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MOA Registration, 80-G Certificate संस्था का सविधान, पंजीकरण व दान प्रमाण पत्र

                                                                         ॐ जय श्रीराम              

                     अखिल भारतीय वैश्य परिवार संघ

                                                     (सब का साथ–सब का विकास)

        पंजीकृत कार्यालय:456/2, अम्बेडकर नगर एक्स्टेंशन, हैदरपुर खादर, नई दिल्ली–110088

       E-mail: VaishParivarSangh@gmail.com  Website: www.VaishParivarSangh.com

        Mobile: 98714 95195

    ज्ञापन पत्र

  1.  संस्था का नाम : इस संस्था का नाम अखिल भारतीय वैश्य परिवार संघ होगाI
  2. संस्था(समिति)का प्रकार:कोड 02–समाज कल्याण(सोशल वेलफेयर) I

 

  1. पंजीकृत कार्यालय : संस्था का पंजीकृत कार्यालय 456/2, अम्बेडकर नगर एक्स्टेंशन, हैदरपुर खादर, नई दिल्ली – 110088 रहेगा I आवश्यकतानुसार विभिन्न स्थानों पर इसके शाखा कार्यालय खोले जाएँगें I

 

  1. कार्यक्षेत्र : संस्था का कार्यक्षेत्र पूरा भारत वर्ष होगा व इसकी शाखाएँ विदेश में भी आवश्कतानुसार खोली जा सकती हैं I

 

  1. संस्था के उद्देश्य : संगठन संस्था का मुख्य उद्देश्य समस्त वैश्य समाज को एक सूत्र में पिरोना व विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से इसका आध्यात्मिक, धार्मिक, सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक आदि क्षेत्र में आपस में मिलकर चहुंमुखी विकास करना है, जो “सब का साथ-सब का विकास” की नीति पर आधारित होगा I

 

  1. नेशनल कैपिटल टेरिटरी आफ दिल्ली में यथाप्रभावी समिति पंजीकरण अधिनियम (1860 पंजीकरण संसोधन अधिनियम  1957) के अधीन संस्पेक्षित संस्था के कार्य एवम व्यवहार आदि सौपें गये हैं, उनके नाम, पते, व्यवसाय एवम पद निम्न प्रकार से हैं :-

 

 

क्रमांक

नाम व पता

व्यवसाय

पद

 

1.

श्री केदार नाथ अग्रवाल

59,गोविन्द मोहल्ला,

मन्दिर वाली गली,दिल्ली-110088

मोबाइल 92121 12745

समाज सेवी

उप-प्रधान

 

 

 

2.

श्री हरी राम अग्रवाल

4-B-27, जवाहरनगर-335001,

श्रीगंगानगर, राजस्थान

मोबाइल 94144 34031.

 

कृषक

 

उप-प्रधान

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

3.

 

ब्रह्मानन्द  गोयल        

उर्फ़ ब्रह्मप्रकाश गोयल   

487, गली न.3, अम्बेडकर नगर एक्स्टेंशन,

हैदरपुर खादर, दिल्ली-110088

मोबाइल 98714 95195.

सेवानिवृत

महासचिव

 

4.

राकेश मित्तल

22/439, प्रभु नगर मंडी,

सोनीपत-131001, हरियाणा

मोबाइल 92951 99011.  

प्राइवेट सर्विस

सचिव

5.

हंस राज

487/3,हैदरपुर खादर,      अम्बेडकर नगर एक्स्टेंशन, दिल्ली-110088

मोबाइल 98687 68062.

सर्विस

कोषाध्यक्ष

 

 

6.

अजेय जैन CA

1314, सेक्टर 18 –C,

चंडीगढ़

मोबाइल 98780 13140

चार्टर्ड अकाउंटेंट 

ऑडिटर 

             

 

 

 

  1. हम अधोह्स्ताक्षरित संस्था के ज्ञापन पत्र का अनुसरण करते हुए नेशनल कैपिटल टेरिटरी आफ दिल्ली में यथाप्रभावी समिति पंजीकरण अधिनियम,1860 (पंजीकरण संसोधन अधिनियम, 1957) के अधीन इस संस्था के संसोधित ज्ञापन पत्र व नियम उप-नियम को पंजीकृत करने के इच्छुक हैं I  

क्रमांक

नाम व पता

व्यवसाय

पद

1.

श्री केदार नाथ अग्रवाल

59, गोविन्द मोहल्ला, मन्दिर वाली गली, दिल्ली-110088

मोबाइल 92121 12745

समाज सेवी

प्रधान

 

 

2.

श्री हरी राम अग्रवाल

4-B-27, जवाहर नगर-335001,

श्रीगंगानगर, राजस्थान

मोबाइल 94144 34031.

कृषक

 

उप-प्रधान

 

 

 

 

3.

 

ब्रह्मानन्द  गोयल

उर्फ़ ब्रह्मप्रकाश गोयल            

487, गली न. 3, अम्बेडकर नगर एक्स्टेंशन, हैदरपुर खादर,

दिल्ली-110088

मोबाइल 98714 95195.

सेवानिवृत

अधिकारी

महासचिव

 

 

4.

राकेश मित्तल

22/439, प्रभु नगर मंडी,

सोनीपत-131001, हरियाणा

मोबाइल 92951 99011.  

प्राइवेट सर्विस

सचिव

5.

हंस राज

487/3,हैदरपुर खादर,      अम्बेडकर नगर एक्स्टेंशन, दिल्ली-110088

मोबाइल 98687 68062.

सर्विस

कोषाध्यक्ष

 

 

6.

अजेय जैन CA

1314, सेक्टर 18 –C, चंडीगढ़

मोबाइल 98780 13140

चार्टर्ड अकाउंटेंट 

ऑडिटर 

 

7.

आशुतोष गुप्ता

L-1693, सुभाष पार्क, शास्त्री नगर,

मेरठ -250004.  उत्तर प्रदेश

मोबाइल 98373 21888. 

व्यापार  

 

 

सदस्य

 

8.

अशोक गोयल

मैसर्ज अग्रवाल कलेक्सन, 137-B, मिन्ट स्ट्रीट, साहूकार पैट, नियर होटल महाशक्ति,

चेन्नई-600 079, तमिलनाडु

मोबाइल 98407 63539  

व्यापार

सदस्य

 

9.

खजानची लाल  गोयल

फ्लैट न. A-5, By Lane No.1,

महालक्ष्मी अपार्टमेन्ट, तरुण नगर, (Back side of Rajiv Bhawan),

गौहाटी- 781005.     आसाम

मोबाइल 98640 93945.

व्यापार 

सदस्य

 

10.

अमित गोयल

फ्लैट न. 004, ब्लाक B, यशोदया स्क्वायर,राम मूर्ति टावर, टी.सी.पालया,

Next to Shri Chetanya School,

बंगलुरू-560100, कर्नाटक

मोबाइल 98860 38056.    

प्राइवेट सर्विस

सदस्य

 

11.

पवन कुमार चौधरी

कठघड़ा शाही, कटक-753001 (उड़ीसा)

C/o श्री श्याम बाबा चैरिटेबल ट्रस्ट

श्री श्याम मंदिर, बालू बाज़ार, कटक-753 001  (उड़ीसा)

मोबाइल 93381 10929.

व्यापार

सदस्य

 

           

                 

 

 

नियम व उप-नियम

  1.  संस्था का नाम : इस संस्था का नाम अखिल भारतीय वैश्य परिवार संघ होगाI

 

  1. सदस्यता :वैश्य समाज या जाति (जिसमें अब तक 365 घटक सम्मिलित हैं)  का जो व्यक्ति अपना या अपने परिवार की ओर से संस्था के संविधान व उद्देश्यों के प्रति अपनी सहमति देने  व पालन करने के भाव से संस्था का सदस्यता/ जनगणना फार्म भरेंगें, उन्हें (परिवार के सभी सदस्यों को ) संस्था का जनसाधारण सदस्य माना  जाएगा I अठारह वर्ष से ऊपर की आयु वालों को साधारण सदस्य कहा जायेगा I

 

  1. फार्म भरने वाले वर्ष की प्रथम जनवरी को जिस की आयु 18 वर्ष हो चुकी है, उन्हीं को शर्तें पूरी करने पर नियमानुसार किसी भी इकाई का कार्यकारिणी सदस्य, पदाधिकारी, विशिष्ट या आजीवन सदस्य या संरक्षक सदस्य बनाया जा सकता है I

 

  1. सदस्यता की स्वीकृति या अस्वीकृति : किसी की भी सदस्यता स्वीकार करने या अस्वीकार करने का वहाँ की गवर्निंग बाडी को या उसके द्वारा अधिकृत समिति को विशेषाधिकार रहेगा I

 

  1. संस्था के हित के विरुद्ध किसी भी तरह का कोई भी कार्य करने वाले किसी भी सदस्य की सदस्यता गवर्निंग बाडी द्वारा  या उसके द्वारा अधिकृत समिति द्वारा रद्द करने का विशेषाधिकार रहेगा I

 

  1. कार्यकर्त्ता नेटवर्क में औसत प्रति 10 घरों के पीछे एक प्रतिनिधि सदस्य ( व एक स्टैंडबाई ) उनकी इच्छानुसार व काम के आधार पर लिए जायेंगे, परन्तु इनमें से केवल बालिग़ प्रतिनिधि सदस्य ही वहां की  संगठन संस्था के कार्यकारिणी सदस्य होंगे I

 

  1. इस के अतिरिक्त जो बालिग़ सदस्य विशेष आर्थिक सहयोग  करेंगे, उनके आर्थिक सहयोग के आधार पर या बालिग़ व्यक्ति विशेष को उसकी  विशिष्टताओं के कारण  संस्था के हित में किसी भी स्तर पर (यानि स्थानीय स्तर पर, जिला स्तर पर या राज्य स्तर पर या राष्ट्रीय स्तर पर) संगठन संस्था के विशिष्ट कार्यकारिणी सदस्य के रूप में लिया जा सकता है I

 

