6. संस्था की संगठन प्रणाली :- किसी भी संस्था को सफल बनाने में उसकी संगठन प्रणाली का बहुत बड़ा रोल होता है l संस्था तभी कामयाब होगी जब उसकी संगठन व कार्य प्रणाली पर इससे जुड़ने वाले व्यक्ति को पूरा भरोसा हो कि इस संस्था के उद्देश्य तो ठीक हैं ही, अपितु इसकी संगठन व कार्य प्रणाली भी स्थिर व स्पष्ट है l कोई भी कार्यकर्त्ता किसी संस्था से तभी जुड़ना चाहेगा जब उसको वहां उचित मान-सम्मान मिले व उसके स्टेटस के अनुरूप उसे सेवा कार्य मिले l
a. संगठन की कड़ी में इसके कार्यकर्त्ता ही इसके प्रबन्धक होंगे l प्रतिनिधि सदस्य जो अपने आस-पड़ोस के आठ या दस या बारह परिवारों का प्रतिनिधित्व करेगा अथवा समाज व संस्था के बीच एक मजबूत सेतु का कार्य करेगा l प्रतिनिधि सदस्य बनने के लिए व्यक्ति को अपने जनगणना फार्म में इच्छा प्रकट करनी होगी l इसके अतिरिक्त वह संस्था कार्यालय में भी सम्पर्क कर सकता है l प्रतिनिधि सदस्य ही वहाँ की संगठन इकाई की कार्यकारिणी का गठन करेंगे व सभी कार्यकारिणी के सदस्य मिलकर अपने पदाधिकारियों का चुनाव करेंगे, जो समाज हित में सभी आवश्यक कदम उठाने के लिए सक्षम होंगे l प्रतिनिधि सदस्य समाज का कोई भी बच्चा, लड़का या लड़की, बड़ा या छोटा, पुरुष या स्त्री बन सकता है l
b. इसके अतिरिक्त जो व्यक्ति अपने व्यस्त जीवन से समाज हित के लिए कुछ समय नहीं निकाल सकते व विशेष आर्थिक सहयोग कर सकते हैं, उनके इस सहयोग को भी महत्व देते हुए ऐसे व्यक्तियों को भी कार्यकारिणी में लिया जाएगा व उन्हें भी वोट का बराबर अधिकार होगा l इसके अलावा कुछ व्यक्तियों को उनकी कुछ विशिष्ठता के कारण समाज हित में संस्था से जोड़ा जाता है, तो ऐसे सदस्य भी विशिष्ठ सदस्य कहलाएंगे, मगर वोट देने के तभी हकदार होंगे जब वे अपना न्युनत्तम अपेक्षित सहयोग देंगे l
c. इन्हीं स्थानीय कार्यकारिणी सदस्यों में से जिला कार्यकारिणी के सदस्य नामित किए जाएंगे व कुछ आर्थिक सहयोग के आधार पर व कुछ अपनी विशिष्टता के कारण सदस्य हो सकते हैं l ये सभी मिलकर जिला कार्यकारिणी का गठन करेंगे व अपने जिला पदाधिकारियों का चुनाव करेंगे l इसी प्रकार राज्य स्तर की इकाई का गठन होगा व अपना कार्य करेगी l
d. इसी प्रकार राज्य कार्यकारिणी में से केन्द्रीय कार्यकारिणी के लिए सदस्य नामित किए जाएंगे व कुछ आर्थिक सहयोग के आधार पर व कुछ अपनी विशिष्टता के कारण सदस्य हो सकते हैं l संस्थापक सदस्य तो अपने जीवनकाल तक केन्द्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहेंगे l ये सभी मिलकर केन्द्रीय कार्यकारिणी का गठन करेंगे व अपने केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड के पदाधिकारियों का चुनाव करेंगे l इसे हम THINK TANK का नाम भी दे सकते हैं, जिस पर संस्था चलाने के सारी जिम्मेदारी होगी l किसी विशेष प्रोजेक्ट/कार्यके लिए कोई अलग से समिति गठित की जा सकती है l इसी प्रकार केन्द्रीय स्तर का प्रबन्धन बोर्ड का गठन हो जाएगा l संस्था के प्रारम्भ में (प्रथम सत्र में) ऊपर से नीचे तक सभी सदस्य नामित (selection by choice) होंगे व अपनी कार्यकारिणी तथा पदाधिकारियों का चुनाव करते हुए प्रथम कार्यकाल पूरा करेगी, इसके पश्चात व्यवस्था बन जाने पर नीचे से लोकतान्त्रिक आधार पर चुन कर आयेंगे l
e. संस्था द्वारा हाथ में लिए गए कार्यों को स्थानीय इकाई द्वारा अपने अपने क्षेत्र में लागु किया जाएगा, जिसकी देखरेख जिला, राज्य व राष्ट्रीय इकाई करेगी l जहां कहीं कोई कमी नजर आएगी,वहां सभी तरहका सहयोग व मार्गदर्शन किया जाएगा l सभी के सहयोग से मिलकर केन्द्रीय कार्य योजना (Central Action Plan) तैयार की जायेगी, जिसे योजनाबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा l
f. संविधान अनुसार समय पर चुनाव करवाए जाएंगे l संस्था का सारा कार्य संविधान अनुसार लोकतांत्रिक ढंग से पूर्ण किया जाएगा l समय समय पर कार्यकर्त्ताओं को आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा l काम करने वाले कार्यकर्त्ता को यथा समय उचित तरीके से सम्मानित किया जाएगा l हर इकाई अपने कार्य की प्रगति रिपोर्ट अपने से ऊपर की प्रबन्धन इकाई को करेगी व उसकी एक प्रति मुख्यालय को भी भेजी जायगी, जिसकी समय समय पर समीक्षा होगी व संगठन प्रणाली में जहां कहीं जरूरत होगी, आवश्यक सुधार भी किया जाएगा l
7. सदस्यता : वैश्य समाज का कोई भी व्यक्ति, जो वैश्य समाज के ज्ञात 365 घटकों में आता है या अपने को वैश्य कुल में पैदा हुआ मानता है, संस्था का फार्म भर कर सदस्य बन सकता है l
(1) सदस्यता के प्रकार:-
a. जनसाधारण सदस्य–जिसका सदस्यता फार्म में नाम है, चाहे वह बालिग़ है या नहीं, उसे संस्था का जनसाधारण सदस्य कहा जायेगा I
