़ा होगा व  वैश्य परिवार संघ की ओर से शोक संदेश दिया जाएगा l

 

  1. अपने परिवारों को चिन्हित करना;

 

  1. कार्यकर्त्ताओं का नेटवर्क जिसमें औसत 10 परिवारों के पीछे कम से कम एक  प्रतिनिधि कार्यकर्त्ता हो ;

 

  1. पढाई, खेल व सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रतियोगिताएं आयोजित करना ;

 

  1. मेधावी (मेरिट) बच्चों, विजेताओं व वैश्य विभुतिओं का सम्मान करना;

 

  1. परिचय सेवा (Matrimonial Services) प्रारम्भ करना;

 

  1. रोजगार सेवा (Employment Services) प्रारम्भ करना;

 

  1. महाराजा अग्रसेन जयन्ती व अन्य महापुरुषों की जयंती/स्मृति दिवस/निर्वाण दिवस मनाना;

 

  1. मिलकर होली व दीपावली व अन्य त्योहारों का आयोजन करना;
  2. वैश्य साहित्य का प्रचार प्रसार; इससे सम्बन्धित प्रतियोगिता आयोजित करना;

 

  1. जरुरतमन्द परिवारों की पहचान व उनकी शिक्षा, इलाज,  शादी-विवाह में मदद करना;

 

  1. आपसी भाई चारा (ABC) क्लब  स्थापित करना, आपस में एक-दूसरे का साथ देना;

 

  1. वन महोत्सव मनाना व तुलसी पौधे वितरण करना;

 

  1. गौ माता की सेवा करना;

                     

  1. समाज में फैली सामाजिक बुराइयों का खंडन करना;

              

  1. नगर में समाज की कार्यरत सभी इकाइयों को सूचीबद्ध करना व तालमेल बैठाना ;    

 

  1.  ओल्ड बुक एक्सचेंज/सरप्लस फर्नीचर की सेवाएं देना ;

 

  1. अग्रोहा धाम व अन्य धार्मिक स्थलों के दर्शनार्थ यात्रा आयोजित करना I

 

  1. संस्था की वार्षिक रिपोर्ट के रूप में हर वर्ष नया कलेंडर हर घर पहुंचाना ;

 

 

  1. अगली वार्षिक योजनाओं में क्रमश: इन कार्यों को भी साथ-साथ हाथ  में लिया जाएगा

 

    1. प्रत्येक स्थान पर प्रतिनिधि सदस्यों का नेटवर्क तैयार होने पर अपनी इकाई खड़ी करना;
    2. संस्था का कार्यालय अपनी जगह में हो या किसी के सौजन्य से हो, के लिए प्रयास करना ;

 

    1. धार्मिक गतिविधियाँ:समय समय पर मिलकर अपने त्योहारों/धार्मिक सत्संगों का आयोजन करना;

 

    1.  सर्विसेज देना : जरूरतमन्द को आधार कार्ड/स्वास्थ्य कार्ड/वोट कार्ड/राशन कार्ड/सीनियर सिटीजन कार्ड/ड्राइविंग लाइसेंस/नई वोट बनवाना/PAN Card/गैस कनेक्शन लेने आदि में मदद करना ;

 

    1. योगा कैम्पमेडिकल चेकअप कैम्प व शिक्षा मार्गदर्शन कैम्प लगाए जाएंगे ;

 

    1. टैक्सबारसिविलबार व अथॉरिटी के साथ व्यापार मंडल की समय समय पर वार्ता आयोजन ;

 

    1. प्रेरित कर ब्लड दानदाताओं व अंग दानदाताओं की सूची तैयार की जाएगी ;

 

    1. पढने वाले बच्चों हेतु समाज को हॉस्टल/पी.जी.खोलने के लिए प्रेरित करना;

 

    1. जरुरतमंदों की मदद हेतु To-Let /Car Pool  आदि सेवा शुरू करना ;

 

    1. प्रशासन/आवश्यक सेवाओं जैसे गैस,बिजली,पानी,फायर-ब्रिगेड, एम्बुलेंस, अस्पतालों की जानकारी देना ;

 

    1. वैश्य पंचायत का गठन करना, जो जरूरत पड़ने पर आपसी झगड़े निबटाए;

 

    1. वैश्य समाज के सभी परिवारों व संस्थाओं को एक मंच पर लाना ;

 

    1. विभिन्न कार्यसमितियों का गठन: समाज कल्याण हेतु अनेकों कार्य योजनाओं को पूरा करने हेतु  अलग अलग कार्यसमितियां बनाई जायगी ताकि अधिकतम व्यक्तियों का योगदान एवम सहयोग मिले जैसे भवन समिति, वनमहोत्सव समिति, जयन्ती /त्यौहार आयोजन समिति, अवार्डसमिति, मददसमिति, गौशालासमिति, औधौगिक व व्यापारसमिति, लीगलसमिति, मेडिकलसमिति, मीडिया समिति, प्रशिक्षणसमिति, डायरेक्टरीसमिति, परिचयसेवासमिति, वैश्यपंचायत, प्रसारप्रचारसमिति, टैक्सेशनसमिति, उपभोक्ता फोरम, खेल व योगा समिति, राजनैतिक मार्गदर्शन समिति, रोजगार समिति, इतिहास एवम साहित्य प्रचार समिति, मनोरंजन एवम कल्चरल समिति, पत्रकार समिति आदि l

