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Dharmshala, Hotel, Bhawan, P.G. अपनी धर्मशाला, होटल, फार्म हाउस,  हॉस्टल

अपनी धर्मशाला, होटलों, गेस्ट हाउसेस आदि  की जानकारी :

  1. हमें आए दिन किसी न किसी काम के सिलसिले में घर से बाहर जाना पड़ता हैं l  हमपढाई,व्यापार, नौकरी, घूमने-फिरनेआदि के काम से अपने शहर से बाहर जाते हैं l  वहां जाकर सबसे पहली चिंता यही होती है किअपने लिए एक ढंग का कमरा देखा जाए, जहांहम अपना सामान टिका सकें तथा नहाने-धोने, आराम करने व चाय-नाश्ते आदि का सुविधाजनक प्रबंध हो l भोजन आदि की सुविधा भले ही परिसर में न हो, मगर यात्री एक साफसुथरा हवादार कमरा अवश्य चाहेगा, जहांवह निश्चिन्त हो कर ठहर सके, सोच सके व काम कर सकेयानि कमरा सुरक्षित हो, वहां कोई चोरी व जान-माल का खतरा न हो l इन्हीं बातों कोमद्देनजर रखते हुए आजकल जगह जगह अच्छे होटल, रिसोर्ट, गेस्ट हाउस आदि खुल गए हैं l  हो सकता है वहां ठहरने के सारी सुविधाएं हों, परन्तु अगर व्यक्ति को वहां इन सब बातों के साथ साथ अपनेपन का भी अहसास हो, तब तो यात्रा और ठहरने का मजा ही कुछ और हो जाता है l जहां कहीं अपनापन होता है- जैसे वहां कोई अपना मिल जाता है या रहने का ठिकाना अपने ही समाज का है या होटल का मालिक अपना ही भाई है, या जहां ठहरे हैं, वहां का प्रबन्धक अपने ही समाज का व्यक्ति है, तो वहां फिर केवल होस्ट व ग्राहक होने तक बात सीमित नहीं रहती; ठहरे, किराया दिया व check-out से बात आगे बढ़ जाती है, जिसके पीछे अपनापन ही होता है l उदाहरण के तौर पर अगर एक नियमित यात्री/ग्राहक काफी दिनों के बाद होटल में कमरे हेतु जाता है, तो अगर वहां काउन्टर पर बैठा व्यक्ति यदि कहता है कि अब की बार तो काफी दिनों में आए, मैं तो आप के आने/पहुंचने की 3 दिन पहले की सोच रहा था, चूँकि पीछे आप जिक्र कर रहे थे ना !  आप हमेशा तो सोमवार को ही पहुंचते थे, अबकी बार तो एक दिन पहले ही पधार गए l तो इन सब बातों से अपनापन झलकता है व व्यक्ति कहीं और न जाकर वह वहीं पहुंचता है जहाँ उसे कुछ extra मिलता है चाहे वह किसी रूप में हो l

 

2.      आप की इस संस्था ने यह अभियान शुरू किया है किअपने समाज द्वारा निर्मित सभीसामुदायिक भवन, धर्मशाला, होटल, रिसोर्ट, गेस्ट हाउस आदिजहां भी बनाए हैं, अपने समाज द्वारा संचालित किए              जा रहे हैं ऐसी सभी जानकारी अपनी इस वेबसाइट पर दी जाए l कोशिश रहेगी कि यह सब जानकारी सचित्र हो, वहां का सम्पर्क नम्बर भी हो,  contact person का नाम व फोन नम्बर भी हो l वहां            क्या क्या सुविधा उपलब्ध हैं, क्या रूम रेंट है आदि पूरी जानकारी दी जाएगी lइसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि उस शहर में बाहर से जाने वाले व्यक्ति कोयह सब जानकारी तुरन्त अपनी साईट                 खोल कर मिल जाएगी, जिससे वह वहाँ अपना कमरा लेकर आराम के साथ अपना काम कर सकेगा व सकून के साथ उस शहर में ठहर कर अपनी यात्रा को सफल बना सकेगाl यदिडेस्टिनेशन शहर             के धर्मशाला,  होटल आदि के हमें नाम, पता,कमरों के रेट (terrif), सुविधाएं, सम्पर्क व्यक्ति का नाम/फोन नम्बर उपलब्ध है तो हम घर बैठे उस शहर में अपना कमरा बुक करवा सकते हैं lइससे एक                लाभ तो यह हो जाएगा कि हम घर बैठे अपना कमरा बुक करवा सकेंगे, दूसरा अपनी धर्मशाला/होटल/गेस्ट हाउस आदि को काम मिलता रहेगा, तीसरा आपसी सम्पर्क बढ़ता है और चौथा सबसे बड़ा             लाभ यह होगा कि हम अपनी  यात्रा बड़े सकून से पूरी कर लौट सकेंगे l हमारे दिमाग में सदैव यह प्रयास रहना चाहिए कि हम बाहर कहीं भी जाएं, तो अपनत्व दिखाएं l  हमेशा याद रखना है की हम               एक हैं तो सर्वश्रेष्ट हैं l

 

  1. आपसे भी विनम्र विनती है कि आप के शहर में भी जो कोईसामुदायिक भवन, धर्मशाला, होटल, रिसोर्ट, गेस्ट हाउस आदिअपने समाज द्वारा बनाए गएहैं, अपने समाज द्वारा संचालित किए जा रहे हैं व अपने समाज के लागों का मालिकाना हक है, तो ऐसी सभी जानकारी अपनी इस वेबसाइट पर अपलोड की जाएं या संस्था कार्यालय को सीधे भेजी जाए दी जाएया किसी कार्यकर्त्ता के माध्यम से भेजी जाए, ताकि जनहित में उनका उपयोग किया जा सके l

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