b. साधारण सदस्य– जनसाधारण सदस्यों में से जो चालू वर्ष के प्रथम दिन 18 वर्ष का हो चुका है, वह उस वर्ष से साधारण सदस्य कहलाएगा l साधारण सदस्य ही कार्यकारिणी का सदस्य बन सकता है l वोट डालने का अधिकार भी केवल 18 वर्ष याअधिक आयु वाले को होगा l
c. प्रतिनिधि सदस्य– जो व्यक्ति समाज हित में अपना समय निकाल कर संस्था के लिए काम करता है तथा अपनी गली या आस-पड़ोस के औसत 10 से 15 या कम घरों/परिवारों का प्रतिनिधित्व करता है, उसे प्रतिनिधि सदस्य कहेंगे I कार्यकर्त्ता नेटवर्क में औसत प्रति 10 घरों के पीछे एक प्रतिनिधि सदस्य ( व एक स्टैंडबाई ) उनकी इच्छानुसार काम के आधार पर लिए जायेंगे l सभी प्रतिनिधि सदस्य, जो 18 वर्ष की आयु (as on 1st day of F.Y.) के होंगे, मिलकर अपनी वहां की संगठन संस्था की कार्यकारिणी समिति का चुनाव करेंगे I ये प्रतिनिधि सदस्य संस्था व उन 10 परिवारों के बीच एक सेतु का कार्य करेगें I प्रतिनिधि सदस्य, कोई भी छोटा, बड़ा, पुरुष, स्त्री चाहे कोई भी आयु हो, बन सकता है, परन्तु कार्यकारिणी का सदस्य केवल वयस्क सदस्य ही बन सकता है l
d. विशिष्ट सदस्य: प्रतिनिधि सदस्यता के रास्ते से न आकर, जो बालिग़ व्यक्ति विशेष को उसकी विशिष्टताओं के कारण संस्था के हित में किसी भी स्तर पर (यानि स्थानीय स्तर पर, जिला स्तर पर या राज्य स्तर पर) संगठन संस्था के कार्यकारिणी सदस्य के रूप में लिया जाता है तो ऐसा सदस्य विशिष्ट सदस्य कहलाएगा I
e. आजीवन सदस्य: जो भी बालिग़ व्यक्ति संस्था को नियमानुसार अपना आर्थिक सहयोग या विशेष आर्थिक सहयोग करेंगे, उनके आर्थिक सहयोग के आधार पर, उसके जीवन काल तक वह आजीवन सदस्य कहा जायेगा I सहयोग की राशि अनुसार उसे उस स्तर की कार्यकारिणी का आजीवन सदस्य बनाया जायेगा I
f. राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य या केन्द्रीय कार्यकारिणी सदस्य या केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड सदस्य या Member ThinkTank:-संस्था की केन्द्रीय कार्य योजना तैयार करने, उसे लागू करने, समीक्षा करने, सुधार करने का दायित्व रहेगा (To prepare Central Action Plan and to implement, to monitor / follow up, to review and to improve it from time to time), उन्हें राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य या केन्द्रीयकार्यकारिणी सदस्य या केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड सदस्य या Member Think Tank कहा जाएगा I सभी संस्थापक सदस्य अपने पूरे जीवन तक संस्था के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य या केन्द्रीय कार्यकारिणी सदस्य या केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड सदस्य या Member Think Tank रहेंगे l जीवनकाल में इनके द्वारा नामित व्यक्ति या सदस्य की मृत्यु के पश्चात उनके द्वारा नामित कोई भी सदस्य या योग्य उतराधिकारी संस्था का स्थाई सदस्य होगाl केन्द्रीय कार्यकारिणी मेंप्रत्येक राज्य कार्यकारिणी से भी सदस्यों को लिया जाएगा, जो संस्था के उद्देश्य पूर्ति में समर्पण भाव से तन,मन व धन से विशेष सहयोग करता हो I प्रथम अवधि तक इन्हें नामित आधार पर लिया जायेगा, बाद के वर्षों में नीचे से लोकतान्त्रिक आधार पर चुन कर आयेंगे I सभी संस्थापक सदस्य केन्द्रीय कार्यकारिणी के स्थाई सदस्य रहेंगे l
g. सलाहकार समिति: ज्यादा महत्वपूर्ण व्यक्ति, जो बहुत अधिक प्रभावशाली व प्रतिभा के धनी होते हैं, उन्हें प्रबन्धनबोर्ड की सलाह से संस्था के हित में संस्था की सलाहकार समिति में ले लिया जायेगा l इसमें समाज के एम.पी., एम.एल.ए., अधिकारी या उधोगपति या कोई भी प्रतिष्ठित व्यक्ति हो सकते हैं l
h. संरक्षक सदस्य: स्थानीय/जिला/राज्य इकाई या केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड का जो भी कोई सदस्य, जिसकी टर्म पूरी हो गई है व संस्था के साथ बने रहना चाहता है या संस्था के लिए उसका रहना बहुत जरूरी है तथा जिसे संस्था से जुड़े हुए कम से कम 10 वर्ष हो गए है, तो ऐसे सदस्य को संस्था की उस इकाई का संरक्षक सदस्य बना दिया जाएगा l
(2) सदस्यता की शर्तें :-
a) स्वीकृति या अस्वीकृति: किसी की भी सदस्यता स्वीकार करने या अस्वीकार करने का अधिकार केन्द्रीय गवर्निंग बाडी को या उसके द्वारा अधिकृत समिति को विशेषाधिकार रहेगा I
b) संस्था के हित के विरुद्ध किसी भी तरह का कोई भी कार्य करने वाले किसी भी सदस्य की सदस्यता केन्द्रीय गवर्निंग बाडी द्वारा या उसके द्वारा किसी प्रदेश या जिला की अधिकृत समिति द्वारा रद्द करने का विशेषाधिकार रहेगा I
c) कार्यकर्त्ता नेटवर्क में औसत प्रति 10 घरों के पीछे एक प्रतिनिधि सदस्य ( व एक स्टैंडबाई ) उनकी इच्छानुसार व काम के आधार पर लिए जायेंगे, परन्तु इनमें से केवल बालिग़ प्रतिनिधि सदस्य ही वहां की संगठन संस्था के कार्यकारिणी सदस्य होंगे I