 

    1. वैश्य मीडिया फेडरेशन के माध्यम से अपने समाज की सभी गतिविधियों/ खबरों का संकलन करना तथा उन की जानकारी समाज के एक छोर से दुसरे छोर तक तक पहुंचाना I

 

    1. होटलधर्मशालाओंधार्मिकसंस्थाओंअस्पतालोंउधोगों आदि की जानकारी संकलित करके वेबसाईट पर डाली जाएगी, ताकि जरूरत पड़ने पर ठहरने, इलाज कराने व व्यापारिक कार्यों से काम आ सके l

 

    1. सरकारी कामकाज में सहायता : जैसे बाढ़, सूखा,आगजनी,राहत केम्प,15 अगस्त, 26 जनवरी, स्वच्छता अभियान,वृक्षारोपण, बेटी बचाओ-बेटी पढाओ, नशा मुक्ति अभियान, हिन्दी दिवस, ब्लड कैम्प लगाना,  बीमारी उन्मूलन,  पानी बचाना आदि कार्यक्रम में सहभागी बनना l

 

    1. सभी गरीबों को पढाना, आर्थिक मदद करना, इलाज करवाना,  लाइब्रेरी खोलना, प्याऊ लगाना, कावड़ सेवा कैम्प लगाना,धर्मार्थ क्लिनिक खोलना, रोजगार दिलवानाआदि  I

 

    1. रिजर्वेशन का विरोध करना

 

    1. अवार्ड/पुरस्कार  स्पोंसर करवाना : स्वयं के, अपने बच्चों व पूर्वजोंकेजन्मदिन/ शादीकीवर्षगांठ/मुहूर्त, सगाई, विवाह, पूर्वजों की स्मृतिदिवस आदि के अवसर पर कोई प्रति वर्ष दिया जाने वाला पुरस्कार स्पोंसर करवाना, ताकि हर वर्ष किसी न किसी को सम्मानित किया जा सके l

 

    1. योग्यता एवम सेवा के आधार पर वैश्यरत्न, अग्ररत्न, अग्रवीर आदि पुरस्कारों की शुरुआत की जाएगी I

 

    1. लीगल सेल/वैश्य वाहिनी का गठन : समाज को सामूहिक रूप से या किसी व्यक्ति विशेष को किसी रूप में अपमानित/ प्रताड़ित करने वाले के विरुध्द यह लीगल सेल आवश्यक कारवाही करेगा l

 

 

  1. विशाल वेबसाइट का निर्माण व अपडेट सामग्री – (** अपलोड हेतु सभी जानकारी आप ने ही देनी है )

 