  1. जरूरत पड़ने पर चुनाव में भाग लेने का अधिकार उसी सदस्य को होगा (Voting Rights, when required), जिसने अपनी पूरी सदस्यता राशी का पहले ही समय पर भुगतान कर दिया हो I  वोटिंग राईट के लिए न्यूनतम दो वर्ष की सदस्यता वरीयता ( Seniority of two years) व साथ में दो वर्ष की सदस्यता राशी दी होनी चाहिए I चुनाव प्रक्रिया प्रारम्भ होने के पश्चात बकाया सदस्यता राशी का भुगतान समय पर भुगतान नहीं माना जायेगाI

 

  1. चुनाव में खड़े होने या भाग लेने का अधिकार उसी को होगा जिसे वोट डालने का अधिकार है I

 

  1. वर्ष 2018-19, 2019-20 व 2020-21 लगभग प्रथम तीन वर्ष के दौरान  सभी स्तर की कार्यकारिणी अस्थायी (Adhoc) रहेंगी, (चूँकि प्रारम्भ में इनका गठन नामित आधार पर होगा, न कि चुनाव आधार पर) जिनमें वोटिंग राईट लागु नहीं होगा I इसके पश्चात बाकायदा लोकतान्त्रिक ढंग से चुनावी आधार पर हर स्तर पर कार्यकारिणी का गठन किया जायेगा I  कोई भी सदस्य पिछली तारीख से (From Back Date) सदस्य नहीं बनाया जायेगा I  देय सदस्यता शुल्क वित्तीय वर्ष के प्रथम छ: माह के अंदर अंदर भुगतान  कर देना चाहिए, तभी शुल्क नियत समय पर दिया माना जायेगा I

 

  1. सदस्यता के प्रकार:-
  1. जनसाधारण सदस्य –जिसका सदस्यता फार्म में नाम है, चाहे वह बालिग़ है या नहीं, उसे संस्था का जनसाधारण सदस्य कहा जायेगा I

साधारण सदस्य – जनसाधारण सदस्यों में से जो चालू वर्ष के प्रथम दिन 18 वर्ष का हो चूका है, वह उस वर्ष से साधारण सदस्य कहा जायेगा I

 

  1. प्रतिनिधि सदस्य – जो व्यक्ति समाज हित में अपना समय निकाल कर संस्था के लिए काम करता है तथा अपनी गली या आस-पड़ोस के औसत 10 से 15 या कम घरों/परिवारों का प्रतिनिधित्व करता है, उसे प्रतिनिधि सदस्य कहेंगे I कार्यकर्त्ता नेटवर्क में औसत प्रति 10 घरों के पीछे एक प्रतिनिधि सदस्य ( व एक स्टैंडबाई ) उनके काम के आधार पर लिए जायेंगे व वे ही प्रतिनिधि सदस्य वहां की  संगठन संस्था के कार्यकारिणी सदस्य होंगे I ये प्रतिनिधि सदस्य संस्था व उन घरों के बीच एक सेतु का कार्य करेगें I

 

  1. विशिष्ट सदस्य: प्रतिनिधि सदस्यता के रास्ते से न आकर, जो बालिग़ व्यक्ति विशेष को उसकी  विशिष्टताओं के कारण संस्था के हित में किसी भी स्तर पर (यानि स्थानीय स्तर पर, जिला स्तर पर या राज्य स्तर पर ) संगठन संस्था के कार्यकारिणी सदस्य के रूप में लिया जाता है तो ऐसा सदस्य विशिष्ट सदस्य कहलाएगा I

 

 

 

 

 

  1. आजीवन सदस्य : कोई भी बालिग़ व्यक्ति संस्था के नियमानुसार अपना आर्थिक सहयोग प्रतिवर्ष न देकर इकट्ठी एक साथ दे देता है या विशेष आर्थिक सहयोग  करेंगे, उनके आर्थिक सहयोग के आधार पर, उसके जीवन काल तक वह आजीवन सदस्य कहा जायेगा I सहयोग की राशि अनुसार उसे उस स्तर की कार्यकारिणी का आजीवन सदस्य भी बनाया जायेगा I

 

  1. राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य  या केन्द्रीय कार्यकारिणी सदस्य या केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड सदस्य या Member Think Tank – केन्द्रीय कार्यालय में जिन सदस्यों पर केन्द्रीय  कार्य योजना तैयार करने, उसे लागू करने, समीक्षा करने, सुधार करने का दायित्व रहेगा (To prepare Central Action Plan and to  implement, to monitor/follow up, to review and to improve it from time to time), उन्हें राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य  या केन्द्रीय कार्यकारिणी सदस्य या केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड सदस्य या Member Think Tank कहा जाएगा I ऐसे सदस्य संस्थापक सदस्यों में से भी हो सकता है या जो संस्था के उद्देश्य पूर्ति में समर्पण भाव से तन,मन व धन से विशेष सहयोग करता है I वर्ष 2020 तक इन्हें नामित आधार पर लिया जायेगा, बाद के वर्षों में नीचे से लोकतान्त्रिक आधार पर चुन कर आयेंगे I

 

  1. सलाहाकार समिति: ज्यादा महत्वपूर्ण व्यक्ति, जो बहुत अधिक प्रभावशाली व प्रतिभा के धनी होते हैं, उन्हें प्रबन्धन बोर्ड की सलाह से संस्था के हित में संस्था की सलाहकार समिति में ले लिया जायेगा l इसमें समाज के एम.पी., एम.एल.ए.,अधिकारी या उधोगपति हो सकते हैं, मगर यदि इन्होंने अपना कोई आर्थिक सहयोग नहीं दिया है तो इन्हें वोट डालने का हक नहीं होगा l

 

  1. संरक्षक सदस्य : स्थानीय/जिला/राज्य इकाई या केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड का जो भी कोई सदस्य, जिसकी टर्म पूरी हो गई है व संस्था के साथ बने रहना चाहता है व उसका रहना संस्था के लिए बहुत जरूरी है तथा जिसे संस्था से जुड़े हुए कम से कम 10 वर्ष हो गए है, तो ऐसे सदस्य को संस्था का संरक्षक सदस्य बना दिया जाएगा l

 

  1. सदस्यों के अधिकार :

 

    1. शर्तें पूरी करने पर वोट डालने का अधिकार;
    2. शर्तें पूरी करने पर चुनाव लड़ने का अधिकार;
    3. एक सौ रुपये के भुगतान पर नियम-उपनियमों की प्रति लेने का अधिकार;
    4. सुझाव देने का अधिकार;
    5. संस्था द्वारा सदस्यों को जो सुविधाएँ (common pooled facilities), निशुल्क या सशुल्क जैसे भी हों, लेने का अधिकार;
    6. अपनी इकाई से सम्बंधित नोटिस प्राप्त करने का अधिकार;

 

  1. सदस्यता की अवधि:

 

    1. स्थापक सदस्य अपने जीवन काल तक केन्द्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहेंगे I उनकी मौत के पश्चात उनका उत्तराधिकारी केन्द्रीय कार्यकारिणी के सदस्य के रूप में लिया जायेगा, जिसे साधारण सभा में पास करवाया जायेगा I

 

    1. आजीवन सदस्यों को छोड़ कर राज्य स्तर तक  सभी तरह के सदस्यों की अवधि 3 वर्ष रहेगी तथा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य  या केन्द्रीय कार्यकारिणी सदस्य या केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड सदस्य या Member Think Tank की अवधि 4 वर्ष होगीI

 

    1. संस्था के हित के विरुद्ध किसी भी तरह का कोई भी कार्य करने वाले किसी भी सदस्य की सदस्यता गवर्निंग बाडी द्वारा  या उसके द्वारा अधिकृत समिति द्वारा रद्द करने का विशेषाधिकार रहेगा I

 

    1. कोई भी सदस्य किसी एक पद पर अधिकतम केवल 3 वर्ष की उस सत्र की अवधि तक कार्य करेगा I यह अवधि राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य  या केन्द्रीय कार्यकारिणी सदस्य या केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड सदस्य या Member Think Tank की 4 वर्ष होगीI  सत्र समाप्ति पर उसके पद की अवधि भी समाप्त हो जाएगी I अगली तीन/चार वर्ष की अवधि के पश्चात उसे दोबारा उसी पद पर चुना जा सकता है I एक व्यक्ति एक पद पर केवल दो बार रह सकता है, वो भी लगातार नहीं I  ​​​​​​​प्रयास रहेगा कि किसीभी एक सदस्य पर एक ही पद का दायित्व रहे I

   

6.    सदस्यता की समाप्ति :

a. त्यागपत्र देने पर, मृत्यु या पागल होने पर, दिवालिया घोषित होने पर;

b. संस्था के उद्देश्यों के विपरीत कार्य करने पर ;

  c. नियम-उपनियमों का उल्लंघन करने पर;

    1. संस्था की लगातार तीन बैठकों में बिना पूर्व सूचना दिए अनुपस्थित रहने पर;

 

    1. सम्बन्धित वित्तीय वर्ष में या मांगने पर देय तिथि तक भी वार्षिक शुल्क जमा ना कराने पर;

 

    1. न्यायालय से नैतिक अपराध में दण्डित किये जाने;

 

    1. प्रस्ताव पास करके डिफाल्टर की सदस्यता समाप्त की जा सकती है,

उपरोक्त प्रत्येक स्थिति में केन्द्रीय कार्यालय को सूचित किया जायेगा I

 

7. पुन: सदस्यता:

      उपर्युक्त स्थितियों में सम्बंधित कार्यकारिणी के द्वारा उस सदस्य के स्थान पर   नियमानुसार केन्द्रीय कार्यालय की सलाह से वही या दूसरा सदस्य नियुक्त किया जा सकता है I

 

  1. सदस्यता रजिस्टर :      संस्था द्वारा हर स्तर पर सभी तरह के सदस्यों का बाकायदा रजिस्टर बनाया जायेगा व अपडेट मेन्टेन किया जायेगा I

 

 

 

 

 

 