d) जरूरत पड़ने पर चुनाव में भाग लेने का अधिकार या वोट डालने का अधिकार केवल उसी वयस्क सदस्य को होगा (Voting Rights, when required), जिसने अपनी पूरी सदस्यता राशी का पहले ही समय पर भुगतान कर दिया हो I वोटिंग राईट के लिए न्यूनतम दो वर्ष की सदस्यता वरीयता ( Seniority of two years) व साथ में दो वर्ष की सदस्यता राशी दी होनी चाहिए I चुनाव प्रक्रिया प्रारम्भ होने के पश्चात बकाया सदस्यता राशी का भुगतान समय पर भुगतान नहीं माना जायेगाI
e. फार्म भरने वाले महीने को छोड़कर अगले मास की पहली तारीख से उसकी सदस्यता प्रारम्भ हो जाएगी l सदस्यता फार्म जिस माह में भरा गया है, वह उसी माह में स्वीकार/अस्वीकार हो जाना चाहिए l
f. चुनाव में खड़े होने या भाग लेने का अधिकार उसी को होगा जिसे वोट डालने का अधिकार है I
g. वर्ष 2019-20, 2020-21 व 2021-22 लगभग प्रथम तीन वर्ष के दौरान सभी स्तर की कार्यकारिणी नामित आधार पर चुनी हुई होगी, (चूँकि प्रारम्भ में इनका गठन नामित आधार पर होगा, न कि चुनाव आधार पर) जिनमें चुनाव प्रक्रिया लागु नहीं होगी I इसके पश्चात बाकायदा लोकतान्त्रिक ढंग से चुनावी आधार पर हर स्तर पर कार्यकारिणी का गठन किया जायेगा I
h. कोई भी सदस्य पिछली तारीख से (From Back Date) सदस्य नहीं बनाया जायेगा I
i. देय सदस्यता शुल्क वित्तीय वर्ष के अंदर अंदर भुगतान कर देना चाहिए, तभी शुल्क नियत समय पर दिया माना जायेगा I
(3) सदस्यों के अधिकार :
i) शर्तें पूरी करने पर वोट डालने का अधिकार;
ii) शर्तें पूरी करने पर चुनाव लड़ने का अधिकार;
iii) एक सौ रुपये के भुगतान पर नियम-उपनियमों की प्रति लेने का अधिकार;
iv) सुझाव देने का अधिकार;
v) संस्था द्वारा सदस्यों को जो सुविधाएँ (common pooled facilities), निशुल्क या सशुल्क जैसे भी हों, लेने का अधिकार;
vi) अपनी इकाई से सम्बंधित नोटिस प्राप्त करने का अधिकार;
(4) सदस्यता की अवधि:
a) संस्थापक सदस्य अपने जीवन काल तक केन्द्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहेंगे I उनके जीवनकाल में उनके द्वारा नामित व्यक्ति अथवा उनकी मृत्यु के पश्चात उनका उत्तराधिकारी केन्द्रीय कार्यकारिणी के सदस्य के रूप में लिया जायेगा, जिसे साधारण सभा में पास करवाया जायेगा I
b) आजीवन सदस्यों को छोड़ कर राज्य स्तर तक सभी तरह के सदस्यों की अवधि 3 वर्ष रहेगी तथा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य या केन्द्रीय कार्यकारिणी सदस्य या केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड सदस्य या Member Think Tank की अवधि 4 वर्ष होगी I
c) संस्था के हित के विरुद्ध किसी भी तरह का कोई भी कार्य करने वाले किसी भी सदस्य की सदस्यता केन्द्रीय गवर्निंग बॉडी या उसके द्वारा अधिकृत प्रदेश या जिला समिति द्वारा रद्द करने का विशेषाधिकार रहेगा I
d) राज्य स्तर तक कोई भी सदस्य किसी एक पद पर अधिकतम केवल 3 वर्ष की उस सत्र की अवधि तक कार्य करेगा I यह अवधि राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य केन्द्रीय कार्यकारिणी सदस्य या केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड सदस्य या Member Think Tank की 4 वर्ष होगीI सत्र समाप्ति पर उसके पद की अवधि भी समाप्त हो जाएगी I अगली (next) तीन/चार वर्ष की अवधि के पश्चात उसे दोबारा उसी पद पर चुना जा सकता है I एक व्यक्ति एक पद पर केवल दो बार रह सकता है, वो भी लगातार नहीं I
e) प्रयास रहेगा कि किसी भी एक सदस्य पर एक ही पद का दायित्व रहे I
(5) सदस्यता की समाप्ति :
i) त्यागपत्र देने पर, मृत्यु या पागल होने पर, दिवालिया घोषित होने पर;
ii) संस्था के उद्देश्यों के विपरीत कार्य करने पर ;
iii) नियम-उपनियमों का उल्लंघन करने पर;
iv) संस्था की लगातार तीन बैठकों में बिना पूर्व सूचना दिए अनुपस्थित रहने पर;
v) सम्बन्धित वित्तीय वर्ष में या मांगने पर देय तिथि तक भी वार्षिक शुल्क लगातार 3 वर्ष तक जमा ना कराने पर;
vi) न्यायालय से नैतिक अपराध में दण्डित किये जाने;
vii) सम्बन्धित कार्यकारिणी में प्रस्ताव पास करके डिफाल्टर की सदस्यता समाप्त की जा सकती है, मगर समाज का कोई भी व्यक्ति संस्था का जनसाधारण व साधारण सदस्य तो बना ही रहेगा l
viii) उपरोक्त प्रत्येक स्थिति में केन्द्रीय कार्यालय को सूचित किया जायेगा I
(6) रिक्त सदस्यता स्थान को भरना:-
उपर्युक्त स्थितियों में सम्बंधित कार्यकारिणी के द्वारा केन्द्रीय कार्यालय की सलाह से उस सदस्य के स्थान पर नियमानुसार वही या दूसरा सदस्य नियुक्त किया जा सकता है I
(7) सदस्यता रजिस्टर:-
संस्था द्वारा हर स्तर पर यानि स्थानीय/जिला/राज्य या राष्ट्रीय स्तर पर सभी तरह के सदस्यों का बाकायदा रजिस्टर बनाया जायेगा व अपडेट / मेन्टेन किया जायेगा I
(8) सदस्यता / सहयोग राशि:-