  1. **समाज की वर्तमान सभी खबरें; अपने समाज के किसी व्यक्ति को कोई नई उपलब्धि होती है, तो उसका विवरण समाचारों में दिखाया जाने के अतिरिक्त हस्तिओं में भी जोड़ा जायेगा I
  2. संस्था का पूरा परिचय यानि इसकी कार्य प्रणाली, संग्ठन प्रणाली, सदस्यता, कार्य योजना, संविधान, हर वर्ष के टारगेट्स व उपलब्धियां, प्रतिवर्ष की प्राप्तियां व खर्चों की पूरी जानकारी अपनी वेबसाइट पर आपके लिए उपलब्ध होंगी ;
  3. अपनी इस वेबसाइट पर आपके दिए सुझाव, शिकायतें व प्रशंसा में कहे शब्द भी दिखाई देंगे ;
  4. **वर्तमान में अपने समाज के किसी भी बच्चे,बड़े, स्त्री पुरुष द्वारा कोई भी उल्लेखनीय उपलब्धि प्राप्त करने पर उसका नाम फोटो सहित विवरण वेबसाइट पर दिया जाएगा ;
  5. **अपने सेवारत सभी अधिकारियों व कर्मचारियों का पूरा विवरण भी अपनी वेबसाइट पर होगा ;
  6. **अपने समाज के जो भी व्यक्ति समाज सेवा, देश सेवा, मानव सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रहे हैं, उनका फोटो सहित पूरा विवरण वेबसाइट पर डाला जाएगा ;
  7. **अपने सभी सरपंच,पार्षद,MLAs,MPs,मिनिस्टर्स आदि की पूरी जानकारी वेबसाइट पर डाली जाएगी ;
  8. **समाज द्वारा चलाए जा रहे धार्मिक कार्यों की पूरी जानकारी भी वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी;
  9. **समाज द्वारा दिए जा रहे विभिन्न वजीफे, पुरस्कारों, अवार्ड, आदि की तमाम जानकारियाँ दी जाएंगी ;
  10. **रोजगार तलाश रहे सभीके बायोडाटा अपलोड किए जाएँगे, जिससे आप घर बैठे रोजगार ढूंढ सकते हैं ;
  11. **जीवनसाथी तलाश रहे सभी के बायोडाटा अपलोड किए जाएँगे, ताकि सुविधा हो;
  12. **सभी नियोक्ता बन्धु (Employer) कृपया विज्ञापन की एक प्रति वेबसाइट हेतु संस्था को भेज दें व एक बार वेबसाइट पर उपलब्ध बायोडाटा भी देख लें,  इससे आप का पैसा व समय तो बचेगा ही, साथ में आपको एक सुयोग्य व विश्वसनीय कर्मचारी मिलेगा व अपने एक का परिवार चलेगा ;
  13. **समाज के इतिहास पर उपलब्ध तमाम साहित्य/सभी पुस्तकों को अपलोड करना ;
  14. **अपनी विभूतियों से सम्बन्धित प्रेरक प्रसंगों,काव्य, गीत, भजन, नुस्खे उपलोड करना ;
  15. **समाज की सभी विभूतियों का सचित्र विवरण –, राजनीतिज्ञ,  स्वतन्त्रता सेनानी, उधोगपति,  वैज्ञानिक,   न्यायविदवक़ानूनीविशेषज्ञ, अनुसन्धानकर्त्ताइतिहासकार, सम्पादक, साहित्य जगत में, लेखक, वैध, हकीम, खेल जगत से, फिल्म जगत से, आध्यात्मिक जगत से, संत-फकीर, जिस की स्मृति में डाकटिकट निकला हो, जिसने अपनी सेवाओं से अपने परिवार, समाज व देश के नाम को रोशन  किया हो, आदि आदि ऐसी देशकी सभी प्रमुख हस्तियों का सचित्र विवरण दिया जायगा, ताकि आने वाली पीढियां उनसे प्रेरणा ले सकें तथा उनका नाम समाज के आईने से लुप्त न होकर अपने समाज के इतिहास के पन्नों में उनका नाम सदैव के लिए रोशन रहे ;
  16. **सक्रिय संस्थाओं का विवरण: देश विदेश में अपने समाज की सभी सक्रिय संस्थाएं, उनका इतिहास,  पूरा विवरण, वर्तमान पदाधिकारीगण  व उनकी अबतक की उपलब्धियों का विवरण दिया जायेगा;
  17. **समाजद्वारानिकालीजारही दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक, मा-सिक आदि आधार पर पत्र-पत्रिकाएँअख़बार आदि का विवरण दिया जायेगा ;
  18. **सभी धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं जैसे धर्मशाला, चेरिटेबल भवन, ट्रस्ट, होटल, लोज(Lodge), होस्टल आदि जो अपने समाज द्वारा बनाई गई हैं, का पूरा सचित्र विवरण-नाम, पता, फोन न., सम्पर्क व्यक्ति, उपलब्ध सुविधा ताकि वहाँ जाने पर मिलने व ठहरने की सुविधा हो सके ;
  19. **अपनी विरासत : जहाँ कहीं भी अपने समाज की विभूति  के नाम की कोई प्रतिमा लगी है, उनके नाम का कोई चित्र लगा है, किसी नगर, कस्बे, गाँव का नाम रखा है,  किसी सड़क, मार्ग, चौंक/चोराहे का नाम रखा है, अपनी किसी विभूति के नाम पर कोई द्वार/गेट या हॉल बना है या कहीं किसी उद्घाटन का पत्थर लगा है आदि की सचित्र जानकारी भी दी जाएगी I
  20. **किसी स्कूल-कालेज, लाइब्रेरी, जिसे अपने समाज के लोगों द्वारा बनाया गया है या नाम रखा है/बनवाया है, आदि का उस परिवार सहित पूरा विवरण दिया जायेगा I इसके अतिरिक्त कोई कुआं बावड़ी मंदिर औषधालय बनवाया है या चला रहे हैं, का भी सचित्र विवरण दिया जायेगा;
  21. **अपने समाज के बड़े औधोगिक घरानों का देश के उत्थान में योगदान का विवरण भी होगा ;

** ये सभी सामग्री/जानकारियाँ आपने स्वयं अपने से, परिवार से या अपनी जानकारी से जैसे अख़बारों की कटिंग से संस्था को इसके whatsapp नम्बर या मेल पते पर भेजनी है l

संस्था का सदस्य कौन बन सकता है :-

जनसाधारण सदस्य :- जो व्यक्ति वैश्य जाति के किसी भी घटक में पैदा हुआ है अथवा अपने को वैश्य जाति का मानता है तथा इस संस्था “अखिल भारतीय वैश्य परिवार संघ” के नियम-उपनियमों से सहमति रखते हुए सदस्यता फ़ार्म भरकर सदस्यता ग्रहण की है, वह संस्था का जनसाधारण सदस्य कहा जाएगा l साधारण सदस्य :- जिस सदस्य की आयु किसी भी वर्ष के प्रथम दिन 18 वर्ष की हो गई है, वह उस वर्ष से संस्था का साधारण सदस्य कहलाएगा l