 9. सदस्यता/सहयोग राशि :

a.   संस्था द्वारा सहयोग लेने का आधार “सब का साथ – सब का विकास” रहेगा I यदि हम यह सोचते हैं कि हम बिना कुछ त्याग किये कुछ पाने में सफल होंगे, तो यह हमारी भूल ही होगी I संस्था से हम तभी कुछ पाने की अपेक्षा कर सकते हैं, जब हमने इसे कुछ दिया हो अर्थात इसे कुछ करने या देने लायक बनाया हो I अत: समाज के प्रत्येक व्यक्ति/परिवार से करबद्ध विनती है कि आप सभी अपनी क्षमतानुसार दिल खोल कर सहयोग करें I जितने खुले हाथों से आप सहयोग करेंगे, आप की यह संस्था आप के लिए उतना ज्यादा काम कर सकेगी I देय सहयोग राशि वित्तीय वर्ष के प्रथम 6 मास पूरा होने से पूर्व देना होगा I

 

b. समाज  कल्याण की विभिन्न योजनाओं को चलाने  के लिए अपने प्रत्येक सदस्य/व्यक्ति से  (विशिष्ट व आजीवन व केन्द्रीय कार्यकारिणी सदस्य को छोड़ कर) न्यूनतम 100 रूपये प्रति वर्ष रशीद के बदले देने अपेक्षित/प्रार्थनीय है I उदाहरण के तौर पर यदि एक परिवार में कुल 5 प्राणी हैं तो उस परिवार से प्रतिवर्ष न्यूनतम 500/- अपेक्षित हैं I जो व्यक्ति यह राशि देने में असमर्थ है और वह समर्पित भाव से अपना समय व अन्य सेवा देना चाहता है, उसका भी संस्था में स्वागत है और उसे प्रतिनिधि सदस्य के रूप में रजिस्टर किया जायेगा I ऐसा सदस्य अपने काम के आधार पर राज्य स्तर तक पदाधिकारी भी चुना जा सकता है I कोई भी व्यक्ति अपनी श्रद्धानुसार अधिक राशि भी दे सकता है I  किसी विशेष कार्य को पूरा करने हेतु समाज से आर्थिक सहयोग की विशेष अपील की जा सकती है I आजीवन सदस्य बनने के लिए आर्थिक सहयोग की निम्न राशि प्रस्तावित/अपेक्षित है :-

  

क्रमांक 

इकाई का स्तर

कार्यकारिणी/पदाधिकारी/विशिष्ट सदस्य से अपेक्षित सहयोग

आजीवन सदस्य से

 1

स्थानीय स्तर पर

 1,100   प्रतिवर्ष

 11,000   

 2

जिला स्तर पर

 5,100   प्रतिवर्ष

 51,000  

 3

राज्य स्तर पर

11,000   प्रतिवर्ष

1,10,000

 4

राष्ट्रीय स्तर पर

51,000   प्रतिवर्ष

5,00,000

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

10.आय के साधन :

 

  1. सदस्यता शुल्क या अन्य कोई सहभागी शुल्क, उपयोग करने का शुल्क आदि द्वारा;

 

  1. चंदे या दान या भेंट या अनुदान, किराया, बैंक ब्याज, निवेश आदि द्वारा;

 

  1. समाज हित में आयोजित धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, मनोरंजक, ज्ञानवर्धक, खेल, साहित्य सेल आदि कार्यक्रमों के आयोजन से बची आय द्वारा;

 

  1. सरकारी सहायता एवम स्वयंसेवी संस्थाओं से प्राप्त धन आदि द्वारा I

 

11.वित्तीय वर्ष : संस्था का लेखा वर्ष वितीय वर्ष अनुसार रखा जायगा जिसकी अवधि   प्रथम अप्रैल से 31 मार्च तक होगी I  केन्द्रीय सरकार की तर्ज पर वित्तीय वर्ष को बदला जा सकता है I

12. संस्था का हिसाब-किताब : संस्था की प्रत्येक इकाई का हिसाब किताब डबल एंट्री सिस्टम की तर्ज पर Mercantile  आधार पर रखा जायेगा I प्रत्येक स्तर की संस्था को वर्ष के अंत में अपना पूरा हिसाब-किताब का लेखा-जोखा की एक प्रति केन्द्रीय कार्यालय  को भेजनी  होगी I समय समय पर सभी खातों  का संस्था के आडिटर द्वारा ऑडिट किया जायेगा I केन्द्रीय कार्यालय  के समस्त हिसाब किताब का ऑडिट अपने आंतरिक ऑडिटर के साथ साथ CA से भी करवाया जायेगा I

13. केन्द्रीय कार्यालय व इसकी स्थानीय, जिला व राज्य इकाइयों के बीच संग्रहित राशि/ प्राप्तियों का बटवारा :

a. प्रत्येक स्थानीय, जिला व राज्य इकाई द्वारा अपनी वर्ष भर की सकल प्राप्तियों का 10% भाग केन्द्रीय कार्यालय को ट्रान्सफर किया जायेगा I वर्ष में प्रति छ:माही का 10% भाग अगले माह के अंदर अंदर ट्रान्सफर करना होगा I इससे केन्द्रीय कार्यालय आर्थिक पक्ष से मजबूत होगा व सभी योजनाओं के लागू करने में आसानी रहेगीI केन्द्रीय इकाई समय समय पर जरूरत के हिसाब से इकाई विशेष को आर्थिक मदद करेगी जैसे कार्यालय या भवन क्रय करने/बनाने के लिए, विशेष सहायता कार्यों के लिए आदि आदि I

b. देश भर में वितरण किये जाने वाले वार्षिक कलेंडर (वार्षिक रिपोर्ट) में दान देने के लिए (जन्मदिन,सालगिरह,मुहूर्त या अन्य खुशी के अवसर आदि पर)  जो अपील के माध्यम से संस्था के बैंक खाते में सीधे जो प्राप्ति (Direct Collection in Bank) होती है, उसे area wise छांट लिया जायेगा व उस इकाई विशेष के 10% देय भाग से कम कर/घटा दी जाएगी I ज्यादा आने पर इकाई विशेष को ट्रांसफ़र नहीं की जाएगी I वितरण किये जाने वाले वार्षिक कलेंडर में केन्द्रीय इकाई का बैंक खाता नम्बर दिया जाएगा ताकि देश भर में एकता का संदेश जाए व सभी को खाता नम्बर याद हो जाए I  

 

  1. संस्था के धन एवम सम्पत्ति की सुरक्षा : कार्यकारिणी के निर्णय अनुसार संस्था के धन/नकदी आदि को संस्था के नाम से राष्ट्रीयकृत बैंक में खाता खोल कर जमा किया जायेगा I  बैंक से पैसा निकालने के लिए प्रधान, महासचिव, कोषाध्यक्ष में से किन्हीं दो के हस्ताक्षर अनिवार्य होंगे I संस्था को जो भी चल या अचल सम्पत्ति मिलेगी/संस्था द्वारा खरीदी जायेंगी/होंगी, वह सब संस्था के नाम से होंगीI

 

  1. संस्था का प्रतिनिधित्व : सरकार, किसी अन्य एजेंसी या तीसरी पार्टी से किसी भी तरह के लेनदेन/बैठक/चर्चा/विवाद आदि मामले में संस्था का पक्ष रखने के लिए सम्बन्धित संस्था (स्थानीय/जिला/राज्य/केन्द्रीय) के प्रधान व महासचिव या इनके द्वारा कोई अधिकृत व्यक्ति संस्था का प्रतिनिधित्व करेंगे I

 

  1.  बैंक खाता :संस्था की प्रत्येक इकाई का खाता राष्ट्रीयकृत बैंक खोला जायेगा I  कोशिश की जाएगी कि पूरे देश में एक ही बैंक में संस्था इकाइयों के खाते हों I फुटकर खर्चों के लिए केशियर अपने पास पच्चीस हजार तक रखा जा सकता हैI खर्चों का भुगतान सरकारी नियमानुसार चैक या नकद किया जाएगा I  बैंक खाता तीन में से किन्हीं दो पदाधिकारियों द्वारा आपरेट किया जायेगा I

 17.  साधारण सभा (GENERAL BODY) :

a.     स्थानीय स्तर की हर इकाई/संगठन संस्था के जनसाधारण सदस्य, साधारण सदस्य, प्रतिनिधि सदस्य, कार्यकारिणी सदस्य, विशिष्ट सदस्य व आजीवन सदस्य अपने-अपने होंगे I इन सब को मिलाकर (नाबालिग, अयोग्य व उन सदस्यों को छोड़ कर जिन्होने अपना अपडेट शुल्क नहीं दिया है) साधारण सभा होगी I  साधारण सभा में कार्यकारिणी का चुनाव किया जायेगा I इसके पश्चात कार्यकारिणी अपने पदाधिकारियों का चुनाव करेगी I चुनने की सब कार्यवाही लोकतान्त्रिक आधार पर की जाएगी I स्थानीय इकाई अपने जिले व राज्य व केन्द्रीय कार्यालय से प्राप्त सभी निर्देशों/नियमों का पालन करेगी व समय-समय पर अपनी उपलब्धि रिपोर्ट इन्हीं को करेगी I किसी मामले का अंतिम निर्णय केन्द्रीय कार्यालय का होगा I

 

 b.    जिला स्तर की संस्था में उस जिले की समस्त स्थानीय इकाइयों के दो-दो कार्यकारिणी सदस्य, जिला स्तर के विशिष्ट व आजीवन सदस्यों को मिलाकर जिला कार्यकारिणी/ जिले की साधारण सभा बनेगी I  इसके पश्चात जिला कार्यकारिणी अपने पदाधिकारियों/जिला प्रबन्धन बोर्ड का चुनाव करेगी I चुनने की सब कार्यवाही लोकतान्त्रिक आधार पर की जाएगी I पदाधिकारीगण/जिला प्रबन्धन बोर्ड की जिम्मेदारी होगी कि केन्द्रीय प्रबंधन बोर्ड द्वारा पारित सभी योजनाओं को अपने जिले की सभी संस्थाओं में लागू करे व अच्छे परिणाम दें I जिला इकाई अपने राज्य व केन्द्रीय कार्यालय से प्राप्त सभी निर्देशों/नियमों का पालन करेगी व समय-समय पर अपनी उपलब्धि रिपोर्ट इन्हीं को करेगी I किसी मामले का अंतिम निर्णय केन्द्रीय कार्यालय का होगाI स्थानीय इकाइयों से जो दो-दो कार्यकारिणी सदस्य जिला कार्यकारिणी में लिए जायेगें, उन दोनों की जिम्मेदारी रहेगी कि जिला स्तर पर जो प्रस्ताव पास हों या निर्देश मिलें, उन्हें अपनी स्थानीय इकाई पर लागू करवाएं I वे अपनी इकाई के जिला प्रतिनिधि होंगे I