i) हम व आप से मिलकर यह समाज बना है व आप सभी के कल्याण केउद्देश्य से यह संस्था बनाई गई है l संस्था द्वारा सहयोग लेने का आधार “सब का साथ – सब का विकास” रहेगा I यदि हम यह सोचते हैं कि हम बिना कुछ त्याग किये कुछ पाने में सफल होंगे, तो यह हमारी भूल ही होगी I संस्था से हम तभी कुछ पाने की अपेक्षा कर सकते हैं, जब हमने इसे कुछ दिया हो अर्थात इसे कुछ करने या देने लायक बनाया हो I अत: समाज के प्रत्येक व्यक्ति/परिवार से करबद्ध विनती है कि आप सभी अपनी क्षमतानुसार दिल खोल कर सहयोग करें I जितने खुले हाथों से आप सहयोग करेंगे, आप की यह संस्था आप के लिए उतना ज्यादा काम कर सकेगी Iवित्तीय वर्ष के अंदर अंदर दी गई सदस्यता राशि ही समय पर दी हुई मानी जाएगी
ii) समाज कल्याण की विभिन्न योजनाओं को चलाने के लिए अपने प्रत्येक जनसाधारण सदस्य / साधारण सदस्य/ प्रतिनिधि सदस्य से न्यूनतम 100 रूपये प्रति वर्ष देने अपेक्षित/प्रार्थनीय है I उदाहरण के तौर पर यदि एक परिवार में कुल 5 प्राणी हैं तो उस परिवार से प्रतिवर्ष न्यूनतम 500/- आर्थिक सहयोग अपेक्षित हैं I जो व्यक्ति परिवार के सभी सदस्यों के आधार पर न देकर केवल अपनी एक राशि 100/- देने को तत्पर है और वह समर्पित भाव से अपना समय व अन्य सेवा देना चाहता है, उसका भी संस्था में स्वागत है और उसे प्रतिनिधि सदस्य के रूप में रजिस्टर किया जायेगा I विशिष्ट, आजीवन व केन्द्रीय कार्यकारिणी सदस्य बनने के लिए नीचे दिए चार्ट अनुसार सदस्यता राशि निर्धारित की गई है lकोई भी व्यक्ति अपनी श्रद्धानुसार अधिक राशि भी दे सकता हैI किसी विशेष कार्य को पूरा करने हेतु समाज से आर्थिक सहयोग की विशेष अपील की जा सकती है I आजीवन सदस्य बनने के लिए आर्थिक सहयोग की निम्न राशि प्रस्तावित/ अपेक्षितहै:-
क्र |
इकाई का स्तर |
कार्यकारिणी/पदाधिकारी/ विशिष्ठ सदस्य सेअपेक्षित सहयोग (रुपए) |
आजीवन सदस्य से एक बार (रु.) |
1 |
स्थानीय स्तर पर |
1,100 प्रतिवर्ष |
11,000 |
2 |
जिला स्तर पर |
5,100 प्रतिवर्ष |
51,000 |
3 |
राज्य स्तर पर |
11,000 प्रतिवर्ष |
1,10,000 |
4 |
राष्ट्रीय स्तर पर |
51,000 प्रतिवर्ष |
5,00,000 |
iii) केन्द्रीय कार्यालय व इसकी स्थानीय, जिला व राज्य इकाइयों के बीच संग्रहित राशि/ प्राप्तियों का बटवारा:-
प्रत्येक स्थानीय, जिला व राज्य इकाई द्वारा अपनी वर्ष भर की सकल प्राप्तियों का 10% भाग केन्द्रीय कार्यालय को ट्रान्सफर किया जायेगा I वर्ष में प्रति छ:माही का 10% भाग छ:माही समाप्ति के अगले माह के अंदर अंदर ट्रान्सफर करना होगा I इससे केन्द्रीय कार्यालय का आर्थिक पक्ष मजबूत होगा व सभी योजनाओं के लागू करने में आसानी रहेगीI केन्द्रीय इकाई समय समय पर जरूरत के हिसाब से इकाई विशेष को आर्थिक मदद करेगी जैसे कार्यालय या भवन क्रय करने/बनाने के लिए, विशेष सहायता कार्यों के लिए आदि आदि I
iv) देश भर में वितरण किये जाने वाले वार्षिक कलेंडर (वार्षिक रिपोर्ट) में दान देने के लिए (जन्मदिन,सालगिरह,मुहूर्त या अन्य खुशी के अवसर आदि पर) जो अपील के माध्यम से संस्था के बैंक खाते में सीधे जो प्राप्ति (Direct Collection in Bank) होती है, उसे area wise छांट लिया जायेगा व उस इकाई विशेष के 10% देय भाग से कम कर(घटा) दी जाएगी I ज्यादा आने पर इकाई विशेष को ट्रांसफ़र की जाएगी I वितरण किये जाने वाले वार्षिक कलेंडर में केन्द्रीय इकाई का बैंक खाता नम्बर दिया जाएगा ताकि देश भर में एकता का संदेश जाए व सभी को खाता नम्बर याद हो जाए I
8. साधारण सभा (GENERAL BODY) :
a) स्थानीय स्तर की हर इकाई/संगठन संस्था के जनसाधारण सदस्य, साधारण सदस्य, प्रतिनिधि सदस्य, कार्यकारिणी सदस्य, विशिष्ट सदस्य व आजीवन सदस्य अपने-अपने होंगे I इन सब को मिलाकर (नाबालिग, अयोग्य व उन सदस्यों को छोड़ कर जिन्होने अपना अपडेट शुल्क नहीं दिया है)साधारण सभा होगी I साधारण सभा में कार्यकारिणी का चुनाव किया जायेगा I इसके पश्चात कार्यकारिणी अपने पदाधिकारियों का चुनाव करेगी चुनने कीसब कार्यवाही लोकतान्त्रिक आधार पर की जाएगी I स्थानीय इकाई अपने जिले व राज्य व केन्द्रीय कार्यालय से प्राप्त सभी निर्देशों/नियमों का पालन करेगी व समय-समय पर अपनी उपलब्धि रिपोर्ट इन्हीं को प्रस्तुत करेगी I किसी मामले का अंतिम निर्णय केन्द्रीय कार्यालय का होगा I स्थानीय इकाइयों से जो दो-दो कार्यकारिणी सदस्य जिला कार्यकारिणी में लिए जायेगें, उन दोनों की जिम्मेदारी रहेगी कि जिला स्तर पर जो प्रस्ताव पास हों या निर्देश मिलें, उन्हें अपनी स्थानीय इकाई पर लागू करवाएं I वे अपनी इकाई के जिला प्रतिनिधि होंगे I