संस्था की कार्य प्रणाली :-

  1. कार्यक्रम की शुरुआत अपने समाज की जनगणना/सदस्यता अभियान से प्रारम्भ की जाएगी l  यह कार्य हमसभी के द्वारा पहले  स्वयं अपना फ़ार्म भरने से शुरू किया जाएगा l  सदस्य बनने की कोई फीस या शुल्क नहीं है l  आधुनिक तकनीक को अपनाते हुए सदस्य बनाने हेतु आपके व्हाट्स एप (whatsapp) पर एक इस तरह का मेसेज (Link) प्राप्त होगा:-

आदरणीय  वैश्य  अग्रवाल  बन्धुओं

सुनो         सुनो         सुनो

हम एक  हैं  तो  सर्वश्रेष्ठ हैं को

साकार  करने  हेतु भेजे  Link पर

click  करके  अखिल भारतीय वैश्य

परिवार संघ के निशुल्क सदस्य बनकर

राष्ट्रस्तरीय एकता का परिचय दें l

http://bit.ly/2RiseJ1

Helpline 98714 95195.

 

जिसे क्लिक करने से आपके सामने अखिल भारतीय वैश्य परिवार संघ (रजि.) की वेबसाईट खुल जाएगी जिसके निचले भाग में आपके सामने ऐसे दो बॉक्स खुलेंगे -

 

Full Name

 

 

 

 

        

Mobile

 

 

 

 

 

 

Register

        

 

आपने ऊपर वाले बॉक्स में अपना पूरा नाम भरना है, फिर दुसरे बॉक्स में अपना मोबाइल नम्बर भरना है, कोशिश करें कि आप अपना whatsapp वाला नम्बर ही भरें l आप द्वारा मोबाइल नम्बर भरते ही स्क्रीन पर आपको दिखाई देगा – Enter 4 digit OTP Code sent to your mobile number.  फिर आपने अपने मेसेज बॉक्स में जाकर 4 डिजिट की संख्या (जैसे उदाहरण के लिए  3415) दिखाई देगी, वह पढ़कर आपने वह OTP code भर देना है जिसके भरते ही डबल क्लिक करने पर सदस्यता फॉर्म खुल जाएगा, जिसे आप आराम से पढ़-पढ़ कर भर लें व आखिर में save/update/submit  पर क्लिक करें l इस फॉर्म में पहले परिवार के मुखिया के भरने के लिए box होगा, पहले आपने वह भरना है, फिर वह भरकर save/update/submit पर click करना है l फिर अपने परिजनों को सदस्य बनाने हेतु परिजनों वाले बॉक्स पर क्लिक करके बॉक्स खोलना है, फिर यह भी भरकर  save/update/submit बॉक्स पर क्लिक करना है l इस तरह आप व आपके सभी परिजन सदस्य बनाए जा सकते हैं l  आप यही प्रक्रिया अपना कर कभी भी अपना फॉर्म खोल कर कभीभी कोई भी संशोधन कर सकते हैं या Google पर जाकर http://www.vaishparivarsangh.com  खोल कर “संस्था से जुड़े या निशुल्क सदस्य बनें” पर क्लिक करके यह कार्य किया जा सकता है l  आप सभी से करबद्ध विनती है कि आप व आपका परिवार तो सदस्य बनें ही, अपितु कोई अपना परिवार इससे छूट न जाए, इसके लिए आपने यह लिंक आगे अपने ग्रुप में भी forward करना है, हमने दीप से दीप जलाकर अपने समाज के हर परिवार को एकता(संगठन) के उजाले से रोशन करते हुए विभिन्नता (आपसी फूट) के अंधियारे को भगाना है l

 

  1. सदस्य बनने का दूसरा तरीका यह भी है कि आप अपने मोबाइल से इस नम्बर 83 68 139 141 पर मिस कॉल (miss call) दें, मिस कॉल देने पर 2 घंटी जाने पर कॉल ऑटोमेटिक कट जाएगी व आपके मेसेज बॉक्स में एक ऐसा मेसेज दिखाई देगा –

धन्यवाद,भेजे लिंक पर क्लिक करके

सपरिवार निशुल्क सदस्य बनें

http://bit.ly/2RlseJ1

हेल्पलाइन 9871495195 

आपके सामने vaishparivarsangh.com की साईट से सदस्यता फ़ार्म खुल जाएगा, जिसमें नाम व फोन नम्बर भरने के बाद आपसे OTP code भरने को कहा जाएगा, जिसे आपने अपने मेसेज बॉक्स को खोलकर भरना है l  OTP code भरने के पश्चात आपके सामने पूरा फार्म खुलेगा जिसे आप आराम से भर सकेंगे l पहले मुखिया का फॉर्म भरें , फिर सभी परिजनों का बारी-बारी से भरें l फार्म भरकर save/update/submit को क्लिक करते ही आप सदस्य बन जाएंगे l 