 

c.     राज्य स्तर की संस्था में उस राज्य के समस्त जिलों की संस्थाओं/इकाइयों के दो-दो कार्यकारिणी के सदस्य, राज्य स्तर के विशिष्ट व आजीवन सदस्यों को मिलाकर राज्य  कार्यकारिणी/ राज्य की साधारण सभा बनेगी I  इसके पश्चात राज्य  कार्यकारिणी अपने पदाधिकारियों/राज्य  प्रबन्धन बोर्ड का चुनाव करेगी I चुनने की सब कार्यवाही लोकतान्त्रिक आधार पर की जाएगीI पदाधिकारीगण/राज्य प्रबन्धन बोर्ड की जिम्मेदारी होगी कि केन्द्रीय प्रबंधन बोर्ड द्वारा पारित सभी योजनाओं को अपने राज्य की सभी संस्थाओं में लागू करे व अच्छे परिणाम दें I राज्य इकाई  केन्द्रीय कार्यालय से प्राप्त सभी निर्देशों/नियमों का पालन करेगी व समय-समय पर अपनी उपलब्धि रिपोर्ट केन्द्रीय कार्यालय को करेगी I किसी मामले का अंतिम निर्णय केन्द्रीय कार्यालय का होगाI जिला इकाइयों से जो दो-दो कार्यकारिणी सदस्य राज्य  कार्यकारिणी में लिए जायेगें, उन दोनों की जिम्मेदारी रहेगी कि राज्य  स्तर पर जो प्रस्ताव पास हों या निर्देश मिलें, उन्हें अपनी जिला इकाई पर लागू करवाएं I वे अपनी इकाई के राज्य प्रतिनिधि होंगे I

 

d.  केन्द्रीय संस्था में सभी राज्यों संस्थाओं/इकाइयों के दो-दो कार्यकारिणी के सदस्य, राष्ट्रीय  स्तर के संस्थापक सदस्य, विशिष्ट, आजीवन व संरक्षक सदस्यों को मिलाकर राष्ट्रीय कार्यकारिणी/साधारण सभा बनेगी I  इसके पश्चात राष्ट्रीय कार्यकारिणी अपने पदाधिकारियों/केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड या थिंक टेंक का चुनाव करेगी I चुनने की सब कार्यवाही लोकतान्त्रिक आधार पर की जाएगीI पदाधिकारीगण/केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड की जिम्मेदारी होगी कि बोर्ड द्वारा पारित सभी योजनाओं को अपने सभी राज्यों की सभी संस्थाओं में लागू करे व अच्छे परिणाम के लिए समय समय पर बैठक कर चर्चा करे व सभी समस्याओं का समाधान करे I केन्द्रीय कार्यालय राज्य इकाइयों से प्राप्त सभी सलाह/समस्याओं पर गौर करे व उनका समाधान निकाले तथा मिलकर उद्देश्य की प्राप्ति के प्रयास करे I समय समय पर जारी निर्देशों/नियमों का नीचे इकाइयों से पालन करवाना केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड की जिम्मेदारी होगी व समय-समय पर नीचे से उपलब्धि रिपोर्ट मांगी जाएगी I जहां कहीं कोई इकाई ढीली है तो वहाँ जाकर समस्या का अध्ययन कर समस्या का हल करते हुए इकाई को मजबूत बनाना होगा I किसी मामले का अंतिम निर्णय केन्द्रीय कार्यालय का होगा I राज्य इकाइयों से जो दो-दो कार्यकारिणी सदस्य राष्ट्रीय कार्यकारिणी में लिए जायेगें, उन दोनों की जिम्मेदारी रहेगी कि राष्ट्रीय स्तर पर जो प्रस्ताव पास हों या निर्देश मिलें, उन्हें अपनी राज्य इकाई पर लागू करवाएं I वे अपनी राज्य इकाई के राष्ट्रीय  प्रतिनिधि होंगे I

  1. साधारण सभा की वर्ष में कम से कम एक बैठक अवश्य होगी I

 

 

  1. असाधारण परिस्थितयों में साधारण सभा की मीटिंग कभी भी बुलाई

जा सकती है I

  g.    साधारण सभा की बैठक सूचना (स्थान,तिथि,समय व एजेंडा बताते हुए) सभी सम्बन्धित को फोन/मोबाइल/SMS/ What’s App/डाक द्वारा पत्र भेजकर/ई-मेल,कुरियर सेवा आदि द्वारा उचित समय पर दी जाएगी I साधारण हालात में यह सूचना 10 दिन पूर्व देनी चाहिए I

h.    साधारण सभा का कोरम सभी योग्य सदस्यों को मिलाकर कुल संख्या के आधे (½) सदस्यों के बराबर होगा I यदि उस समय कोरम पूरा न हो सके तो बैठक आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी जायगी I इसके बाद बैठक आयोजित करने पर कोरम की आवश्यकता नहीं होगी I

 

18.   केन्द्रीय साधारण सभा की बैठक के लिए एजेंडा में निम्न विषय शामिल किये जायेंगे-

a)     संस्था के लिए केन्द्रीय कार्य योजना (Central Action Plan) तैयार करना व उसे लागू करने के सम्बन्ध में आवश्यक पालसी बनाना ;

b)           संस्था के विभिन्न कार्यक्रमों की वार्षिक योजना, बजट, चुनाव, संविधान में संशोधन, संगठन प्रणाली, कार्यप्रणाली, सम्पत्ति लेनदेन, विवाद आदि मामलों से सम्बंधित विषयों पर चर्चा व निर्णय किया जायेगा I

c)     साधारण सभा की अध्यक्षता प्रधान/अध्यक्ष करेंगे I उनकी कोई मजबूरी होने पर उप-प्रधान/उपाध्यक्ष या अनुभवी वरिष्ट सदस्य अध्यक्षता करेंगे I

d)     साधारण सभा में प्रस्तुत सभी मामले बहुमत आधार पर निर्णित होंगे I

e)     साधारण सभा में विशेषज्ञ, कर्मठ व समर्पित व्यक्तियों का एक केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड (Think Tank) का गठन किया जायेगा I

f)      जहाँ कहीं कोई नियम स्पष्ट नहीं है या कोई नई स्थिति उत्पन्न हो गई है, उस अवस्था में वहाँ की कार्यकारिणी फैंसला लेगी जिसकी सूचना केन्द्रीय कार्यालय को देना होगा व केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड का फैंसला  अन्तिम होगा I

19.   चुनाव या सत्र की अवधि :  

a)    केन्द्रीय इकाई को छोडकर संस्था के एक सत्र का कार्यकाल 3 वर्ष का होगा I प्रथम स्तर 2018-19 से मार्च 2021, अगला सत्र अप्रैल, 2021 से मार्च, 2024 तक व इसी प्रकार से चलेगा I केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड का कार्यकाल 4 वर्ष की अवधि का रहेगा I

 

b)    चुनाव लोकतान्त्रिक आधार पर निष्पक्ष व पारदर्शी होगा I वोट डालने की  दशा में गुप्त मतदान होगा I

 

c)    समय पर चुनाव करवाने की सारी जिम्मेदारी केन्द्रीय कार्यालय पर रहेगीI

 

d)    चुनाव में केवल योग्य (रजिस्टर अनुसार)व बालिग सदस्य ही भाग ले सकते हैं I वोट डालने का अधिकार केवल उसी व्यक्ति को होगा जिस का नाम सदस्य रजिस्टर में योग्य सदस्यों की सूची में हो I वोट डालने का अधिकार प्रतिनिधि सदस्यों, साधारण सदस्यों, विशिष्ट सदस्यों व आजीवन सदस्यों को होगा I

 

e)    एक व्यक्ति को केवल एक वोट देने का अधिकार होगा I

 

f)     किसी कारणवश सत्र के बीच में कोई पद खाली हो जाए, तो वहाँ की कार्यकारिणी द्वारा उस पद को शेष अवधि के लिए भरा जा सकता है व इसकी सूचना केन्द्रीय कार्यालय को अवश्य दी जाएगी I       

20.   स्थानीय, जिला, राज्य व केन्द्रीय स्तर पर पदाधिकारियों की संख्या व उनको जिस नाम से जाना जायेगा:

क्रमांक

स्थानीय इकाई

जिला इकाई

राज्य इकाई

केन्द्रीय इकाई

1.

प्रधान              1

जिला प्रधान       1

राज्य प्रधान    1

केन्द्रीय प्रधान      1

2.

उप-प्रधान         2

जिला उप-प्रधान    2

राज्य उप-प्रधान 2

केन्द्रीय उप-प्रधान   2  

3.

सचिव            1      

जिला सचिव         1       

राज्य सचिव     1

केन्द्रीय महासचिव   1

4.

सह सचिव        1

जिला सह सचिव    1

राज्य सहसचिव 1  

केन्द्रीय सह सचिव  1

5.

केशियर          1

जिला केशियर      1

राज्य केशियर   1

केन्द्रीय केशियर    1  

6.

सह केशियर       1

जिला सह केशियर   1

राज्य सहकेशियर1

केन्द्रीय सह केशियर 1

7.

ऑडिटर           1 

जिला ऑडिटर      1

राज्य ऑडिटर   1 

केन्द्रीय ऑडिटर     1

8.

संगठन सचिव           1

जिला संगठन सचिव       1 

राज्य संगठन सचिव  1

केन्द्रीय संगठन सचिव     1

9.