b) जिला स्तर की संस्था में उस जिले की समस्त स्थानीय इकाइयों के दो-दो कार्यकारिणी सदस्य, जिला स्तर के विशिष्ट व आजीवन सदस्यों को मिलाकर जिला कार्यकारिणी/ जिले की साधारण सभा बनेगी इसके पश्चात जिला कार्यकारिणी अपने पदाधिकारियों/जिला प्रबन्धन बोर्ड का चुनाव करेगी चुनने की सब कार्यवाही लोकतान्त्रिक आधार पर की जाएगी I पदाधिकारीगण/जिला प्रबन्धन बोर्ड की जिम्मेदारी होगी कि केन्द्रीय प्रबंधन बोर्ड द्वारा पारित सभी योजनाओं को अपने जिले की सभी संस्थाओं में लागू करे व अच्छे परिणाम दें I जिला इकाई अपने राज्य व केन्द्रीय कार्यालय से प्राप्त सभी निर्देशों/नियमों का पालन करेगी व समय-समय पर अपनी उपलब्धि रिपोर्ट इन्हीं को करेगी I किसी मामले का अंतिम निर्णय केन्द्रीय कार्यालय का होगाI स्थानीय इकाइयों से जो दो-दो कार्यकारिणी सदस्य राज्य कार्यकारिणी में लिए जायेगें, उन दोनों की जिम्मेदारी रहेगी कि राज्य स्तर पर जो प्रस्ताव पास हों या निर्देश मिलें, उन्हें अपनी जिला इकाई पर लागू करवाएं I वे अपनी इकाई के जिला प्रतिनिधि होंगेI
c) राज्य स्तर की संस्था में उस राज्य के समस्त जिलों की संस्थाओं/इकाइयों की प्रत्येक कार्यकारिणी से दो-दो सदस्य, राज्य स्तर के विशिष्ट व आजीवन सदस्यों को मिलाकर राज्य कार्यकारिणी/राज्य की साधारण सभा बनेगी I इसके पश्चात राज्य कार्यकारिणी अपने पदाधिकारियों/राज्य प्रबन्धन बोर्ड का चुनाव करेगी I चुनने की सब कार्यवाही लोकतान्त्रिक आधार पर की जाएगीI पदाधिकारीगण/राज्य प्रबन्धन बोर्ड की जिम्मेदारी होगी कि केन्द्रीय प्रबंधन बोर्ड द्वारा पारित सभी योजनाओं को अपने राज्य की सभी संस्थाओं में लागू करे व अच्छे परिणाम दें I राज्य इकाई केन्द्रीय कार्यालय से प्राप्त सभी निर्देशों/नियमों का पालन करेगी व समय-समय पर अपनी उपलब्धि रिपोर्ट केन्द्रीय कार्यालय को करेगी I किसी मामले का अंतिम निर्णय केन्द्रीय कार्यालय का होगाI राज्य इकाइयों से जो दो-दो कार्यकारिणी सदस्य राष्ट्रीय कार्यकारिणी में लिए जायेगें, उन दोनों की जिम्मेदारी रहेगी कि राष्ट्रीय स्तर पर जो प्रस्ताव पास हों या निर्देश मिलें, उन्हें अपनी राज्य इकाई पर लागू करवाएं I वे अपनी इकाई के राष्ट्रीय प्रतिनिधि होंगेI
d) केन्द्रीय संस्था में सभी राज्यों संस्थाओं/इकाइयों के दो-दो कार्यकारिणी के सदस्य, राष्ट्रीय स्तर के संस्थापक सदस्य, विशिष्ट, आजीवन व संरक्षक सदस्यों को मिलाकर राष्ट्रीय कार्यकारिणी/साधारण सभा बनेगी I इसके पश्चात राष्ट्रीय कार्यकारिणी अपने पदाधिकारियों/केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड या थिंक टेंक का चुनाव करेगी I चुनने की सब कार्यवाही लोकतान्त्रिक आधार पर की जाएगीI पदाधिकारीगण/केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड की जिम्मेदारी होगी कि बोर्ड द्वारा पारित सभी योजनाओं को अपने सभी राज्यों की सभी संस्थाओं में लागू करे व अच्छे परिणाम के लिए समय समय पर बैठक कर चर्चा करे व सभी समस्याओं का समाधान करे I केन्द्रीय कार्यालय राज्य इकाइयों से प्राप्त सभी सलाह/समस्याओं पर गौर करे व उनका समाधान निकाले तथा मिलकर उद्देश्य की प्राप्ति के प्रयास करे I समय समय पर जारी निर्देशों/नियमों का नीचे इकाइयों से पालन करवाना केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड की जिम्मेदारी होगी व समय-समय पर नीचे से उपलब्धि रिपोर्ट मांगी जाएगी I जहां कहीं कोई इकाई ढीली है या अपेक्षित परिणाम नहीं आ रहे तो वहाँ जाकर समस्या का अध्ययन कर समस्या का हल करते हुए इकाई को मजबूत बनाना होगा I किसी मामले का अंतिम निर्णय केन्द्रीय कार्यालय का होगा I राज्य इकाइयों से जो दो-दो कार्यकारिणी सदस्य राष्ट्रीय कार्यकारिणी में राज्य प्रतिनिधि के रूप में जायेगें, उन दोनों की जिम्मेदारी रहेगी कि राष्ट्रीय स्तर पर जो प्रस्ताव पास हों या निर्देश मिलें, उन्हें अपनी राज्य इकाई पर लागू करवाएं I वे अपनी राज्य इकाई के राज्य प्रतिनिधि होंगेI
e) हर स्तर पर साधारण सभा की वर्ष में कम से कम एक बैठक अवश्य होगी I असाधारण परिस्थितयों में साधारण सभा की मीटिंग कभी भी बुलाई जा सकती है I
f) साधारण सभा की बैठक सूचना (स्थान,तिथि,समय व एजेंडा बताते हुए) सभी सम्बन्धित सदस्यों को फोन/मोबाइल/SMS/What’s App/डाक द्वारा पत्र भेजकर/ई-मेल,कुरियर सेवा आदि द्वारा उचित समय पर दी जाएगी I साधारण हालात में यह सूचना 10 दिन पूर्व देनी चाहिए l
g) साधारण सभा का कोरम सभी योग्य सदस्यों को मिलाकर कुल संख्या के आधे (½) सदस्यों के बराबर होगा I यदि उस समय कोरम पूरा न हो सके तो बैठक आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी जायगी I इसके बाद बैठक आयोजित करने पर कोरम की आवश्यकता नहीं होगी I
h) केन्द्रीय साधारण सभा की बैठक के लिए एजेंडा : केन्द्रीय एजेंडा में निम्न विषय सम्मिलित किये जायेंगे-
i) संस्था के लिए केन्द्रीय कार्य योजना (Central Action Plan) तैयार करना व उसे लागू करने के सम्बन्ध में आवश्यक पालसी बनाना ;
ii) संस्था के विभिन्न कार्यक्रमों की वार्षिक योजना, बजट, चुनाव, संविधान में संशोधन, संगठन प्रणाली, कार्यप्रणाली, सम्पत्ति लेनदेन, विवाद आदि मामलों से सम्बंधित विषयों पर चर्चा व निर्णय किया जायेगा I