  1. प्रतिनिधि सदस्यों द्वारा अपनी इकाई का गठन :-सदस्यता फॉर्म में आपसे बहुत सारी जानकारियाँ देनी अपेक्षित हैं, उनमें एक मुख्य है जिसमें आपसे समाज सेवा हेतु समय दान हेतु पूछा गया है l  यदि आपने अपने उस कॉलम में अपना कुछ समय दान करने की इच्छा जताई है, तो ऐसे सभी समयदानी व्यक्तियों को उनकी इच्छानुसार अपनी इस संस्था का प्रतिनिधि सदस्य बना दिया जाएगा जो अपने-अपने एरिया के 8 से 12 घरों का प्रतिनिधित्व  (औसत 10 घर प्रति प्रतिनिधि) करेंगे l इसके अतिरिक्त जो व्यक्ति प्रतिनिधि सदस्यता के रास्ते से न आकर अपने विशेष गुणों/आर्थिक सहयोग* से स्थानीय/जिला/प्रदेश/राष्ट्रीय स्तर का विशिष्ठ/आजीवन सदस्य बनना चाहता है, उसे सीधे उस स्तर की कार्यकारिणी सदस्य के रूप में लिया जाएगा l इस प्रकार सभी जगह कार्यकर्ताओं/सहयोगियों  का नेटवर्क तैयार किया जाएगा, जो सारे कार्यों को पूरा करेगा l इन सभी के द्वारा गठित इकाई संस्था द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न प्रकल्पों को साकार करेगी l

 

  1. देश भर में समस्त वैश्य समाज के सभी परिवारों व संस्थाओं को एक सूत्र में पिरोने के उद्देश्य से संस्था का एक केंद्रीय कार्यालय (Central Secretariat) होगा, जो अखिल भारतीय वैश्य परिवार संघके नाम से कार्य करेगा, जिसका मुख्यालय दिल्ली में बनाया गया है, जहाँ एक केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड (Central Management Board) जिसे think tank भी कहा जा सकता है,  कार्य करेगा, जिसका मुख्य कार्य केन्द्रीय कार्य योजना (Central Action Plan) बनाकर उसे फील्ड में अपनी सभी शाखाओं के माध्यम से लागू  करने हेतु नीति निर्माण करना,  समय समय पर कार्य में प्रगति की समीक्षा करना (follow up) व आवश्यक सुधार करना ( Prepare Central Action Plan, Policy to Implement it, Monitor it and Review the Progress from time to time). इस के तहत सभी जगह सभी इकाईयां मुख्यालय द्वारा दिए गए टारगेट्स की प्राप्ति हेतु एक ही दिशा में काम करेंगी l इन सभी इकाइयों में सभी जगह एक संविधान, एक नाम, एक चिन्ह, एक ध्वज, एक निशान(logo), एक  समान उद्देश्य, एक संगठन प्रणाली,  एक कार्य प्रणाली,  एक चुनाव प्रणाली,  एक सदस्यता नीति,  एक चंदा नीति, एक चुनाव नीति,  एक लेखा प्रणाली, एक केन्द्रीय कार्य योजना लागू होगी l प्राप्त रिपोर्ट्स के आधार पर समय समय पर नतीजों की समीक्षा (monitoring) करना व सुधार की नीति को अम्ल में लाया जायेगा I समय समय पर काम में प्रगति की रिपोर्ट की जानकारी सभी को दी जाएगी l   

संस्था की संग्ठन प्रणाली :-

    1. प्रतिनिधि सदस्य :-समाज के औसत प्रति 10 घरों/परिवारों के पीछे एक कार्यकर्ता बनाया जाएगा जो अपने उन घरों का प्रतिनिधित्व करेगा और उसे प्रतिनिधि कार्यकर्त्ता कहेंगे l इस तरह से हर स्थान पर  समर्पित कार्यकर्ताओं का एक नेटवर्क स्वेच्छा से अपना कुछ समय देकर कार्य करेगा l ये कार्यकर्ता उन परिवारों व संस्था के बीच एक सेतु का कार्य करेंगे l इसके लिए कोई सदस्यता शुल्क नहीं है l प्रतिनिधि सदस्य कोई भी छोटा बड़ा स्त्री पुरुष हो सकता हैl 

 

    1. इनमें से केवल व्यस्क सदस्य ही मिलकर अपनी स्थानीय इकाई का गठन करेंगे l अवयस्क कार्यकर्ता बन सकते हैं, परन्तु कार्यकारिणी का सदस्य बनने व वोट डालने का अधिकारी होने के लिए कम से कम 18 वर्ष की आयु व समय पर 100/- का वार्षिक सहयोग अपेक्षित है l 

 