प्रचार मंत्री             1

जिला प्रचार मंत्री       1

राज्य प्रचार मंत्री   1

केन्द्रीय प्रचार मंत्री     1

पदाधिकारियों के अधिकार और कर्त्तव्य :

      A.    प्रधान

a)    प्रधान सभा/बैठक, कार्यकारिणी समिति एवम साधारण सभा की बैठकों की अध्यक्षता करेगा I

b)    किसी भी बैठक में किसी मामले में समान मत होने की स्थिति में वह  अपने मताधिकार का उपयोग कर सकेगा I

c)    संस्था के हितार्थ प्रधान किसी भी पदाधिकारी या कार्यकारिणी सदस्य या अन्य सदस्य को संस्था सम्बन्धी कार्य की जिम्मेदारी दे सकेंगे I

d)    कार्यकारिणी की पूर्व स्वीकृति बिना संस्था सम्बन्धी खर्चों के लिए प्रधान को एक लाख रुपए तक खर्च करने का अधिकार होगा, जिसकी स्वीकृति कार्यकारिणी से करानी होगी I

e)    संस्था सम्बन्धी खर्चों के लिए सभी वाउचरों पर महामंत्री के साथ साथ प्रधान के भी हस्ताक्षर करेंगे I

f)     संस्था की चल एवम अचल सम्पत्ति के समस्त दस्तावेज अपनी सुरक्षा (CUSTDY) में रखेंगे I

g)    संस्था को चलाना व आवश्यक वातावरण बनाए रखना व काम में संस्था को अव्वल दर्जे पर रखना प्रधान की मुख्य जिम्मेदारी होगी

B. उपप्रधान :

a.    प्रधान के निर्देशन में संस्था के समस्त कार्यों का संचालन करेगाI प्रधान की अनुपस्थिति में प्रधान के सभी कार्य करने के लिए अधिकृत होगा I

b.   संस्था में हो रहे सभी कार्यों की निगरानी रखेगा और यह  सुनिश्चित करेगा कि संस्था में हो रहे सभी कार्य संस्था के नियम और निर्धारित कार्य प्रणाली के अनुसार हो रहे हैं I

C. महामंत्री –

a)    प्रधान के निर्देशन में संस्था के समस्त कार्यों का संचालन करेगाI प्रधान की अनुपस्थिति में प्रधान के सभी कार्य करने के लिए अधिकृत होगा I

b)    संस्था में हो रहे सभी कार्यों की निगरानी रखेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि संस्था में हो रहे सभी कार्य संस्था के नियम और निर्धारित कार्य प्रणाली के अनुसार हो रहे हैं I

c)    कार्यकारिणी समिति और  साधारण सभा व अन्य किसी बैठक की कार्यवाही को कार्यवाही रजिस्टर (Minute Book) में दर्ज/अंकित करेगा I  सदस्यों का रजिस्टर बाकायदा अपडेट रखेगाI

d)    प्रतिवर्ष वित्तवर्ष की  समाप्ति के पश्चात संस्था के खातों का कोषाध्यक्ष के साथ कार्यकारिणी द्वारा अधिकृत ऑडिटर से ऑडिट कराएगा और साधारण सभा के बैठक में रखेगा व सभी सम्बन्धित को इसकी प्रति मांगने पर उपलब्ध कराई जाएगी I

e)    प्रधान के परामर्श से संस्था कार्यकारिणी एवम साधारण सभा का एजेंडा तैयार करना, मीटिंग की तिथि, समय व स्थान की लिखित सूचना सभी सम्बन्धित को समय पर उचित माध्यम से देनी और बैठकों का संचालन करना  I

f)     संस्था/सभा कार्य के संचालनार्थ पचास हजार रूपए तक खर्च करने का अधिकार होगा जिसकी स्वीकृति कार्यकारिणी से करानी होगीI

D. मंत्री :  महामंत्री के अनुपस्थिति में महामंत्री के सभी कार्य सम्पन्न  करेगाI    महामंत्री   द्वारा सोंपे गए संस्था के कार्यों में सहयोग देनाI

            

E. कोषाध्यक्ष :

a)     संस्था के आय-व्यय का हिसाब-किताब रखेगा और नियमित रूप से लेखा पुस्तकों का लेखन कार्य करेगा या अपनी निगरानी में करवाएगा I

b)     संस्था में होने वाली आय नियमित रूप से बैंक में जमा करवाएगा तथा भुगतान चैक द्वारा करेगा I दस हजार या सरकारी सीमा अनुसार खर्चों का भुगतान निर्धारित रसीद प्राप्त कर चैक या नकद रूप में किया जायेगा I

c)     फुटकर खर्चों के भुगतान के लिए अपने पास 25,000/- रुपए नकद रख सकेगा I  बिना रजिस्टर/कैशबुक में दर्ज किए व हस्ताक्षर/रसीद  लिए बिना कोई कैश नहीं दिया जायेगा I

 

d)     सभी खर्चे भुगतान प्रधान व महामंत्री की स्वीकृति से किए जायेंगेI

 

e)    प्रतिवर्ष वित्तवर्ष की  समाप्ति के पश्चात संस्था के खाते कार्यकारिणी द्वारा अधिकृत ऑडिटर के समक्ष महामंत्री के सहयोग से प्रस्तुत कर ऑडिट कराएगा I

21.      विविध:

  1. अपील : संस्था के किसी नियम-उपनियम या प्रक्रिया के तहत उत्त्पन्न हुई कोई शिकायत/विरुध्द अपील साधारण सभा में की जायगी I  साधारण सभा (जरूरत समझे तो मुख्यालय से परामर्श करके) मामले पर विचार करके समस्या का समाधान करेगी व साधारण सभा का निर्णय अंतिम होगा I
  2. कानूनी कार्यवाही : संस्था द्वारा या संस्था पर कोई भी क़ानूनी कार्यवाही इसके प्रधान/महासचिव/सचिव के नाम से/माध्यम से की जाएगी I सम्बंधित संस्था के मुख्यालय (Jurisdiction) अनुसार ही न्यायक्षेत्र तय होगा I
  3. अविश्वास प्रस्ताव: किसी भी पदाधिकारी के विरुद्ध कुल सदस्यगण के  51% सदस्यों  द्वारा हस्ताक्षरित अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया जा सकेगा I इसके बाद एक माह की अवधि में  साधारण सभा की मीटिंग में अविश्वास प्रस्ताव पर विचार होगा I  साधारण सभा का कोरम पूरा होने पर उपस्थित सदस्य गण के  बहुमत होने पर अविश्वास प्रस्ताव पारित हो सकेगा I

 

  1. संविधान के संशोधन या परिवर्तन या परिवर्धन : आवश्यकता अनुभव होने पर कार्यकारिणी में संविधान में संशोधन या परिवर्तन या परिवर्धन के प्रस्ताव को प्रस्तुत किया जायेगा I  साधारण सभा बहुमत से इनपर निर्णय करेगी I

 

 

  1. नॉमिनी : स्थानीय, जिला, राज्य व केन्द्रीय स्तर पर बने  आजीवन सदस्य अपनी मृत्यु से पूर्व अपना नॉमिनी चुन सकेंगे या फिर उनके योग्य होते हुए किसी कारणवश  सदस्यता छोड़ने पर उसके नॉमिनी को उसकी जगह आजीवन सदस्य के रूप में लिया जायगा I   

 

  1. विघटन : संस्था की साधारण सभा की बैठक में 3/5 उपस्थित सदस्यों के बहुमत से समिति पंजीकरण अधिनियम की धारा 13 के अनुसार संस्था का विघटन किया जा सकता है I

 

  1. निबटान :संस्था का विघटन होने पर उसकी चल व अचल सम्पत्ति को सदस्यों में नहीं बाटा जाएगा, बल्कि उसको साधारण सभा की बैठक में ऐसे समान उद्देश्य वाली किसी अन्य संस्था आदि को समिति पंजीकरण अधिनियम की धारा 13 और 14 के अनुसार दान स्वरूप दे दी जाएगी I

 

नेशनल कैपिटल टेरिटरी आफ दिल्ली में यथा प्रभावी समिति पंजीकरण अधिनियम १८६० के अधीन व अपेक्षित समस्त उपबन्ध इस संस्था पर लागू होंगे I

 

प्रमाणित किया जाता है कि यह संस्था के नियमों-उपनियमों की सही प्रति है I

 

 

( प्रधान )                ( महासचिव )                ( कोषाध्यक्ष )

     

 

       

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

उद्देश्य प्राप्ति हेतु संस्था द्वारा निम्न कार्य हाथ में लिए जा सकते हैं:-

संस्था द्वारा समाज हित के अनेक कार्य हाथ में लिए जा सकते हैं बशर्ते कि प्रत्येक कार्य के करने में समाज व राष्ट्र  का हित हो तथा साधन व कार्यकर्त्ता हों I  साधारण सभा द्वारा अधिकृत किये जाने पर केन्द्रीय प्रबन्धन बोर्ड द्वारा एक वर्षीय व पंच वर्षीय कार्य योजना तैयार की जाएगी I कार्य के समाज हित में होने की पुष्टि साधारण सभा में की जाएगी I

  1. हर परिवार तक पहुंच: संगठन संस्था की अपने हर परिवार/व्यक्ति तक पहुंच व अपने हर परिवार/व्यक्ति की अपनी संगठन संस्था तक “सदस्यता फार्म भरवा कर” पहुंच सुनिस्थित की जाएगी I एक विशेष कोड से (OTP) अपने बारे में सूचना कभी भी अपने स्मार्ट फोन से अपलोड व अपडेट की जा सकेंगी I संस्था भी कंप्यूटर के माध्यम से अपने हर परिवार/व्यक्ति तक पहुंच सुनिश्चित करेगी I जिस व्यक्ति का उसदिन जन्मदिन हो या शादी की सालगिरह या अन्य कोई शुभदिन हो, उसे संस्था के द्वारा उसके फोन पर SMS/What’sApp/Mail Address पर संस्था द्वारा शुभ कामनाएं प्रेषित की जाएँगी I   

 