iii) साधारण सभा की अध्यक्षता प्रधान/अध्यक्ष करेंगे I उनकी कोई मजबूरी होने पर उप-प्रधान/उपाध्यक्ष या अनुभवी वरिष्ट सदस्य अध्यक्षता करेंगेI
iv) साधारण सभा में प्रस्तुत सभी मामले बहुमत आधार पर निर्णित होंगे I
v) साधारण सभा में विशेषज्ञ, कर्मठ व समर्पित व्यक्तियों का एक केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड (Think Tank) का गठन किया जायेगा I ऐसी समिति को विशेष अधिकार भी दिए जा सकते हैं l
vi) जहाँ कहीं कोई नियम स्पष्ट नहीं है या कोई नई स्थिति उत्पन्न हो गई है, उस अवस्था में वहाँ की कार्यकारिणी फैंसला लेगी जिसकी सूचना केन्द्रीय कार्यालय को देना होगा व केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड का फैंसला अन्तिम होगा I
9. चुनाव या सत्र की अवधि :
a) केन्द्रीय इकाई को छोडकर संस्था के एक सत्र का कार्यकाल 3 वर्ष का होगा I प्रथम सत्र 2019-20 से मार्च 2022 तक, अगला सत्र अप्रैल 2022 से मार्च 2025 तक व इसी प्रकार से चलेगा I केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड/कार्यकारिणी का कार्यकाल 4 वर्ष की अवधि का रहेगा I
b) चुनाव लोकतान्त्रिक आधार पर निष्पक्ष व पारदर्शी होगा I वोट डालने की दशा में गुप्त मतदान होगा I
c) सभी स्तरों पर कार्यकारिणी का गठन या समय पर चुनाव करवाने की सारी जिम्मेदारी केन्द्रीय कार्यालय पर रहेगीI सबसे पहले स्थानीय इकाइयों के, फिर जिला स्तर के, फिर राज्य स्तर के व समय आने पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा l
d) चुनाव में केवल योग्य (रजिस्टर अनुसार) व बालिग सदस्य ही भाग ले सकते हैं I वोट डालने का अधिकार केवल उसी व्यक्ति को होगा जिस का नाम सदस्य रजिस्टर में योग्य सदस्यों की सूची में हो I वोट डालने का अधिकार प्रतिनिधि सदस्यों, कार्यकारिणी सदस्यों, विशिष्ट सदस्यों व आजीवन सदस्यों को होगा जो वोटर व कैंडिडेट होने की शर्तें पूरी करते हों I
e) एक व्यक्ति को केवल एक वोट देने का अधिकार होगा I मतदान गुप्त रहेगा l
f) किसी कारणवश सत्र के बीच में कोई पद खाली हो जाए, तो वहाँ की कार्यकारिणी द्वारा उस पद को शेष अवधि के लिए भरा जा सकता है व इसकी सूचना केन्द्रीय कार्यालय को अवश्य दी जाएगी I
10. स्थानीय, जिला, राज्य व केन्द्रीय स्तर पर पदाधिकारियों की संख्या व उनको जिस नाम से जाना जायेगा:
क्रमांक |
स्थानीय इकाई |
जिला इकाई |
राज्य इकाई |
केन्द्रीय इकाई |
1. |
प्रधान 1 |
जिला प्रधान 1 |
राज्य प्रधान 1 |
केन्द्रीय प्रधान 1 |
2. |
उप-प्रधान 2 |
जिला उप-प्रधान 2 |
राज्य उप-प्रधान 2 |
केन्द्रीय उप-प्रधान 2 |
3. |
महासचिव 1 |
जिला महासचिव 1 |
राज्य महासचिव 1 |
केन्द्रीय महासचिव 1 |
4. |
सह सचिव 1 |
जिला सह सचिव 1 |
राज्य सहसचिव1 |
केन्द्रीय सह सचिव 1 |
5. |
केशियर 1 |
जिला केशियर 1 |
राज्य केशियर 1 |
केन्द्रीय केशियर 1 |
6. |
सह केशियर 1 |
जिला सह केशियर 1 |
राज्य सहकेशियर 1 |
केन्द्रीय सह केशियर 1 |
7. |
ऑडिटर 1 |
जिला ऑडिटर 1 |
राज्य ऑडिटर 1 |
केन्द्रीय ऑडिटर 1 |
8. |
संगठनसचिव 1 |
जिलासंगठनसचिव 1 |
राज्य संगठनसचिव 1 |
केन्द्रीय संगठनसचिव 1 |
9. |
प्रचारमंत्री 1 |
जिला प्रचार मंत्री 1 |
राज्य प्रचार मंत्री 1 |
केन्द्रीय प्रचार मंत्री 1 |
10 |
अंकेक्षक 1 |
जिलाअंकेक्षक 1 |
राज्यअंकेक्षक 1 |
केन्द्रीय अंकेक्षक 1 |
11. संस्था की कार्य प्रणाली–
a) संस्था की कार्य प्रणाली को समझने से पूर्व इसकी संगठन प्रणाली को समझना आवश्यक है l सर्वप्रथम कुछ पुण्य आत्माओं, जो समस्त समाज व मानवता का भला चाहते हैं, के द्वारा अपने सद्प्रयासों के द्वारा यह संस्था खड़ी की गई है l प्रथम केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड (Think Tank) व नीचे की सभी संगठन इकाइयां प्रथम सत्र की अवधि के लिए अस्थाई (adhoc) आधार पर खड़ी की जाएंगी l राज्य स्तर तक प्रथम अवधि का कार्यकाल 3 वर्ष व मुख्यालय पर यह अवधि 4 वर्ष की रहेगी l
b) प्रथम अवधि में जब संस्था का स्वरूप आ जाएगा, काम करने लगेगी, नीचे से ऊपर तक का ढांचा खड़ा हो जाएगा, मुख्यालय अपना कार्य ठीक से करने लगेगा, समाज के बीच अपनी बात पहुँचाने की पूरी कोशिश की जाएगी l
c) दूसरी अवधि में सभी स्तर पर नीचे से ऊपर तक सभी कार्यकर्त्ताओं के बीच उनके काम व योग्यता के आधार पर (on the basis of performance)लोकतान्त्रिक ढंग से चुनाव करवाकर संगठन इकाइयां खड़ी की जाएंगी l सारा कार्य संविधान के अनुसार होगा व जहाँ policy making में अच्छे सुझाव आयेंगे, समाजहित में वहां आवश्यक संसोधन भी किए जाएंगे l
d) समाज को संगठित करने के उद्देश्य सेकुछ ऐसी योजनाएं बनाई जाएंगी, जिनमें समाज के हर व्यक्ति का अधिकतम योगदान सम्भव हो सके l प्रत्येक व्यक्ति/परिवार स्वयं को अपने संगठन से जुड़ा हुआ महसूस करे व स्वयं को इसका अभिन्न अंग समझे l प्रत्येक व्यक्ति/परिवार को संगठन की गतिविधियों में ज्यादा से ज्यादा भाग लेने व सहयोग करने का अवसर मिले, ज्यादा से ज्यादा एक दुसरे के सम्पर्क में आएं, एक दुसरे को जानें, समझें व आपस में सहयोग करें l