    1. इसके अतिरिक्त जो व्यक्ति प्रतिनिधि सदस्यता के रास्ते से न आकर अपने विशेष गुणों/आर्थिक सहयोग* से स्थानीय/जिला/प्रदेश/राष्ट्रीय स्तर का विशिष्ठ/आजीवन सदस्य बनना चाहता है, उसे सीधे उस स्तर की कार्यकारिणी सदस्य के रूप में लिया जाएगा l 

 

    1. विशिष्ठ सदस्य* :- प्रतिनिधि सदस्यता के रास्ते से न आकर जो बालिग़ व्यक्ति विशेष को उसकी विशिष्टताओं/आर्थिक सहयोग के कारण संस्था के हित में किसी भी स्तर पर ( यानि स्थानीय/जिला, राज्य या राष्ट्रीय स्तर पर) संस्था की कार्यकारिणी सदस्य के रूप में लिया जाता है या वह जुड़ना चाहता है, तो ऐसा सदस्य विशिष्ठ सदस्य कहलाएगा l

 

 

    1. आजीवन सदस्य* :- प्रतिनिधि सदस्यता के रास्ते से न आकर जो भी बालिग़ व्यक्ति संस्था को नियमानुसार अपना आर्थिक सहयोग या विशेष आर्थिक सहयोग करेंगे, उनके आर्थिक सहयोग के आधार पर उसके जीवन काल तक वह आजीवन सदस्य कहा जाएगा l सहयोग राशि अनुसार उसे उस स्तर की कार्यकारिणी का आजीवन सदस्य बनाया जाएगा l

 

 

 

 

क्र

इकाई  का स्तर

 कार्यकारिणी/ पदाधिकारी/ विशिष्ठ सदस्य से  अपेक्षित सहयोग (रुपए)

आजीवन सदस्य से एक बार (रु.)

1

स्थानीय स्तर पर

1,100 प्रतिवर्ष

11,000

2

जिला स्तर पर

5,100 प्रतिवर्ष

51,000

3

राज्य स्तर पर

11,000 प्रतिवर्ष

1,10,000

  4

राष्ट्रीय स्तर पर

51,000 प्रतिवर्ष

5,00,000

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

    1. यही सभी सदस्य आपस में मिलकर अपनी इकाई की कार्यकारिणी गठित करेंगे व अपने में से ही अपनी इकाई के पदाधिकारियों का चुनाव करेंगे l  औसत 500 घरों/परिवारों के पीछे 50 प्रतिनिधि सदस्यों की कार्यकारिणी का गठन प्रस्तावित है, जिसमें से 10 व्यक्तियों को उस इकाई के पदाधिकारी के रूप में चुना जाएगा l इस प्रकार गठित इकाई संस्था द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न प्रकल्पों को साकार करेगी l

 

    1. जबतक स्थानीय इकाई अपना नया नाम वैश्य परिवार संघ, .................रामपुर आदिनहीं अपनाती, तबतक पहले से कार्यरत इकाई को साथ लेकर वहां उसी पुराने बैनर के तहत काम किया जाएगा व उस पुरानी इकाई को अपनी इस संस्था से सम्बद्ध (Affiliation) कर लिया जाएगा l

 

    1. जिले भर की सभी स्थानीय इकाईयों की कार्यकारिणी से दो-दो सदस्यों तथा विशिष्ठ/आजीवन सदस्यों* को मिलाकर जिले की जिला इकाई का गठन किया जाएगा l इस जिला इकाई पर अपने जिले की सभी इकाइयों को समन्वित करते हुए केन्द्रीय कार्यालय से मिले टारगेट्स को प्राप्त करने का दायित्व रहेगा व समय समय पर मांगी गई रिपोर्ट प्रदेश व केन्द्रीय मुख्यालय को भेजी जाएगी l इस प्रकार गठित इस जिला इकाई को वैश्य परिवार संघ, .............जिला सोनीपत आदि नाम से जाना जाएगा l 

 

    1. प्रदेश भर की सभी जिला इकाईयों की कार्यकारिणी से दो-दो सदस्यों तथा विशिष्ठ/आजीवन सदस्यों* को मिलाकर उस प्रदेश की प्रदेश इकाई का गठन किया जाएगा l इस प्रदेश इकाई पर अपने जिले की सभी इकाइयों को समन्वित करते हुए केन्द्रीय कार्यालय से मिले टारगेट्स को प्राप्त करने का दायित्व रहेगा व समय समय पर मांगी गई रिपोर्ट केन्द्रीय मुख्यालय को भेजी जाएगी l  इस प्रकार गठित इस प्रदेश इकाई को वैश्य परिवार संघ, .......................हरियाणा प्रदेश आदि के नाम से जाना जाएगा l 

 

 

इसी प्रकार से देश भर की सभी प्रदेश इकाईयों की कार्यकारिणी से दो-दो सदस्यों तथा विशिष्ठ/आजीवन सदस्यों* को मिलाकर केन्द्र में केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड का गठन किया जाएगा l इस केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड पर अपने देश की सभी प्रदेश इकाइयों को समन्वित करते हुए केन्द्रीय कार्य योजना में तय किए गए टारगेट्स को प्राप्त करने का दायित्व रहेगा l