  1. हर घर को चिन्हित करना : अपने घरों तक पहुंच सरल बनाने के लिए  घर घर जाकर अपने समाज के सभी परिवारों/घरों को एक विशेष चिन्ह (स्टीकर) से चिन्हित किया जायेगा I

 

  1. समाज का डाटा बैंक तैयार करना :: घर घर जाकर सर्वे करके व ऑनलाइन सदस्यता फार्म भरे जायेंगे जिसके तहत विभिन्न सूचना एकत्रित की जाएँगी व एक डाटा बैंक बनाया जायेगा, जो आगामी सभी योजनाओं का आधार होगा I

 

 

  1. समाज की डिजिटल डायरेक्टरी: सदस्यता फार्म की मदद से एक डिजिटल डायरेक्टरी तैयार की जाएगी, जिससे किसी को भी एक क्लिक करने पर ढूँढा जा सकेगा I एक विशेष कोड से (OTP) अपने बारे में सूचना कभी भी अपडेट/ अपलोड की जा सकेंगी I सुरक्षा की दृष्टि से प्रत्येक परिवार को एक कोड नम्बर मिलेगा जिससे डायरेक्टरी में अपना खाता देखा जा सकेगा I इसमें ट्रेडवावाईज /प्रोफेशन वाईज  डायरेक्टरी की भी सुविधा होगी I

 

 

  1. पहचान पत्र जारी करना: सर्वे के पश्चात समाज के हर व्यक्ति को एक पहचान पत्र जारी किया जायेगा, जरूरत पड़ने पर व्यक्ति विशेष की पहचान हो सके I इसी तर्ज पर सभी के आधार कार्ड/स्वास्थ्य कार्ड/वोट कार्ड/राशन कार्ड/सीनियर सिटीजन कार्ड/ड्राइविंग लाइसेंस/नई वोट बनवाना/PAN Card आदि बनवाने की सुविधा प्रदान की जाएगी I

 

 

 

  1. सभी को एक मंच पर लाना : देश भर में समस्त वैश्य समाज को एक सूत्र में पिरोना अर्थात सभी परिवारों व संस्थाओं को सूचीबद्ध करना और संगठन संस्था का एक केंद्रीय कार्यालय (Central Secretariat) होगा, जहाँ एक प्रबन्धन बोर्ड ( Think Tank ) कार्य करेगा, जिसका मुख्य कार्य केन्द्रीय कार्य योजना   (Central Action Plan ) बनाना  व उसे फील्ड में अपनी शाखाओं के माध्यम से लागू  करने हेतु नीति निर्माण करना, कार्य में प्रगति की समीक्षा करना व आवश्यक सुधार करना ( Prepare Central Action Plan and Policy to Implement it, Monitor it and Review the Progress from time to time). इस के तहत सभी जगह संस्थाओं के एक नाम, एक चिन्ह, एक ध्वज, एक निशान(लोगो/emblem), एक संविधान, एक संगठन प्रणाली, एक कार्य प्रणाली, एक चुनाव प्रणाली, एक सदस्यता नीति, एक संग्रह/चंदा प्रणाली, एक लेखा प्रणाली, एक केन्द्रीय कार्य योजना, एक उद्देश्य, कार्यों की मोनिटरिंग, समय समय पर समीक्षा व सुधार की नीति को अम्ल में लाया जायेगा I

 

 

  1. देश भर में  कार्यकर्त्ताओं का नेटवर्क : देश भर में औसत 10 परिवारों के पीछे कम से कम एक प्रतिनिधि कार्यकर्त्ता ( एक कार्यकर्त्ता स्टैंडबाई ) हो,ऐसा  कार्यकर्ताओं का नेटवर्क तैयार किया जायेगा I देशभर में हर 500 परिवारों के पीछे एक स्थानीय इकाई/संगठन संस्था खड़ी की जाएगी, जिसमें 50 सदस्यों की कार्यकारिणी होगी, स्थानीय इकाइयों को मिलाकर  जिला, राज्य स्तर पर इकाइयों/संस्थाओं का गठन किया जायेगा व बाद में राज्यों इकाइयों द्वारा राष्ट्रीय इकाई (National Body) का गठन किया जायेगाI प्रथम सत्र की सभी इकाईयां कामचलाऊ (Adhoc) होंगी I  

 

 

  1. विभिन्न कार्यों के लिए भिन्न भिन्न कार्यसमितियों का गठन : समाज को जोड़ने के लिए अनेकों कार्य योजनाएं प्रस्तावित हैं, प्रत्येक को पूरा करने के लिए अलग अलग कार्यसमिति बनाई जायगी ताकि अधिकतम व्यक्तियों का योगदान एवम सहयोग मिले I जैसे भवन समिति, वन महोत्सव समिति, जयन्ती व त्यौहार आयोजन समिति, अवार्ड समिति, मदद समिति, गौशाला समिति, औधोगिक व व्यापारिक सम्मेलन समिति, लीगल समिति, मेडिकल समिति, मीडिया समिति, प्रशिक्षण समिति, डायरेक्टरी समिति, इतिहास Up-dation समिति, परिचय सम्मेलन समिति, वैश्य पंचायत, प्रसार-प्रचार समिति, टैक्सेशन  (CA & Taxation एडवोकेट्स ) समिति, उपभोक्ता फोरम, खेल व योगा समिति, राजनैतिक मार्गदर्शन समिति, रोजगार समिति, इतिहास एवम साहित्य प्रचार समिति, मनोरंजन एवम कल्चरल समिति, पत्रकार समिति, रोजगार समिति,  आदि आदि  

  

 

  1. महान पुरुषों की जयन्ती/स्मृति दिवस/निर्वाण दिवस मनाना, समय समय पर गोष्ठी करना I

 

  1. वैश्य पंचायत का गठन :आपसी मामले निबटान हेतु वैश्य पंचायत का गठन किया जायेगा जो स्थानीय, जिला, राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर अपना कार्य करेगी I  इसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ सम्मिलित किए जायेंगे I

 

  1. प्रोत्साहित करना : पढाई, खेलों व अन्य क्षत्रों में अव्वल आने वालों व बढ़-चढ़ कर काम करने वालों को सम्मानित/प्रोत्साहित करना I

 

  1. आर्थिक मदद करना:जरुरतमन्द/होनहार पढने वाले बच्चों व जरुरतमन्द परिवारों की आवश्यक मदद करनाI

 

  1. ओल्ड बुक एक्सचेंज/सरप्लस फर्नीचर: जरुरतमंदो के लिए ओल्ड बुक एक्सचेंज की स्थापना करना I ओल्ड व सरप्लस फर्नीचर से जरुरतमंदो के मदद करना I

 

  1. धार्मिक स्थलों के दर्शन: समय समय पर अपने धार्मिक स्थलों के दर्शनार्थ टूर आयोजित करना I

 

  1. परिचय सम्मेलन व जरुरतमन्द परिवार की कन्या विवाह में मदद: शादी योग्य युवक-युवतियों का डाटा संग्रह करना, जरुरतमन्द को बताना,समय समय पर परिचय सम्मेलन आयोजित करना व लड़की की शादी में जरुरतमन्द परिवार की मदद करना I

 

  1. वैश्य साहित्य/इतिहास का प्रचार-प्रसार : सभी की जानकारी के लिए वैश्य समाज के समस्त साहित्य को वेबसाइट पर अपलोड किया जायेगा ताकि आने वाली पीढियां व शोध करने वाले छात्र अपने इतिहास एवम साहित्य की जानकारी पा सकें I इसके अतिरिक्त पुस्तक, सीडी,कैसट, ऑडियो-वीडियो, कलेंडर आदि के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जायेगा I हर परिवार में अपने महान पूर्वजों के चित्र/जीवनी पहुंचाई जाएगी I

 

 

 

  1. अपना भवन/कार्यालय/ हेल्प सेन्टर: प्रयत्न रहेगा कि सभी स्तर पर संस्था का अपना कार्यलय शीघ्र से शीघ्र अपनी जगह/बिल्डिंग में हो, जो नियमित रूप से खुले व समाज की हर सम्भव मदद की जा सके I यह भी प्रयास रहेगा कि जहाँ जहाँ अपने समाज के पर्याप्त सामुदायिक भवन नहीं हैं, वहाँ अपना भवन बनाने की कोशिश की जाएगी I

 

 

  1. धार्मिक गतिविधियाँ : समय समय पर मिलकर अपने त्योहारों/धार्मिक सत्संगों का आयोजन करना व अपनी रीति-रिवाज/संस्कृति की जानकारी देना I

 

  1. क्लब खोलना व सदस्य बनाना : आपसी भाईचारा क्लब (ABC) तथा “May I Help You” खोलना व इसके सदस्य बनाना ताकि जरूरत के समय जैसे घर में किसी के बीमार पड़ने या शादी विवाह के काम से बाहर जाना, पीछे से बच्चों की रखवाली करनी, दुःख-सुख में एक दुसरे के काम में हाथ बटाना  आदि  के समय भरोसेमंद व्यक्ति एक दूसरे के आपस में काम आ सकें I
  2. समाज की सभी गतिविधियों की जानकारी देना: विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं, इलेक्ट्रोनिक मीडिया, सोशल मीडिया आदि के माध्यम से अपनी वैश्य विभूतियों, उधोग-धन्धों, उत्पाद, विशिष्टताओं की जानकारी देनाI वैश्य मीडिया फेडरेशन के माध्यम से अपने समाज की सभी गतिविधियों/ खबरों का संकलन करना तथा उन की जानकारी समाज के एक छोर से दुसरे छोर तक तक पहुंचाना I
  3. होटल, धर्मशालाओं, धार्मिक संस्थाओं, अस्पतालों, उधोगों आदि की जानकारी संकलन : देश भर में अपने समाज के सभी होटल, धर्मशालाओं, धार्मिक संस्थाओं, अस्पतालों, उधोगों आदि की पूरी जानकारी-फोन न., पता,सम्पर्क person, उपलब्ध सुविधा, रेट आदि संकलित करके वेबसाईट पर डाली जाएगी, ताकि जरूरत पड़ने पर ठहरने, इलाज कराने व व्यापारिक लेनदेन करने के काम आ सके/लाभ लिया जा सके I