e) संस्था का एक मुख्यालय होगा, जहांकेन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड संस्था को खड़ी करने से लेकर चलाने तक के बारे में आवश्यक सभी नीतियाँ बनाएगा, जिन्हेंअपनी राज्य, जिला व स्थानीय स्तर की सभी इकाइयों के सहयोग से समाज में लागू किया जाएगा l केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड द्वारा“समाज को संगठित करने के लिए क्या क्या कार्य किए जाएं” की एक सूची बनाई जाएगी, जिसेकेन्द्रीय कार्य योजना (Central Action Plan) कहा जाएगाlसंस्था द्वारा किए जाने वाले कार्यों की विस्तृत सूचि अलग से पांच वर्षीय योजना के शीर्षक के तहत देखें l यह योजना पांचवर्ष या इससे लम्बी अवधि की होगी, जिसे वार्षिक आधार पर बाँट कर योजनाबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा lप्रतिवर्ष कार्य करने के टारगेट तय किये जायेंगे व उन्हें पूरे मनोयोग से अपनी सभी स्तरों की इकाइयों के माध्यम से प्राप्त करने का प्रयास किया जाएगा lवर्ष के अंत में उपलब्धियों की समीक्षा की जाएगी व सभी की सलाह से आगे जो उचित होगा, कदम उठाया जाएगा l केन्द्रीय कार्यालय अपनी सभी स्तर कीइकाइयों के कामकाज की लगातार देखरेख (monitoring) करती रहेगी व जहां कहीं मदद की जरूरत होगी, जिला व राज्य इकाइयों के माध्यम से मदद करेगी वइकाईको सक्षम बनाने हेतु केन्द्रीय इकाई स्वयं भी मदद करेगी l निचली इकाइयां अपने ऊपर वाले प्रबन्धन कार्यालय के साथ साथ केन्द्रीय कार्यालय को भी समय समय पर अपनी प्रोग्रेस रिपोर्ट भेजती रहेंगी l
f) मुख्यालय द्वारा अपनी सभी इकाइयों को केन्द्रीय कार्य योजना अनुसार कार्य करने हेतु समान टारगेट दिए जायेंगे, जो सभी इकाइयों पर समान रूप से लागू होगा l किए गए कार्यों की जिला एवम राज्य इकाइयों के सहयोग से समीक्षा की जायेगी व आवश्यकता अनुसार अगले कार्यक्रम में संसोधन किया जाएगा l यथासम्भव प्रयास किया जाएगा किसंस्था अपने टारगेट्स कीप्राप्ति करते हुए प्रतिवर्ष सतत आगे बढ़े व 5 वर्ष के अंतराल के पश्चात यह अपनेआप को वैश्य समाज की एकमात्र प्रतिनिधि केन्द्रीय संस्था प्रमाणित करे l
g) कार्यकर्त्ताओं को समय समय पर आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा l उन्हें संस्था की संगठन व कार्य प्रणाली के बारे में भी पूरी जानकारी दी जाएगी l समय समय पर दिए गए कार्य योजना(project) के बारे में आवश्यक जानकारी दी जाएगी l फिल्ड से प्राप्त सभी रिपोर्ट्स मुख्यालय पर संकलित की जायेंगी, जो वर्ष के अंत में समाज के समक्ष उपलब्धियों के रूप में प्रस्तुत की जायेंगी l
h) डिजिटल माध्यम से संस्था की वार्षिक रिपोर्ट सभी तक प्रेषित की जायेगी lवार्षिक कलेंडर के माध्यम सेभी संस्था का पूरा परिचय- संगठन प्रणाली, कार्य प्रणाली, टारगेट, उपलब्धियांप्रत्येक घर तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा lसभी के सुझावों का सदैव स्वागत रहेगा l
i) संस्था की जो इकाई दिए गए टारगेट्स को दिए गए समय में या उससे पूर्व प्राप्त कर लेगी, उसेहाईलाइट किया जाएगा व उचित सम्मान से भी पुरस्कृत किया जाएगा l
12. The foundation for the work of the organization will be " development of everything together ". The institution is a reflection of the cooperation made by society. This is an institution representing the entire Vaisya society, which will raise voice for its interests in front of the exclusive society and the government. Just like what you want to make, this will be the same thing as the representative of a Chakravarti emperor wherever he goes, he saw him as a mini monarch. It is known, since it is representing the Chakravarti emperor, in the same way, this institution will also serve as the representative body of its great Vaishya society. If you all together make your institution as powerful, it is equally effective Will represent and be able to protect your interests.
जय वैश्य समाज जय महाराजा अग्रसेन जी जय कुलदेवी लक्ष्मी जी
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जय वैश्य समाज जय महाराजा अग्रसेन जी जय कुलदेवी महालक्ष्मी जी
रजि. संख्या S-3352/SDM/NW/2018. (कार्यक्षेत्र – अखिल भारत)
अखिल भारतीय वैश्य परिवार संघ (रजि.)
H.O.: 456/2, ब्रह्माश्रम, अम्बेडकर नगर एक्सटेंशन, हैदरपुर खादर, दिल्ली-110088
Mail id VaishParivarSangh@gmail.com Website VaishParivarSangh.com
Mobile 98714 95195, To be Member in Free, Miss Call 83 68 139 141.