 

 

 

    1. संस्था की प्रथम तीन वर्ष की अवधि में ये सभी सदस्य नामित आधार पर लिए जाएंगे, बाद में लोकतान्त्रिक आधार पर चुनाव से आएँगे l  स्थानीय इकाइयां मिलकर जिला इकाई, सभी जिला इकाइयां मिलकर प्रदेश इकाई व सभी प्रदेश इकाइयां मिलकर केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड का गठन करेंगी l

 

    1. आप का जितना सहयोग संग्ठन उतना मजबूत - उतनी लम्बी आयु :जिस तरह पेरेंट्स अपने नन्हें शिशु को हर पल धुप-छाँव, सर्दी-गर्मी, भूख-प्यास से बचाते हुए उसका पालन-पोषण करते हैं और वही बच्चा बड़ा होकर माता-पिता के उन सब सपनों को पूरा करता है l आपकी इस संस्था को भी आपका वैसा ही प्यार चाहिए, तभी यह संस्था अपने मजबूत पैरों पर खड़ी होकर आपकी सेवा करेगी l यह संस्था आप की है, इसका उदेश्य आप सभी लोगों की भलाई करना है,मिलकर सभी कार्य सम्भव हैं I संगठन में शक्ति होती है व आपसी फूट में नाश होता है I संगठन में शक्ति तभी होगी, जब आप का साथ होगा, आपका तन मन धन से सहयोग मिलेगा I आपके अमूल्य सुझाव हमारा मार्ग दर्शन करेंगे I  बूंद बूंद से बने समुद्रकण-कण से बने पहाड़रेशे रेशे से बने मोटे रस्से की शक्ति ज्यादा होती है व शक्ति की ही संसार में पूजा होती है I आज तक संसार में ऐसा कोई उदाहरण नहीं, जहाँ किसी कमजोर व्यक्ति की पूजा होती हो I अगर आप अपने को व अपने बच्चों को सुरिक्षत रखना/देखना चाहते हो या शक्तिशाली बनना चाहते हैं तो आपस में मिलकर रहना ही एकमात्र रास्ता है I हम एक हैं तो सर्वश्रेष्ठ हैं l  यदि सूर्य की भांति चमकना चाहते हो तो सूर्य की भांति आग में तपना होगा I  पुनः दृढ संकल्प के साथ कहेंगे कि हम होंगे कामयाब हम होंगे कामयाब, मन में है विश्वास, गर होगा साथ तुम्हारा l आप सभी से करबध्द निवेदन है कि आप अपनी प्रतिदिन की 1440 मिनटों में से मात्र 10 मिनट के हिसाब से सप्ताहिक/मासिक आधार पर  संग्ठन के काम से संस्था को दें व अपनी मेहनत की नेक कमाई से प्रति प्राणी मात्र 1 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से इस संस्था को दान करेंतो यह संस्था आपको अपना शुशासन का सिहांसन दिलाकर रहेगी I कार्यक्रमों में आप का सहयोग संस्था द्वारा लिए गए उपरोक्त कामों में  आप कहां काम आ सकते हैं, यह आप को तय करना हैl  आपको अपने हिस्से का काम तो आगे बढकर करना ही है, साथ में औरों को भी प्रेरित करना है l  संस्था को विभिन्न विषयों की जानकारी, सूचना व सुझाव देकर न केवल हम इन सब से अवगत होंगे, अपितु हमारे समाज की दशा व दिशा बदलेगी, एक दिन हम अपना खोया हुआ साम्राज्य भी प्राप्त कर लेंगे l संग्ठन संस्था द्वारा चलाए जा रहे सभी कार्यक्रमों की सूचना समय समय पर आप को मिलती रहेंगी l

 