 

  1. सरकारी कामकाज में सहायता : समाज को सामाजिक व राजनैतिक तौर पर एक मंच पर लाते हुए जागृत करना तथा सरकार के ज्यादा से ज्यादा कामकाज में हाथ बटाना व सहयोग करना जैसे बाढ़, सूखा,आगजनी,राहत केम्प,15 अगस्त, 26 जनवरी, स्वच्छता अभियान,वृक्षारोपण, बेटी बचाओ,-बेटी पढाओ आदि आदि I

 

  1. बुराइयों का खंडन : समाज में फैली सामाजिक बुराइयों का खंडन करना जैसे भ्रूण हत्या, दहेज, बालविवाह, जादू-टोना, फिजूल खर्ची, फालतू का दिखावा, शराब, जुआ आदि I नकारात्मक बातें न करके केवल सकारात्मक बातें करने का संकल्प लेना I किसी की निंदा-चुगली न करके सद्भाव/सहयोग की बातें करनीI

 

  1. जाति व धर्म के आधार पर रिजर्वेशन का विरोध किया जायेगा I आज भी वोट बैंक की इस तुष्टीकरण की नीति ने योग्य बच्चों को दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर कर दिया I रिजर्वेशन संसार में कहीं भी नहीं है I इस नीति ने देश की जड़ो को खोकला कर दिया है I

 

  1. देश की संस्कृति रक्षा व देश हित के कार्य करना: समाज द्वारा सरकारी नीतियों में अधिकतम सहयोग देना जैसे हिन्दी दिवस, झंडा दिवस, स्वतन्त्रता दिवस व गणतन्त्र दिवस कार्यक्रम में बढ़-चढ़ कर भाग लेना, नेताओं के जन्मदिवस पर डिबेट रखना,ब्लड कैम्प लगाना, बेटी बचाओ – बेटी पढाओ, नशा मुक्ति आन्दोलन, सफाई अभियान में सहयोग देना, अधिक से अधिक पेड़ लगाना, बीमारी उन्मूलन कार्यक्रम,पोलियो उन्मूलन, बाढ़-सुखा राहत कैम्प में सहभागी बनना, पानी बचाना, गरीबों की मदद करना, गरीबों को पढ़ाना, लाइब्रेरी खोलना, प्याऊ लगाना, कावड़ सेवा कैम्प लगाना, धर्मार्थ क्लिनिक खोलना आदिI

 

 

  1. अवार्ड/प्रोत्साहन की शुरुआत : स्वयं के, अपने बच्चों व पूर्वजों के जन्मदिन के उपलक्ष्य में, शादी की वर्षगांठ पर, शुभकार्य जैसे मुहूर्त, सगाई, विवाह, पूर्वजों की स्मृति दिवस आदि के अवसर पर  स्वेच्छा से प्रति वर्ष दिया जाने वाला अवार्ड/प्रोत्साहन योजना की शुरुआत करना (स्पोंसर करना ), ताकि हर वर्ष किसी न किसी को सम्मानित किया जा सके व स्पोंसरर  का भी नाम होता रहे I इसके अतिरिक्त संस्था द्वारा योग्यता एवम सेवा के आधार पर वैश्य रत्न, अग्र रत्न आदि पुरस्कारों की शुरुआत की जाएगी I

 

  1. योगा कैम्प, मेडिकल चेकअप कैम्प, व शिक्षा मार्गदर्शन कैम्प :पढाई व इलाज में मदद के उद्देश्य से  अपने समाज द्वारा संचालित विभिन्न स्कूल-कालेजों व अस्पतालों से सम्पर्क करके संस्था द्वारा ये प्रयास किया जायेगा कि संस्था की सिफारिश से/मदद से गरीब व जरुरतमन्द बच्चे का दाखिला हो पाए ताकि उसकी पढाई/इलाज हो सके I समय समय पर मेडिकल व शिक्षा मार्ग दर्शन कैम्प लगाए जा सकें I  इसके लिए विभिन्न डाक्टरों व शिक्षाविदों का पैनल बनाया जायेगा I

 

  1. टैक्स बार, सिविल बार व अथॉरिटी के साथ व्यापार मंडल के साथ गोष्ठी/सम्मेलन : समय समय पर व्यापारियों की समस्या हल करने के लिए व सरकारी नियमों से अपडेट करने के लिए टैक्स बार के साथ गोष्ठीयों का आयोजन करना I इसके अतिरिक्त सिविल बार से भी समय समय पर गोष्ठी की जा सकती है I

 

  1. ब्लड दान दाताओं व अंगदान दाताओं की  सूची तैयार करनी ताकि जरूरत के समय काम आ सके I डाटा बैंक में सभी के ब्लड ग्रुप का रिकॉर्ड रखना I

 

  1. लड़के व लड़कियों के लिए होस्टल खोलना : संस्था पढने वाले लड़के व लड़कियों के लिए अपने समाज को हॉस्टल/पी.जी.खोलने के लिए प्रेरित करेगीI

 

  1. To-Let सेवा/ Car Pool सेवा:  इसके अतिरिक्त समाज के लिए To-Let सेवा/ Car Pool सेवा भी शुरू करेगी ताकि दोनों तरफ से जरुरतमंदों की मदद हो सके I

 

  1. प्रशासन व आवश्यक सेवाओं की जानकारी : संस्था द्वारा अपनी डायरेक्टरी व वेबसाइट पर स्थानीय प्रशासन के फोन न., आवश्यक सेवाओं जैसे गैस,बिजली,पानी,फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस, अस्पतालों के नाम व पते आदि की जानकारी दी जाएगी I

 

  1. पढाई, खेल व सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का आयोजन करना: संस्था द्वारा अपनी विभिन्न इकाईयों के मध्य हर स्तर पर पढाई, खेल व सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जायेगा व विजेता को अच्छा पुरस्कार दिया जाएगा I

 

  1. लीगल सेल : हर स्तर पर समाज में लीगल सेल की स्थापना की जाएगी, जो समाज में यदि कहीं उत्पीड़न के खबर आती है तो संस्था उसकी संज्ञान/सुध लेगी व अपने लीगल सेल के माध्यम से उचित कार्यवाही करेगी I यदि सरकार या अन्य किसी एजेंसी या पार्टी/व्यक्ति द्वारा कहीं किसी रूप में समाज को सामूहिक रूप में या किसी व्यक्ति विशेष को किसी रूप में बदनाम/बेइज्जत/अपमानित/प्रताड़ित  किया जाता है, तो समाज का यह लीगल सेल उसे रोकने के लिए व व्यक्ति विशेष की मदद हेतु आवश्यक कारवाही करेगाI

 

  1. वैश्य वाहिनी का गठन : संस्था द्वारा हर जिले में युवा पढ़े-लिखे 50 नवयुवकों की एक वैश्य वाहिनी तैयार की जाएगी व उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जायेगा I  इसका मुख्य कार्य जहां कहीं भी समाज के किसी व्यक्ति के साथ कोई दुर्घटना/उत्पीड़न/ज्यादती होती है, इसकी सुचना मिलते ही ये टीम वहां जाएगी और देखेगी की उसे कैसे क्या राहत दी जा सकती है I इसमें अपनी लीगल सेल के व वैश्य पंचायत के व्यक्ति भी शामिल होंगे, जिन सभी की राय से वहां मौके पर क्या करना चाहिए, कदम उठाया जाएगा I  

 

  1. वार्षिक कलेंडर –वार्षिक कार्य योजना एवम उपलब्धि रिपोर्ट : संस्था द्वारा अपने सक्षम भाईयों के सहयोग से अपने प्रत्येक परिवार को प्रतिवर्ष एक तारीख़ का कलेंडर समय पर दिया जायेगा, जिसमें दोनों तरह की तिथियाँ तो होंगी ही, साथ में एक पन्ने पर संस्था के बारे में पूर्ण जानकारी – स्थानीय व राष्ट्रीय संस्था के नाम, पता, फोन न.,मेल एड्रेस, वेबसाइट का नाम, केन्द्रीय वार्षिक कार्य योजना एवम टारगेट फिक्स्ड (Central Annual Action Plan & Target to be achieved) दिये होंगे I अगले वर्ष से कलेंडर में टारगेट फिक्स्ड के साथ साथ उपलब्धि रिपोर्ट भी होगी I इसमें सदस्यता के बारे में, संग्ठन प्रणाली के बारे में, संस्था की कार्य प्रणाली के बारे में, दान आदि के बारे में जानकारी दी जाएगी I आप संस्था को कैसे किस रूप में सहयोग कर सकते हैं व संस्था आप की कैसे किस रूप में सहायता कर रही है व करना चाहती है, बताया जायेगा I

 

  1. विश्वास का आधार : संस्था का मानना है कि हम बुद्धिजीवी हैं, सम्पूर्ण समाज की रीढ़ हैं, मेहनत करके कमाना जानते हैं व स्वाभिमान से रहना/जीना चाहते हैं, देश के उत्थान व विकास के प्रत्येक क्षेत्र में सदैव से हमारे समाज का अतुलनीय योगदान रहा है, जिसका इतिहास साक्षी है I  मेरा दृढ विश्वास है कि हम अपनी  एकता को प्रमाणित करने में भी सबसे आगे रहेंगे, बशर्ते कि आप हमारे साथ हैं I  आपकी यह संस्था “सब का साथ-सब का विकास” की नीति पर आधारित है I  हमारा विश्वास है कि हम होंगे कामयाब,  हम होंगे कामयाब –

हमारी जीत –– सब की जीत - मेरी जीत I

 