“हम एक हैं तो सर्वश्रेस्ठ हैं” ; “हमारा सपना – संगठित समाज हो अपना” ; “सब का साथ-सब का विकास”
संग्ठन क्रांति का बीज – अखिल भारतीय वैश्य परिवार संघ
* पानी की एक एक बूंद जब स्वयं के अस्तित्व को मिटाते हुए पानी के समूह में मिलती है, तो ही ताकतवर समुद्र का रूप ग्रहण करती है l
** सूर्य की भांति चमकना चाहते हो तो सूर्य की तरह जलना सीखो l
***“अखिल भारतीय वैश्य परिवार संघ (रजि.) तेजस प्रकाश की जीवनदायी कोमल किरणों का वह पुन्ज है जो संग्ठन रूपी प्रिज्म से गुजरने पर अग्नि का रूप धारण कर लेता है जिस की शक्ति अनन्त है, जिसकी सब पूजा करते हैं l आओ मिलकर इसे साकार करें l”
**** इसके घोष वाक्य हैं “सब का साथ–सब का विकास”, “हम एक हैं तो सर्वश्रेस्ठ हैं” व “हमारा सपना–संगठित समाज हो अपना” l
** ये सभी सामग्री/जानकारियाँ आपने स्वयं अपने से, परिवार से या अपनी जानकारी से जैसे अख़बारों की कटिंग से संस्था को इसके whats’app नम्बर या मेल पते पर भेजनी है l
संस्था का सदस्य कौन बन सकता है :-
जनसाधारण सदस्य :- जो व्यक्ति वैश्य जाति के किसी भी घटक में पैदा हुआ है अथवा अपने को वैश्य जाति का मानता है तथा इस संस्था “अखिल भारतीय वैश्य परिवार संघ” के नियम-उपनियमों से सहमति रखते हुए सदस्यता फ़ार्म भरकर सदस्यता ग्रहण की है, वह संस्था का जनसाधारण सदस्य कहा जाएगा l साधारण सदस्य :- जिस सदस्य की आयु किसी भी वर्ष के प्रथम दिन 18 वर्ष की हो गई है, वह उस वर्ष से संस्था का साधारण सदस्य कहलाएगा l
संस्था की कार्य प्रणाली :-
आदरणीय वैश्य अग्रवाल बन्धुओं
सुनो सुनो सुनो
“हम एक हैं तो सर्वश्रेष्ठ हैं” को
साकार करने हेतु भेजे Link पर
click करके “अखिल भारतीय वैश्य
परिवार संघ” के निशुल्क सदस्य बनकर
राष्ट्रस्तरीय एकता का परिचय दें l
Helpline 98714 95195.
जिसे क्लिक करने से आपके सामने अखिल भारतीय वैश्य परिवार संघ (रजि.) की वेबसाईट खुल जाएगी जिसके निचले भाग में आपके सामने ऐसे दो बॉक्स खुलेंगे -
Full Name |
Mobile |
Register |
आपने ऊपर वाले बॉक्स में अपना पूरा नाम भरना है, फिर दुसरे बॉक्स में अपना मोबाइल नम्बर भरना है, कोशिश करें कि आप अपना whatsapp वाला नम्बर ही भरें l आप द्वारा मोबाइल नम्बर भरते ही स्क्रीन पर आपको दिखाई देगा – Enter 4 digit OTP Code sent to your mobile number. फिर आपने अपने मेसेज बॉक्स में जाकर 4 डिजिट की संख्या (जैसे उदाहरण के लिए 3415) दिखाई देगी, वह पढ़कर आपने वह OTP code भर देना है जिसके भरते ही डबल क्लिक करने पर सदस्यता फॉर्म खुल जाएगा, जिसे आप आराम से पढ़-पढ़ कर भर लें व आखिर में save/update/submit पर क्लिक करें l इस फॉर्म में पहले परिवार के मुखिया के भरने के लिए box होगा, पहले आपने वह भरना है, फिर वह भरकर save/update/submit पर click करना है l फिर अपने परिजनों को सदस्य बनाने हेतु परिजनों वाले बॉक्स पर क्लिक करके बॉक्स खोलना है, फिर यह भी भरकर save/update/submit बॉक्स पर क्लिक करना है l इस तरह आप व आपके सभी परिजन सदस्य बनाए जा सकते हैं l आप यही प्रक्रिया अपना कर कभी भी अपना फॉर्म खोल कर कभीभी कोई भी संशोधन कर सकते हैं या Google पर जाकर http://www.vaishparivarsangh.com खोल कर “संस्था से जुड़े या निशुल्क सदस्य बनें” पर क्लिक करके यह कार्य किया जा सकता है l आप सभी से करबद्ध विनती है कि आप व आपका परिवार तो सदस्य बनें ही, अपितु कोई अपना परिवार इससे छूट न जाए, इसके लिए आपने यह लिंक आगे अपने ग्रुप में भी forward करना है, हमने दीप से दीप जलाकर अपने समाज के हर परिवार को एकता(संगठन) के उजाले से रोशन करते हुए विभिन्नता (आपसी फूट) के अंधियारे को भगाना है l
धन्यवाद,भेजे लिंक पर क्लिक करके
सपरिवार निशुल्क सदस्य बनें
हेल्पलाइन 9871495195
आपके सामने vaishparivarsangh.com की साईट से सदस्यता फ़ार्म खुल जाएगा, जिसमें नाम व फोन नम्बर भरने के बाद आपसे OTP code भरने को कहा जाएगा, जिसे आपने अपने मेसेज बॉक्स को खोलकर भरना है l OTP code भरने के पश्चात आपके सामने पूरा फार्म खुलेगा जिसे आप आराम से भर सकेंगे l पहले मुखिया का फॉर्म भरें , फिर सभी परिजनों का बारी-बारी से भरें l फार्म भरकर save/update/submit को क्लिक करते ही आप सदस्य बन जाएंगे l
संस्था की संग्ठन प्रणाली :-
क्र |
इकाई का स्तर |
कार्यकारिणी/ पदाधिकारी/ विशिष्ठ सदस्य से अपेक्षित सहयोग (रुपए) |
आजीवन सदस्य से एक बार (रु.) |
1 |
स्थानीय स्तर पर |
1,100 प्रतिवर्ष |
11,000 |
2 |
जिला स्तर पर |
5,100 प्रतिवर्ष |
51,000 |
3 |
राज्य स्तर पर |
11,000 प्रतिवर्ष |
1,10,000 |
4 |
राष्ट्रीय स्तर पर |
51,000 प्रतिवर्ष |
5,00,000 |
इसी प्रकार से देश भर की सभी प्रदेश इकाईयों की कार्यकारिणी से दो-दो सदस्यों तथा विशिष्ठ/आजीवन सदस्यों* को मिलाकर केन्द्र में केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड का गठन किया जाएगा l इस केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड पर अपने देश की सभी प्रदेश इकाइयों को समन्वित करते हुए केन्द्रीय कार्य योजना में तय किए गए टारगेट्स को प्राप्त करने का दायित्व रहेगा l
जय वैश्य समाज–जय महाराजा अग्रसेनजी–जय कुलदेवी महालक्ष्मीजी –गीता ज्ञान : “If you do not fight for what you want, don’t cry for what you lost. Nothing depends on luck; everything depends on work because even luck has to work.”-भगवान श्रीकृष्ण जी