    1. आप से अपेक्षा- आप अपनी संग्ठन संस्था की इस प्रकार मदद कर सकते हैं –
  1. सर्वप्रथम स्वयं व परिजनों को संस्था का सदस्य बनाएं ताकि आप सभी संस्था के सम्पर्क में रहें ;
  2. सदस्य बनने बारे कम से कम अपने 5 परिवारों को अवश्य बताएं, ताकि कोई छूट न जाए ;
  3. अपना थोडा समय देकर अपने इर्द-गिर्द या गली के औसत 10 घरों के प्रतिनिधि सदस्य बनें l कार्यकर्ताओं का नेटवर्क बनने से समाज के सारे कार्य करने आसान हो जाते हैं व एक को थोड़ा ही काम करना पड़ता है ; प्रतिनिधि सदस्य कोई भी छोटा बड़ा लड़का लडकी स्त्री पुरुष बन सकता है,बनने का कोई शुल्क नहीं l 
  4. अपनी रूचि, अनुभव एवम ज्ञान अनुसार स्वयं को सेवाकार्य करने  के लिए ऑफर करें ;
  5. समय पर अपनी सदस्यता राशि/श्रद्धानुसार आर्थिक सहयोग अवश्य करें ;
  6. अपने समाज के जरुरतमन्द एवम कमजोर बच्चों को पढ़ा सकते हैं; कोई हुनर सिखा सकते हैं ;
  7. अपनी पुरानी पुस्तकें व पुराना फर्नीचर आदि देकर जरुरतमन्द की मदद करें ;
  8. कोई भी खरीददारी करनी हो तो यथासम्भव अपनों से ही करें ;
  9. संग्ठन संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में अवश्य पधारें व समय पर पधारें
  10. अपने सभी सामाजिक व धार्मिक आयोजनों में बढ़-चढ़ कर भाग लें ;बच्चों को मंच केलिए प्रेरित करें ;
  11. स्वयं या प्रतिनिधि सदस्य के माध्यम से मांगी गई आवश्यक सूचना संस्था तक पहुंचाएं जैसे मेरिट बच्चों के नाम, जरुरतमन्द बच्चों व परिवारों के नाम, अपने किसी भी परिवार की ख़ुशी व गम की सूचना, जनोपयोगी कोई भी सुझाव, समस्या व अन्य कोई भी महत्वपूर्ण जानकारी संस्था को दें ;
  12. अपनी वेबसाइट पर अपलोड करके सभी की जानकारी में लाने हेतु सभी जानकारी जैसे –शादी योग्य बच्चों के परिचय फ़ार्म,  बेरोजगार बच्चों के बायोडाटा, नियोक्ता द्वारा दी जाने वाली नौकरियां, आप की जानकारी में अपने समाज की उन सभी विभूतियों की पूरी जानकारी, जिन्होंने अपने समाज, देश व मानवता के लिए बहुत ही सराहनीय कार्य किया है जिसका उल्लेख अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए बहुत ही प्रेरक, ज्ञानवर्धक व उपयोगी साबित होगा, संस्था को दें ;
  13. आप की जानकारी में अपने समाज के इतिहास के सम्बन्ध में कोई भी पुस्तक, लेख, कहानी, प्रेरक प्रसंग आदि सामग्री हो तो संस्था को वेबसाइट पर अपलोड करने हेतु उपलब्ध कराएं ;
  14. अपने समाज द्वारा जो भी विभिन्न धार्मिक, सामाजिक, शेक्षणिक संस्थाएं चलाई जा रही हैं, उनकी पूरी जानकारी दें, ताकि वेबसाइट पर अपलोड की जा सकें ;धर्मशाला,कूआं, बावड़ी,औषधालय की जानकारी दे l
  15. आप संस्था द्वारा समय समय पर किए जाने वाले आयोजनों के समय पत्रक, निमन्त्रण पत्र, स्मारिका, चाय, नाश्ता, प्रशाद, भोजन, बैनर, टेंट आदि स्पोंसर (विज्ञापन देकर) करके मदद कर सकते हैं;
  16. आप अपने व्यापार का विज्ञापन अपनी वेबसाइट पर देकर अपना व संस्था का भला कर सकते हैं ;
  17. आप अपने किसी प्रिय के जन्मदिन, सालगिरह, ग्रहप्रवेश, कुआँ पूजन, मुहूर्त, सगाई, विवाह आदि मांगलिक कार्यों के समय संस्था को कुछ राशि श्रद्धानुसार दान कर सकते हैं, दादा अग्रसेन जी के नाम की मिलाई के रूप में देकर अपनी कुलदेवी महालक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करसकतेहैं ;
  18. आप अपने किसी भी सुअवसर जैसे जन्मदिन, सालगिरह आदि को यादगार बनाने हेतु उनके नाम से कोई भी इनाम/अवार्ड/ट्राफी आदि की घोषणा कर सकते हैं, जिसे आपकी शर्तों के अनुसार खरा उतरने वाले व्यक्ति को समाज के किसी भी फंक्शन जयंती आदि पर आपके द्वारा सम्मानित किया जा सकता है, इससे आपकी स्मृति भी बनी रहेगी व समाज के व्यक्ति को सेवा करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा ;  
  19. आप अपने किसी की बुराई/चुगली न करके भी समाज में सद्भाव फैला सकते हैं ;
  20. आप संस्था को सुधारने हेतु दिखने वाली कमियों को बताते हुए अच्छे सुझाव दे सकते हैं ;
  21. आप संस्था की अच्छी बातों का तो बेहिचक होकर प्रचार-प्रसार कर सकते हो l

 

  • “हमारा सपना–संगठित समाज हो अपना” ;
    • “संगठित समाज – सुरिक्षत समाज”
      • “सुरिक्षत समाज - विकसित समाज”
        • “सब का साथ - सब का विकास”  
          • “हम एक हैं तो सर्वश्रेस्ट हैं”; 

जय वैश्य समाज–जय महाराजा अग्रसेनजीजय कुलदेवी महालक्ष्मीजी गीता ज्ञान : “If you do not fight for what you want, don’t cry for what you lost.  Nothing depends on luck; everything depends on work because even luck has to work.”-भगवान श्रीकृष्ण जी