  1. दस साल में अपने राज की गारंटी-हम व्यापारी-शुशासन के अधिकारी: हमारी समाज के सभी भाई-बहनों/परिवारों से हाथ जोड़ कर विनती है कि वे अपनी प्रतिदिन की 1440 मिनटों में से मात्र 10 मिनट प्रतिदिन के हिसाब से समाज संगठन के लिए लगाएं (संस्था को दें) व अपनी मेहनत की नेक कमाई से प्रति प्राणी मात्र 1 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से  इस संस्था को दान करें, तो यह संस्था आपको अपना शुशासन का सिंघासन दिलाकर रहेगी I हम व्यापारी- शुशासन के अधिकारी – अपना शासन लेकर रहेगें I मेहनत हमारी, वोट हमारी – शासन प्रशासन भी हमारा होगा I हमारे राम-राज्य में भ्रष्टाचारी व अराजक तत्वों के लिए कोई स्थान नहीं होगा I   
  2.  विशाल वेबसाइट का निर्माण व अपडेट सामग्री:

 

  • इस वेबसाइट पर आप अपना व अपने परिवार के सभी सदस्यों के नाम, पते, निवास व व्यवसाय का पता, मूल निवास, गोत्र, फोन न., ब्लड ग्रुप, जन्म तिथि, शिक्षा, सहयोग  आदि फीचर तो देख ही सकते हो, इसके अतिरिक्त आप अपने चाहने वालों के भी घर बैठे जानकारी प्राप्त कर सकते हैं I

 

  • इसमें लोडिड डायरेक्टरी में आप ट्रेड अनुसार, व्यवसाय (profession) अनुसार,  शहर अनुसार सभी की सूची, सम्पर्क नम्बर देख सकते हैं I  

 

  • इसमें आप घर बैठे शादी योग्य युवक-युवतीओं के बायोडाटा फोटो भी देख सकते हैं, जिससे अपने बच्चे की शादी में बहुत मदद मिलेगी I

 

  • इसमें रोजगार की तलाश में सभी के बायोडाटा अपलोड किए जाएँगे, जिससे आप घर बैठे रोजगार ढूंढ सकते हैं I दूसरी तरफ सभी नियोक्ता बन्धुओं से निवेदन की जाती है कि आप जब  कभी किसी कर्मचारी की तलाश में हों तो विज्ञापन की एक प्रति  वेबसाइट पर भी डाल दें, ताकि अपने बेरोजगार बच्चे इसे वेबसाइट पर देखकर apply कर सकेंI

 

  •  दूसरी तरफ सभी नियोक्ताओं से निवेदन की जाती है कि आप जब  कभी किसी कर्मचारी की तलाश करें, तो कृपया उस विज्ञापन की एक प्रति इस वेबसाइट पर डाल दें, ताकि अपने बेरोजगार बच्चे इसे वेबसाइट पर देखकर apply कर सकें I दूसरा निवेदन है कि आप एक बार वेबसाइट पर उपलब्ध बायोडाटा पर नजर मार लें, इससे आप का पैसा व समय तो बचेगा ही, साथ में आपको एक योग्य व विश्वसनीय कर्मचारी मिलेगा व अपने एक बच्चे को काम मिलेगा I

 

  

  • समाज के इतिहास पर उपलब्ध तमाम साहित्य/सभी पुस्तकों को अपलोड करना व अपनी विभूतियों से सम्बन्धित प्रेरक प्रसंगों, काव्य, गीत, भजन, नुस्खे आदि से सुसज्जित होगी ;

 

 

  • ब्लड ग्रुप अनुसार व्यक्तियों की सूची उपलब्ध रहेगी, ताकि जरूरत पड़ने पर सम्पर्क किया जा सके I

 

 

 

  • समाज की सभी विभूतियों का सचित्र विवरण – राजनीतिज्ञ, उधोगपति, वैज्ञानिक, न्यायविद व क़ानूनी विशेषज्ञ, अनुसन्धानकर्त्ता इतिहासकार, सम्पादक, साहित्य जगत में, लेखक, वैध-हकीम,संत-फकीर, जिस की स्मृति में डाक टिकट निकला हो, अभिनेता-अभिनेत्री, कवि, रचनाकार, डांस,  गायक, जादूगर, पहलवान,  समाजसेवी, धनी व दानी, स्कूल व कालेजों के संस्थापक/संचालक, शिवालयों-मन्दिरों, अनाथालय, एम्बुलेंस, शववाहन/श्मशान घाट के व्यवस्थापक, बावड़ी, बाग-बगीचे धार्मिक ट्रस्टों के संचालक, मीडिया जगत की हस्ती, फ़िल्मी जगत के महत्त्वपूर्ण हस्ती, खेल जगत में, धर्म, मेडिकल के क्षेत्र की हस्ती, स्वतन्त्रता सेनानी, राष्ट्रीय व वीरता पुरस्कारों से सम्मानित हस्ती, वीरता पुरस्कारों से सम्मानित हस्ती, गोमाता सेवा क्षेत्र में, प्रशासनिक क्षेत्र में, राष्ट्र भाषा की सेवा क्षेत्र में, इंजीनियरिंग क्षेत्र में, विभिन्न क्षेत्र में अपने समय में रहे टापर, किसी कला व अन्य विषय के विशेषज्ञ, देश विदेश में नाम कमाने वाली हस्तिओं का पूरा विवरण,  आदि आदि क्षेत्र की सभी प्रमुख हस्तियों का सचित्र विवरण दिया जायगा, ताकि आने वाली पीढियां उनसे प्रेरणा ले सकें तथा उनका नाम समाज के आईने से लुप्त न होकर अपने समाज के इतिहास के पन्नों में उनका नाम सदैव के लिए रोशन रहे ;

 

 

  • सक्रिय संस्थाएं का विवरण: देश विदेश में अपने समाज की सभी सक्रिय संस्थाएं, उनका इतिहास,  पूरा विवरण, वर्तमान पदाधिकारीगण  व उनकी अबतक की उपलब्धि व आगामी कार्य योजना का विवरण दिया जायेगा;

 

  • वजीफा योजना या कोई कल्याणकारी योजना : इसमें समाज द्वारा चलाई जा रही कोई भी समाज हित की योजनाओं का विवरण दिया जायेगा I

 

  • समाज द्वारा निकाली जा रही दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक आदि आधार पर पत्र-पत्रिकाएँ, अख़बार आदि का विवरण दिया जायेगाI
  • सभी धार्मिक व सामाजिक संस्थाओं जैसे धर्मशाला, चेरिटेबल भवन, ट्रस्ट, होटल, लोज(Lodge), हास्टल आदि जो अपने समाज द्वारा बनाई गई हैं, का पूरा सचित्र विवरण-नाम, पता, फोन न., सम्पर्क व्यक्ति, उपलब्ध सुविधा व बनाने वाली संस्था/परिवार का अपडेट नाम पता भी दिया जायेगा, ताकि वहाँ जाने पर मिलने व ठहरने की सुविधा हो सकेI

 

  •  जहाँ कहीं भी अपने समाज की विभूति  के नाम की कोई प्रतिमा लगी है, उनके नाम का कोई चित्र लगा है, किसी नगर, कस्बे, गाँव का नाम रखा है,  किसी सड़क, मार्ग, चौंक/चोराहे का नाम रखा है, अपनी किसी विभूति के नाम पर कोई द्वार/गेट या हॉल बना है या कहीं किसी उद्घाटन का पत्थर लगा है आदि की सचित्र जानकारी भी दी जाएगी I

 

  • किसी स्कूल-कालेज, लाइब्रेरी, धर्मशाला को  अपने समाज के लोगों द्वारा बनाया गया है या नाम रखा है/बनवाया है, आदि का उस परिवार सहित पूरा विवरण दिया जायेगा I इसके अतिरिक्त कोई कुआं बावड़ी मंदिर औषधालय बनवाया है या चला रहे हैं, का भी सचित्र विवरण दिया जायेगा;

 

  • अपने समाज के बड़े औधोगिक घरानों का देश के उत्थान में योगदान;

 

 

  •  समाज की वर्तमान सभी खबरें; अपने समाज का कोई व्यक्ति कोई नई उपलब्धि खोज करता है, उपलब्धि होती है, उसका विवरण समाचारों में दिखने के अतिरिक्त हस्तिओं में भी जोड़ा जायेगा I

 

  •  संस्था के सभी कार्यक्रमों की जानकारी – क्या टारगेट है, क्या कर रही है,  क्या उपलब्धि है , आप से क्या अपेक्षा है, आप कहां काम आ सकते हैं, अब आप को क्या करना है, आदि की सूचना समय समय पर आप को मिलती रहेंगी (अपलोड की हुई सामग्री से सुसज्जित होगी)

 

  1. आप के सुझाव –हमारे मार्ग दर्शक :

 

यह संस्था आप की है, इसका उदेश्य आप सभी लोगों की भलाई करना है, मिलकर सभी कार्य सम्भव हैं I संगठन में शक्ति होती है व आपसी फूट में नाश होता है I संगठन में शक्ति तभी होगी, जब आप का साथ होगा, आपका तन मन धन से सहयोग मिलेगा I आपके अमूल्य सुझाव हमारा मार्ग दर्शन करेंगे I बूंद बूंद से बने समुद्र, कण-कण से बने पहाड़, रेशे रेशे से बने मोटे रस्से की शक्ति ज्यादा होती है व शक्ति की ही संसार में पूजा होती है I आज तक संसार में ऐसा कोई उदाहरण नहीं, जहाँ किसी कमजोर व्यक्ति की पूजा होती हो I अगर आप अपने को व अपने बच्चों को सुरिक्षत रखना/देखना चाहते हो या शक्तिशाली बनना चाहते हैं तो आपस में मिलकर रहना ही एकमात्र रास्ता है I  आओ क्यों न इस रास्ते पर चलकर एक कीर्तिमान स्थापित कर पूरी दुनियां को दिखा दें कि हम एक हैं व एक रहेंगे , आगे रहे हैं व आगे ही रहेंगे I यदि सूर्य की भांति चमकना चाहते हो तो सूर्य की भांति आग में तपना होगाI  पुनः विश्वास के साथ कहेंगे कि सब का साथ होगा तो सब का विकास होगा I

 

गीता ज्ञान : “If you do not fight for what you want, don’t cry for what you lost.  Nothing depends on luck, every thing depends on work because even luck has to work.” 

-जय वैश्य –जय महाराजा अग्रसेन महाराज – जय कुलदेवी महालक्ष्मी जी -